चीन है कि मानता नहीं, गलवान घाटी संघर्ष में शामिल PLA सैनिक को थमायी ओलंपिक की मशाल
चीन ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प में शामिल रहे पीएलए के सैनिक को बीजिंग ओलंपिक में मशालची बनाया है। क्यूई फाबाओ नामक सैनिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक रेजिमेंटल कमांडर बताया जा रहा है।
चीन विंटर ओलंपिक खेलों का आयोजन कर रहा है। लेकिन उसका सारा ध्यान अभी भी भारत की तरफ ही है। चीन की तरफ से लगातार भारत को उकसाने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच चीन फिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने बीजिंग ओलंपिक जैसे खेल के मंच को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। चीन ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ झड़प में शामिल रहे पीएलए के सैनिक को बीजिंग ओलंपिक में मशालची बनाया है।
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गलवान झड़प में शामिल सैनिक को मशाल
क्यूई फाबाओ नामक सैनिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक रेजिमेंटल कमांडर बताया जा रहा है और गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ 2020 की सीमा झड़प के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था। चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन के चार बार के ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन वांग मेंग ने ओलंपिक फॉरेन पार्क में रिले के बाद फैबाओ को मशाल सौंपी।
4 फरवरी से ओलंपिक का आगाज
4 फरवरी से शुरू हो रहे विंटर ओलंपिक में 1200 मशालधारकों ने मशाल के साथ दौड लगाई है। बीजिंग शहर से शुरू होकर यानकिंग जिले की ओर जाने से पहले और अंत में पड़ोसी हेबेई प्रांत में झांगजियाकौ से गुजरने के बाद 4 फरवरी को इसे नेशनल स्टेडियम में लाया जाएगा। इसके साथ ही बीजिंग 2022 विंटर ओलंपिक खेलों की शुरुआत हो जाएगी।
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