अखिलेश और जयंत के गठबंधन को चुनौती देंगी मायावती, जानिए क्या है बसपा प्रमुख का प्लान

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इस दौरन मायावती ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, कांग्रेस ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। बाद में बसपा ने कोशिश करके इसे वीपी सरकार के वक़्त लागू करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में दलितों और आदिवासियों के ऊपर अत्याचार हो रहा है।

लखनऊ। जैसे जैसे उत्तर प्रदेश के चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे वैसे लखनऊ के सियासी गलियारों में पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति को और तेज करने में जुट गई हैं। हर पार्टी खुद को मुकाबले के लिए तैयार कर रही है ताकि उसे उत्तर प्रदेश गद्दी मिल जाए। 30 नवंबर को बहुजन समाज पार्टी की पार्टी की प्रमुख मायावती ने लखनऊ में अतिपिछड़ा वर्ग, मुस्लिम समाज और जाट समाज के बड़े नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। सियासी जानकर इसे मायवती की उस रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसके जरिये मायवती वेस्ट यूपी के इलाकों में अखिलेश और जयंत चौधरी यानी सपा और आरएलडी के गठबंधन को चुनौती दे सकें।

 

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इस मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों अकेले पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यकीन जताया की ,2007 की तरह ही पूर्ण बहुमत से बसपा यूपी में सरकार बनाएगी।मायावती ने बताया कि, उन्होंने अतिपिछड़ा वर्ग, मुस्लिम समाज, और जाट पदाधिकारियों को अपने समाज के लोगों को जोड़ने के लिए कहा था। जिसकी समीक्षा उन्होंने बीते महीने की थी। मायावती ने दावा किया कि बड़ी संख्या में लोग उनकी पार्टी से जुड़े हैं। मायावती ने कहा आज जो भी अधिकार दलितों, और आदिवासियों को मिला है वह बाबा साहेब अंबेडकर की देन है।

विपक्ष पर रहीं हमलावर

इस दौरन मायावती ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, कांग्रेस ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। बाद में बसपा ने कोशिश करके इसे वीपी सरकार के वक़्त लागू करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में दलितों और आदिवासियों के ऊपर अत्याचार हो रहा है। बसपा से ओबीसी जनगणना की मांग भी सरकार से की जिसे केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है।

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आपको बता दें कि,अगले साल उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के पर चुनाव होगा। इसे लेकर  हर पार्टी अपनी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। एक तरफ सपा छोटे छोटे दलों और जयंत चौधरी को साथ लेते हुए आगें बढ़ रही है। तो दूसरी तरफ बीजेपी भी अपने फॉर्मूले हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिशों और ओबीसी राजनीति के साथ, सबका साथ सबका विकास का नारा दे रही है। प्रियंका गांधी भी कांग्रेस की नैया की पतवार अपने थाम में थामे हुए हैं। ओवैसी भी इस बार उत्तर प्रदेश 100 सीटों पर लड़ने के ऐलान के साथ चुनाव में ताल ठोक रहें हैं। आम आदमी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में जुटी हुई है। अब लखनऊ की गद्दी किसके हाथ जाती है ये तो वक़्त ही बतायेगा।

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