भारत ने महिला एफआईएच प्रो लीग के लगातार दूसरे मैच में चीन को 2-1से हराया
भारतीय डिफेंस की गलती का फायदा उठाकर वैंग शुमिन ने गोलकीपर सविता को पछाड़कर चीन को 1-1 से बराबरी दिलाई। भारत को इसके बाद कई पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन टीम इन्हें गोल में बदलने में नाकाम रही। अंतिम क्वार्टर में भारत ने हमले तेज किए। मोनिका ने आक्रमण की जिम्मेदारी संभाली।
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दूसरी तरफ भारत ने मैच की तेज शुरुआत की और आक्रामक खेल दिखाया। भारतीय टीम ने चीन के डिफेंस पर दबाव डाला जिसका फायदा टीम को तीसरे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला। गुरजीत कौर ने इसे गोल में बदलकर भारत को बढ़त दिलाई। चीन की टीम भाग्यशाली रही कि पहले क्वार्टर के बाद अधिक अंतर से नहीं पिछड़ रही थी। भारत ने कई मौके बनाए लेकिन यह तो उसके खिलाड़ियों के निशाने गोल से दूर रहे या फिर वे चीन की गोलकीपर वू सुरोंग को छकाने में नाकाम रहे। दूसरे हाफ में चीन ने वापसी की और डिफेंस में बेहतर खेल दिया। भारत को चीन के आक्रमण को विफल करने में परेशानी हो रही थी। भारतीय डिफेंस की गलती का फायदा उठाकर वैंग शुमिन ने गोलकीपर सविता को पछाड़कर चीन को 1-1 से बराबरी दिलाई। भारत को इसके बाद कई पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन टीम इन्हें गोल में बदलने में नाकाम रही। अंतिम क्वार्टर में भारत ने हमले तेज किए। मोनिका ने आक्रमण की जिम्मेदारी संभाली।
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भारत को तुरंत ही इसका फायदा पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन दीप ग्रेस एक्का इसे गोल में नहीं बदल सकी। गुरजीत ने हालांकि एक और पेनल्टी कॉर्नर पर चीन की गोलकीपर वु सुरोंग को पछाड़कर भारत को 2-1 से आगे किया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ। भारत के मुख्य कोच यानेक शोपमैन हालांकि निराश होंगे कि 33 बार चीन के सर्कल में प्रवेश करने के बावजूद भारतीय टीम गोल की तरफ सिर्फ छह शॉट लगा पाई। मोनिका को मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने कहा, ‘‘चीन के खिलाफ दो मैच में हमारे प्रदर्शन से मैं काफी खुश हूं। पिछले ओलंपिक की तरह एक इकाई के रूप में खेलना शानदार रहा। हम पूरी स्वतंत्रता के साथ खेल रह हैं और इसका पूरा लुत्फ उठा रहे हैं।
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