हरीश रावत को उम्मीद, उत्तराखंड में कांग्रेस को इस बार मिलेंगी 45-48 सीटें
हरीश रावत ने कहा कि अगर 2002 और 2022 के विधानसभा चुनावों की तुलना करें तो हम इस बार ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं। वर्ष 2002 में हमने चुनाव अपनी पॉजिटिविटी (सकारात्मकता) पर जीता था जबकि उस वक्त भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी) भी कम थी।
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प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान हुआ था जबकि मतों की गणना 10 मार्च को होगी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 2002 में कांग्रेस की जीत को लेकर सभी संशय में थे लेकिन वह स्वयं इस बात को लेकर बिल्कुल आश्वस्त थे कि पार्टी कम से कम 40 सीटें जरूर जीतेगी। वर्ष 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने 36 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। उस समय रावत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा गया था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब अपनी चुनाव रैलियों में खासकर बागेश्वर में जबरदस्त उमड़ी भीड़ को देखा तो उन्होंने भी उनकी बात को स्वीकार किया था कि कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है।
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रावत ने बताया कि 2002 के चुनावी नतीजों ने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी हतप्रभ कर दिया था। उन्होंने कहा, उन्होंने मुझे एक बार कहा कि आप चाय पर आइए और यह बताइए कि आपने चुनाव कैसे जीता ? वर्ष 2002 से पहले 30 सदस्यीय अंतरिम विधानसभा में भाजपा की 23 सीटें थी जबकि कांग्रेस के दो विधायक थे। हांलांकि, 2012 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बनाई लेकिन वह बहुमत के जादुई आंकडे से चार सीटें पीछे रह गयी और उसे उन्होंने निर्दलीयों का सहयोग लेना पड़ा। वर्ष 2012 विधानसभा चुनावों के समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य थे।
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