अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर वारंट को किया गया अनसील, गौतम अडानी के प्रत्यर्पण की हो सकती है कोशिश?

Adani
ANI
अभिनय आकाश । Nov 22 2024 3:22PM

अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया कि यह तथ्य अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया था, जिनसे अडानी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजना के लिए अरबों रुपये जुटाए थे। अदानी समूह को उम्मीद थी कि वह 20 वर्षों में संभावित रूप से $2 बिलियन से अधिक का मुनाफ़ा कमाएगा। कथित तौर पर रिश्वत 2020 और 2024 के बीच दी गई थी। अदानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि वह इस मामले से कानूनी रूप से निपटेगा।

अरबपति उद्योगपति को रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत में गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। न्यायाधीश रॉबर्ट एम लेवी ने 31 अक्टूबर, 2024 को इसे अनसील करने का आदेश दिया था। विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के लिए अभियोग और गिरफ्तारी वारंट को अनसील कर दिया गया था। अमेरिकी कानून के अनुसार, अदालतों द्वारा गिरफ्तारी वारंट तब तक जारी किया जाता है जब तक कि इस बात की प्रबल उम्मीद न हो कि आरोपी स्वेच्छा से अदालत में पेश होगा। अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी, उनके भतीजे और छह अन्य पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है।

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अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया कि यह तथ्य अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया था, जिनसे अडानी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजना के लिए अरबों रुपये जुटाए थे। अदानी समूह को उम्मीद थी कि वह 20 वर्षों में संभावित रूप से $2 बिलियन से अधिक का मुनाफ़ा कमाएगा। कथित तौर पर रिश्वत 2020 और 2024 के बीच दी गई थी। अदानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि वह इस मामले से कानूनी रूप से निपटेगा।

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अरबपति गौतम अडानी और सात अन्य के खिलाफ करोड़ों डॉलर के रिश्वतखोरी मामले में अमेरिका द्वारा दीवानी और आपराधिक आरोप दायर किए जाने के बाद, यहां के एक प्रमुख वकील ने कहा है कि मामला काफी आगे बढ़ सकता है और इससे गिरफ्तारी वारंट और यहां तक ​​कि प्रत्यर्पण के प्रयास भी हो सकते हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अदाणी तथा उनके भतीजे सागर अदाणी सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। 

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