Third phase Lok Sabha Elections in UP: मुलायम-कल्याण के गढ़ में 'तौली' जाएगी सियासी ताकत
चुनाव के तीसरे द्वार पर सैफई परिवार के सामने मुश्किल 'वॉर' है। डिंपल यादव, अक्षय यादव और आदित्य यादव की सियासी किस्मत इसी चरण में तय होगी। डिंपल जीत जारी रखने और अक्षय यादव और आदित्य यादव सपा की खोई सीट वापस पाने की लड़ाई लड़ेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 07 मई को होने वाले तीसरे चरण के मतदान के लिए भी तस्वीर करीब-करीब साफ हो गई है। तीसरे चरण में संभल, फतेहपुर सीकरी, बदायूं और बरेली सभी सीटों पर एक-एक उम्मीदवार ने दावेदारी वापस ली। इसी के साथ तीसरे चरण की कुल 10 सीटों पर 100 प्रत्याशी मैदान में बचे रह गए हैं। जिसमे हाथरस से 10, आगरा से 11, फतेहपुर से 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध मिले। एक ने नाम वापस लिया। फिरोजाबाद में 7, मैनपुरी में 8, एटा में 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। बदायूं से 12 प्रत्याशी थे। एक ने नाम वापस लिया। आंवला में 9 और बरेली में 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। तीसरा चरण काफी महत्वपूर्ण है। इस चरण में मुलायम सिंह और कल्याण सिंह के गढ़ में मुख्य मुकाबला होगा।
चुनाव के तीसरे द्वार पर सैफई परिवार के सामने मुश्किल 'वॉर' है। डिंपल यादव, अक्षय यादव और आदित्य यादव की सियासी किस्मत इसी चरण में तय होगी। डिंपल जीत जारी रखने और अक्षय यादव और आदित्य यादव सपा की खोई सीट वापस पाने की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह के सामने भी हैटट्रिक लगाने की चुनौती होगी। वह, एटा से उम्मीदवार हैं। इस चरण की 10 में 8 सीटों पर इस समय भाजपा काबिज है।
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तीसरे चरण में जिन 10 सीटों पर चुनाव होने हैं इसमें संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली शामिल है। संभल और मैनपुरी सपा के खाते में हैं, बाकी 8 सीटों पर 2019 में भाजपा जीती थी। मुस्लिम बहुल संभल सीट से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन होने के चलते सपा ने उनके पोते और कुंदरकी से विधायक जियाउर्रहमान बर्क को उम्मीदवार बनाया है। 2014 में यह सीट भाजपा जीती थी, लेकिन पिछले चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने उसकी राह रोक दी थी।
संभल में 2019 में हार का सामना करने वाले परश्मेवर लाल सैनी इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार हैं, जबकि बसपा ने शौलत अली को टिकट दिया है। हाथरस, फतेहपुर सीकरी और बरेली में भाजपा हैट्रिक और आगरा एवं आंवला में लगातार चौथी जीत दर्ज करने की उम्मीद लिए मैदान में है। वहीं, सपा एवं कांग्रेस इस बार साथ हैं, जबकि बसपा अलग चुनाव लड़ रही है। इसलिए, अधिकतर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की ही उम्मीद है।
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