Adani Controversy में आरोपों के घेरे में आंध्र प्रदेश की पूर्व सरकार, YSR कांग्रेस ने इसे बताया बेबुनियाद

Adani
ANI
अभिनय आकाश । Nov 22 2024 1:06PM

एक बयान में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सात हजार मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद एक दिसंबर 2021 को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) और एपी डिस्कॉम (आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों) के बीच बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अडानी समूह पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस रेड्डी को रिश्वत देने का आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद जगन मोहन रेड्डी सहित अन्य लोगों से 200 मिलियन डॉलर (₹1,750 करोड़) की धोखाधड़ी के आरोपों को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने खारिज कर दिया है। एसईसी अभियोग में अडानी पर वाईएसआर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली आंध्र प्रदेश सरकार के साथ 7 गीगावाट सौर ऊर्जा सौदा हासिल करने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। पार्टी ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया है और दोहराया है कि इस सौदे से राज्य को लाभ होगा। इसमें कहा गया है कि आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और अडानी समूह की किसी कंपनी के बीच कोई सीधा समझौता नहीं हुआ है।

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एक बयान में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सात हजार मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद एक दिसंबर 2021 को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) और एपी डिस्कॉम (आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों) के बीच बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य लोगों पर अमेरिकी न्याय विभाग ने महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। 

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अमेरिकी ‘अटॉर्नी’ कार्यालय के अनुसार, 2021 और 2022 में गौतम अडानी ने सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें एसईसीआई के साथ बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रिश्वत की पेशकश की। उक्त अवधि अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। पार्टी ने कहा कि यह उल्लेख करना आवश्यक है कि एसईसीआई भारत सरकार का उद्यम है। आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां और अदाणी समूह से संबंधित किसी भी अन्य इकाई के बीच कोई सीधा समझौता नहीं हुआ था। इसलिए, अभियोग के मद्देनजर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।

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