चीन की चालबाजी पर भारत सख्त, विंटर ओलंपिक सेरेमनी का किया बायकॉट, सीधा प्रसारण भी नहीं होगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया। अरिंदम बागची ने कहा कि खेद है कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण करना चुना है। भारतीय दूत बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
भारत के खिलाफ चीन लगातार चालबाजी करता रहता है। लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते फिलहाल सामान्य नहीं है। इन सबके बीच चीन ने विंटर ओलंपिक को लेकर भी एक ऐसा कदम उठाया है जो भारत को कभी भी रास नहीं आएगा। दरअसल, चीन ने बीजिंग विंटर ओलंपिक में गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को मशाल वाहक बनाया है। यही कारण है कि भारत में अब विंटर ओलंपिक का बहिष्कार कर दिया है। इतना ही नहीं, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा हा कि डीडी स्पोर्ट्स चैनल बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का सीधा प्रसारण नहीं करेगा।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को अफसोसनाक करार दिया। अरिंदम बागची ने कहा कि खेद है कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण करना चुना है। भारतीय दूत बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे। पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है। यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना।’’Regrettable that China has chosen to politicise the Olympics. The Indian envoy will not attend the opening or closing ceremony of the Beijing Winter Olympics: MEA on reports of China making Galwan soldier torchbearer pic.twitter.com/AdtDVk3aSv
— ANI (@ANI) February 3, 2022
इसे भी पढ़ें: नेहरू ने अयूब खान के प्रस्ताव को किया खारिज, और फिर कुछ इस तरह चीन की गोद में जा बैठा पाकिस्तान
गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रजिमेंट कमांडर को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी एवं जवान शहीद हुए थे।
अन्य न्यूज़