प्रदेश के सभी शहरों को नया स्वरूप देने का करें काम- मनोहर लाल
मुख्यमंत्री हरियाणा निवास में शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिरता एवं बजट तैयारियों पर चर्चा के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान के 74वें संशोधन के तहत शहरी स्थानीय निकायों को 18 प्रकार के कार्य करने के अधिकार दिए गए हैं। प्रदेश में अभी इन निकायों को और मजबूत बनाए जा रहा है।
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय का बजट इस बार 7 प्रतिशत होगा तथा 2 प्रतिशत बजट अलग से कम आय वाली स्थानीय निकायों के लिए रखा जाएगा। स्टांप डयूटी के रूप में 2 प्रतिशत बजट निकायों को मिलता ही है, इसके अलावा बिजली के सरचार्ज के रूप में 2 प्रतिशत राशि भी रिजर्व रखी गई है। सभी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में आय बढ़ाने के लिए नई विज्ञापन पालिसी बनाई जाएगी। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी शहरोें को नया स्वरूप मिले और राज्य सरकार की ओर से इन्हें हर प्रकार से मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री हरियाणा निवास में शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिरता एवं बजट तैयारियों पर चर्चा के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान के 74वें संशोधन के तहत शहरी स्थानीय निकायों को 18 प्रकार के कार्य करने के अधिकार दिए गए हैं। प्रदेश में अभी इन निकायों को और मजबूत बनाए जा रहा है। सभी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाएं स्थानीय स्तर पर 15 मार्च से 31 मार्च तक अपना बजट बना लें और इसे मुख्यालय भिजवा दें। बजट में प्रस्तावित आय को अंदाजन न बनाकर वास्तविक आय के अनुसार बनाएं। अपनी आय बढ़ाने के नए स्रोत तैयार करें। निकायों की ओर से जनता को दी जाने वाली सर्विसिज बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं अधिक सक्रिय नहीं है, उन्हें दूसरी योजनाओं के साथ मर्ज किया जाए। उन्होंने विभाग की सभी योजनाओं वाइज प्रगति की समीक्षा की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थित अवैध कालोनियों को भी नियमित किया जाएगा। इसके लिए विकास चार्ज लिया जाएगा। पहले की नियमित करने की शर्तां को अब खत्म कर दिया गया। अब कम विकसित कालोनियों को भी नियमित करवाया जा सकता है।
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पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने से पहले कुछ बड़े विभागों से बजट पूर्व परामर्श किया जा रहा है। शहरी स्थानीय निकाय के बाद स्वास्थ्य, विकास एवं पंचायत, शिक्षा विभागों से भी परामर्श किया जाएगा, ताकि जनता के लिए एक बेहतर बजट प्रस्तुत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकायों के बजट पूर्व परामर्श के दौरान कहा कि हमारी सरकार समाधानों की सरकार है। शहरी स्थानीय निकायों में सभी प्रकार की समस्याओं को दूर किया जा रहा है। सभी अधिकारी मन से कार्य करें और सभी रूकावटों व समस्याओं का हल निकालते हुए इन्हें समाधान की ओर ले जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी शहरों में समग्र विकास की ओर ध्यान दिया जाए। पहले अम्रुत-1 योजना में 18 शहर शामिल किए गए थे। अब अम्रुत-2 योजना में सभी शहरों को शामिल किया जाएगा। शहरों में भी जो कालोनियां या बस्तियां विकास में पीछे रह रही हैं, उनके विकास पर अधिक ध्यान दिया जाए। हर शहर को एक नया स्वरूप देने की दिशा में काम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों को पारदर्शी व गुणवतापूर्ण ढंग से करवाने के लिए इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल बनाया गया है। सभी निकाय अपनी इंजीनियरिंग विंग को मजबूत बनाएं और विकास कार्यां में गुणवता का पूरा ध्यान रखा जाए। काम होने के बाद उसका पोस्ट ऑडिट अवश्य करवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी योजनाओं व सेवाओं का लाभ देने के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य किया है। इसलिए नगर निगम की सेवाओं को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़ने का काम करें। जो लोग पीपीपी में रजिस्टर्ड हो चुके हैं, उन्हें अनेक योजनाओं का लाभ स्वतः ही मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार की संभावनाओं को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। अब भ्रष्ट प्रवृति के लोगों में डर भी होने लगा है। हमारा प्रयास है कि हर प्रकार की गड़बड़ी की संभावनाओं पर पूर्ण रोक लगाई जाए। इसलिए आईटी का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन प्रणाली विकसित किया जा रहा है।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी निकायों में योजना अनुसार बेहतर कार्य किए जाएंगे। योजना अनुसार बजट का सदुपयोग किया जाएगा। जनहित के कार्यों व सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। विकास में पिछड़ रहे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, एसीएस टीवीएसएन प्रसाद, एसीएस अरूण गुप्ता व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर सहित प्रदेश भर से आए सभी नगर निगम आयुक्त, जिला नगर आयुक्त उपस्थित थे।
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