उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: योगी सरकार ने अबतक 5.42 लाख मीट्रिक टन से अधिक खरीदी धान
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 542537.65 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजकीय अनुदानित एवं निजी पॉलीटेक्निक संस्थाओं में चल रहे विभिन्न डिप्लोमा इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी, फार्मेसी, मैनेजमेंट एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउन्सिलिंग का एक अतिरिक्त विशेष ग्यारहवां चरण 19 नवम्बर, 2021 से 25 नवम्बर, 2021 के मध्य आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव, राम रतन ने दी। उन्होंने बताया कि सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउन्सिलिंग के नौ चरण 25 अक्टूबर, 2021 को तथा विशेष दसवें चरण की काउन्सिलिंग 09 नवम्बर, 2021 को पूर्ण हो चुकी है। संस्था में प्रवेश के लिए आवंटित अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात कतिपय छात्र/ छात्राओं द्वारा संस्था में प्रवेश न लेने के कारण अब तक कुछ सीटें रिक्त हैं। छात्रहित में इन रिक्त सीटों को भरे जाने के लिए ही परिषद द्वारा एक अतिरिक्त विशेष ग्यारहवां चरण आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन काउन्सिलिंग के ग्यारहवें चरण से सम्बंधित रिक्त सीटों की संस्थावार एवं पाठ्यक्रम विवरण, विस्तृत समय सारिणी, काउन्सिलिंग प्रक्रिया एवं अन्य आवश्यक जानकारियॉँ परिषद की वेबसाइट रममबनचण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं। इच्छुक अभ्यर्थी परिषद की वेबसाइट देख सकते है।
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पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 8.48 करोड़ रूपये मंजूर
प्रदेश सरकार ने पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना (50 प्रतिशत केन्द्रपोषित) के अन्तर्गत 8.48 करोड़ रूपये मंजूर किया है। यह धनराशि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय-व्ययक की अनुदान संख्या-79 में प्राविधानित धनराशि से मंजूर की गई है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार मंजूर की गई धनराशि का आहरण एवं व्यय भारत सरकार द्वारा निर्गत अद्यतन गाइड लाइन्स तथा मानक के अनुरूप किया जायेगा। इस धनराशि का उपयोग किसी भी दशा में वित्तीय वर्ष 2021-22 में किन्ही नई मदों के उपयोग हेतु नहीं किया जायेगा। निदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यह कार्य किसी अन्य कार्ययोजना में सम्मिलित नहीं है तथा इस हेतु पूर्व में किसी अन्य योजना/स्रोत से धनराशि मंजूर नहीं की गयी है।
13 सदस्यीय कृषि निर्यात बन्धु का गठन
प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात से संबंधित समस्याओं के त्वरित निवारण तथा प्रदेश से कृषि निर्यात बढ़ाकर किसानों की आय वृद्धि में तेजी लाने के लिए कार्यात्मक सुझावों हेतु ’’कृषि निर्यात बन्धु’’ का गठन किया गया है। गठित कृषि निर्यात बन्धु में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार उ0प्र0 शासन लखनऊ को अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। निदेशक कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उ0प्र0, निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ, गन्ना आयुक्त, उ0प्र0, निदेशक, कृषि, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ0प्र0, निदेशक, पशुपालन (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 स्टेट, हार्टीकल्चर को-आपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (हाफेड), क्षेत्रीय अधिकारी वाराणसी, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, चीफ एडवाइजर, फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो), कानपुर, अध्यक्ष द्वारा नामित/आमंत्रित औद्योगिक चैम्बर्स के प्रतिनिधि तथा अध्यक्ष द्वारा नामित/आमंत्रित अन्य सदस्य को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय, उ0प्र0 को सदस्य सचिव बनाया गया है। गठित ’कृषि निर्यात बन्धु’ की प्रत्येक दो माह में एक बैठक सातवें तल, किसान मण्डी भवन, विभूतिखण्ड गोमतीनगर के सभागार में आयोजित की जायेगी। इस संबंध में कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार अनुभाग से कार्यालय आदेश जारी कर दिया गया है।
राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उत्तर प्रदेश हरिकेश चौरसिया ने बताया कि प्रदेश में स्थित राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई0टी0आई0) में डी0जी0टी0 नई दिल्ली भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश शासन व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में तृतीय शिफ्ट की रोकी गयी क्षमता को कोविड नियमों का पालन करते हुए बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त सीटों पर नियमानुसार प्रवेश सम्बन्धी कार्यवाही किये जाने के लिये राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रगतिमान चतुर्थ चरण की प्रक्रिया की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 तक बढ़ायी गयी है।
कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल तथा महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने प्रदेशवासियों को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मंत्रीगणों ने शुभकामना सन्देश में कहा है कि भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में इसका विशेष महत्व है। इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर प्रलय के अंत तक सप्त ऋषियों एवं वेदों की रक्षा की। उन्होंनेे लोगों से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने की अपील की है।
गुरू नानक जयन्ती की शुभकामनाएं
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल तथा महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने गुरु नानक जयन्ती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मंत्रीगणों ने सन्देश में कहा कि गुरु नानक देव जी के सर्व-धर्म समभाव एवं सामाजिक सद्भाव का सन्देश दिया है। गुरु नानक देव जी ने आडम्बरों और अंधविश्वासों का प्रतिकार करके समाज को नई दिशा प्रदान की। उन्होंने लोगों से गुरु नानक जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने की अपील की है।
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स्मार्ट सिटी परियोजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लखनऊ जनपद को स्मार्ट सिटी बनाने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज लोक भवन मंे अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं उद्यमिता विकास संस्थान के चेयरमैन डा0 नवनीत सहगल तथा लखनऊ के कमिश्नर एवं लखनऊ स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष रंजन कुमार की उपस्थिति में 1000 महिलाओं, शहरी गरीब, प्रवासी मजदूरों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किये जाने के सम्बंध में एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। निदेशक, उद्यमिता विकास संस्थान डी0पी0सिंह एवं महाप्रबंधक, परियोजना, लखनऊ स्मार्ट सिटी एस0सी0सिंह द्वारा समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। डा नवनीत सहगल ने बताया कि उद्यमिता विकास संस्थान एवं लखनऊ स्मार्ट सिटी परियोजना के मध्य एक वर्ष के लिए एमओयू हुआ है, जिसके अन्तर्गत उद्यमिता विकास संस्थान लखनऊ जनपद में लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में स्मार्ट ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा। साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों को उनका स्वयं का व्यवसाय खड़ा करने में सरकार मदद भी करेगी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इस प्रकार की पहल करने वाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य होगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के महिलाओं को पालना गृह संचालन की स्मार्ट ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके साथ ही महिलाओं को स्मार्ट लेडी ड्राइवर का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्मार्ट वेलनेस सेंटर, कैटरिंग, स्मार्ट सैलून, स्मार्ट होम सर्विस तथा स्मार्ट सिक्यूरिटी सर्विसेज के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया है स्मार्ट सिटी परियेजना के तहत उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी में आटो, कान्स्ट्रक्शन, रिटेल, फूड प्रोसेसिंग एवं हेल्थ केयरनेस के क्षेत्र में लोगों को प्रशिक्षित करने तथा उन्हें रोजगार से जोड़ने की योजना है। उद्यमिता विकास संस्थान के साथ लखनऊ स्मार्ट सिटी का समझौता इस दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम होगा जो आगे चलकर अन्य जिले के स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
नाबार्ड वित्त पोषित आरआईडीएफ योजना
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में नाबार्ड वित्त पोषित आर0आई0डी0एफ0 योजना के अन्तर्गत सम्पर्क मार्गों के 18 चालू कार्यों हेतु रू0 11 करोड़ 24 लाख 50 हजार की अवशेष धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन 18 चालू कार्यों में जनपद अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोरखपुर, फर्रूखाबाद, हरदोई, प्रयागराज, फतेहपुर, सीतापुर, गाजीपुर व गोण्डा के कार्य शामिल हैं। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि नाबार्ड योजनान्तर्गत निर्माणाधीन मार्गों के गुणवत्तायुक्त निर्माण की प्रगति नियमित समीक्षा कर शासन को उपलब्ध करायी जाय। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।
पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया एवं ऑनलाइन पेंशन प्रणाली (ई-पेंशन) होगी
वित्त सचिव संजय कुमार ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में बताया कि राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समयबद्ध तथा त्रुटिरहित बनाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन पेंशन प्रणाली (ई-पेंशन) को और अधिक सहज एवं कर्मचारी हितैषी बनाये जाने हेतु कतिपय निर्णय लिये गये हैं, जिन्हें शीघ्र ही क्रियान्वित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी द्वारा भौतिक रूप से पेंशन हेतु आवेदन पत्र निर्धारित प्रपत्र में भरकर अपनी अन्तिम तैनाती के कार्यालयाध्यक्ष को प्रस्तुत किये जाने की व्यवस्था है, जिसे कार्यालयाध्यक्ष द्वारा पी०पी०ओ० निर्गत करने वाले प्राधिकारी (निदेशक, पेंशन/मण्डलीय संयुक्त निदेशक, कोषागार एवं पेंशन) को अग्रसारित किया जाता है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में कठिनाई का अनुभव किया जाता रहा है तथा मानवीय त्रुटि की सम्भावनायें बनीं रहती हैं, जिनके कारण पेंशन स्वीकृत होने में प्रायः विलम्ब हो जाता है। इससे सेवानिवृत्त कार्मिक को आर्थिक कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ता है। संजय कुमार ने बताया कि अब यह निर्णय लिया गया है कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी द्वारा भौतिक रूप से आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के स्थान पर कर्मचारी को अपनी सेवानिवृत्ति के 06 माह पूर्व ही ऑनलाइन पेंशन प्रणाली में पेंशन हेतु आनलाइन आवेदन करने की सुविधा होगी। इस प्रणाली में यह व्यवस्था की जा रही है कि किसी कार्यालय में आगामी 08 माह की अवधि में सेवानिवृत्ति होने वाले कार्मिकों की सेवा से सम्बन्धित विवरण आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा ऑनलाइन भर दिया जायेगा। सेवानिवृत्ति से 06 माह के पूर्व सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। पेंशन प्रपत्रों में अंकित विवरण का सत्यापन आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। इस प्रकार ऑनलाइन भरे गये आवेदन पत्र में अंकित विवरण के सत्यापन के उपरान्त पेंशन प्रपत्र ऑनलाइन पेंशन सिस्टम पर अपलोड कर दिये जायेंगे, जिनके आधार पर पी०पी०ओ० निर्गत करने वाले प्राधिकारी द्वारा परीक्षणोपरान्त पेंशन भुगतानादेश आनलाइन निर्गत किये जायेंगे। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में विभिन्न चरणों में पेंशनर के मोबाइल पर निर्धारित समय सारिणी के अनुसार एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जायेगी, ताकि पेंशन स्वीकृति की प्रगति की जानकारी पेंशनर को प्राप्त होती रहे। इस हेतु सॉफ्टवेयर में यथेष्ट संशोधन अंतिम चरण में हैं तथा इसे शीघ्र लागू कर दिया जायेगा। वित्त सचिव ने बताया कि इस प्रणाली के तहत कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के 06 माह पूर्व आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा कर्मचारी की सेवा सम्बन्धी विवरण, परिवार का विवरण आदि डाटाबेस में भरवा लिये जायेंगे। सेवानिवृत्ति के 06 माह पूर्व पेंशन हेतु आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये सम्बन्धित कर्मचारी को एसएमएस द्वारा अलर्ट भेजा जायेगा। इसके उपरान्त 15-15 दिन के अन्तराल पर एसएमएस अलर्ट तब तक भेजे जाएंगे, जब तक कर्मचारी द्वारा कार्यवाही पूर्ण न कर ली जाये। आवेदन करने से लेकर पी०पी०ओ० जारी होने तक के लिये समय-सारिणी निर्धारित की जायेगी, जिसका पालन किये जाने हेतु प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी। किसी प्राधिकारी द्वारा समय सारिणी में निर्धारित समय सीमा के सापेक्ष विलम्ब किये जाने की दशा में सम्बन्धित प्राधिकारी, कर्मचारी एवं उच्चाधिकारियों को एसएमएस तथा ई-मेल द्वारा अलर्ट भेजे जायेंगे। यथा सम्भव यह व्यवस्था माह अप्रैल, 2022 से लागू कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में विस्तृत शासनादेश शीघ्र ही निर्गत किया जायेगा। ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति में अभी समय बाकी है, से सम्बन्धित विवरण का भी डाटाबेस तैयार किया जायेगा ताकि उनकी सेवानिवृत्ति के समय वांछित सूचनायें डेटाबेस में उपलब्ध रहें। वित्त सचिव ने बताया कि यह प्रणाली पूर्णतया पारदर्शी होगी, जिसमें सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी अपने आवेदन की प्रगति ऑनलाइन देख सकेंगे। कर्मचारी से सम्बन्धित अधिकतर विवरण डाटाबेस से पेंशन प्रपत्रों में स्वतः भर जायेंगे। कर्मचारियों को कार्यालयों में बार-बार आना नहीं पड़ेगा, जिससे किसी प्रकार के उत्पीड़न की सम्भावना नहीं रहेगी। पेंशन प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति का अनुश्रवण विभागीय अधिकारियों एवं शासन स्तर पर ऑनलाइन किये जाने की सुविधा इस प्रणाली में रहेगी। पेंशन प्रकरणों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से हो सकेगा।
ग्रामीण महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम योजना
गन्ना एवं चीनी, आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा गन्ना किसानों एवं विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सुझावों एवं अनुभवों के आधार पर विभिन्न गन्ना उत्पादक जनपदों की ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उपलब्ध कराने तथा उन्हें अधिक से अधिक रूप में स्वावलम्बी बनाने एवं आय के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से ’’ग्रामीण महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम योजना’’ के कुशल संचालन हेतु नवीन दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त ने बताया कि ’’ग्रामीण महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम योजना’’ के अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन करना एवं इन समूहों द्वारा सिंगल बड तथा बड चिप विधि से गन्ने की उन्नत किस्मों की नर्सरी तैयार करना है। इन समूहों द्वारा तैयार की गई नर्सरी से सीडलिंग का वितरण सुनिश्चित कराकर गन्ना बुआई का आच्छादन बढ़ाना तथा त्रिस्तरीय गन्ना बीज उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत पौधशाला का अधिष्ठापन एवं बीज वितरण कराना आदि कार्यों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वंय सहायता समूह का गठन परिषद को इकाई मानते हुये ’’पहले आओ पहले पाओ’’ के आधार पर किया जायेगा। एक परिषद के अधीन 15 से 40 महिला समूहों का गठन किया जा सकता है। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में महिला सदस्यों की संख्या न्यूनतम 10 एवं अधिकतम 30 होगी। गन्ना आयुक्त के स्तर से स्वीकृत की गई किस्मों के बीज संवर्धन को वरीयता दी जायेगी तथा अस्वीकृत किस्मों, रोगग्रस्त फसल एवं बाहरी स्रोतों से प्राप्त गन्ना किस्मों का बीज संवर्धन नहीं किया जायेगा और इस पर कोई अनुदान भी देय नहीं होगा। लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, गोरखपुर एवं देवरिया परिक्षेत्र में लाल सड़न रोग के दृष्टिगत को 0238 किस्म का सीडलिंग इस योजना में तैयार नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित गन्ना सीडलिंग को स्थानीय कृषकों को प्रदर्शनों की स्थापना एवं पौधशाला अधिष्ठापन तथा सामान्य बुवाई हेतु वितरित कराया जायेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत स्थापित किये जाने वाले प्रदर्शनों में गन्ने की बुवाई महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा सिंगल बड चिप एवं सिंगल बड से तैयार सीडलिंग से ही की जायेगी। स्वयं सहायता समूहों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सम्बन्धित गन्ना विकास परिषद द्वारा की जायेगी तथा यथावश्यकता गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित कर उनका सहयोग लिया जायेगा। स्वयं सहायता समूहों को आवश्यक मशीनें यथासंभव राजकीय अनुदान द्वारा निःशुल्क अथवा इनपुट क्रेडिट सुविधा के अन्तर्गत ऋण/छूट पर उपलब्ध कराई जायेगी। अनुदान की व्यवस्था एवं दरों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए भूसरेड्डी ने बताया कि ’अ’ श्रेणी की गन्ना परिषदें अधिकतम रू.60.00 लाख, ’ब’ श्रेणी की गन्ना परिषदें अधिकतम रू.40.00 लाख एवं ’स’ श्रेणी की गन्ना परिषदें अधिकतम रू.25.00 लाख का अनुदान अपने संसाधनों से वहन कर सकेंगी। किसी एक महिला स्वयं सहायता समूह को अधिकतम पांच लाख सीडलिंग के वितरण पर अनुदान देने की व्यवस्था नये दिशा-निर्देशों में की गयी है। अनुदान का भुगतान सम्बन्धित समूहों को सीधे खाते में किया जाएगा नकद भुगतान की अनुमन्यता नहीं होगी। बड चिप विधि से उत्पादित सीडलिंग पर अधिकतम रू1.50 प्रति सीडलिंग तथा सिंगल बड विधि से उत्पादित सीडलिंग पर अधिकतम रू1.30 प्रति सीडिलिंग का अनुदान देय होगा। समूह के कार्यों, परिषद द्वारा समूहों को किये गये भुगतान तथा सम्बन्धित अभिलेखों की जॉच हेतु विभागीय जॉच दल गठित कर समय-समय पर पर्यवेक्षण किया जायेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि ’’ग्रामीण महिला शक्ति द्वारा उन्नत गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम योजना’’ सफलता के नये आयाम स्थापित कर रही है जिसकी पुष्टि के लिए यदि हम ऑंकड़ों पर निगाह डालें तो इस योजना के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के 37 गन्ना उत्पादक जिलों में 2904 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है तथा इन ग्रामीण महिला उद्यमियों द्वारा गठित समूहों के माध्यम से अब तक 1450 लाख सीडलिंग का उत्पादन किया जा चुका है। जिससे उन्हें लगभग रू.4350 लाख तथा प्रति समूह औसतन 1.50 लाख प्रतिवर्ष की आय प्राप्त हुयी है। इस योजना से अब तक 57,680 ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है तथा कुल 2,52,720 कार्य दिवस का रोजगार सृजित हुआ है। समूहों द्वारा उत्पादित सीडिलिंग की बुआई से कुल 5,440 हे. नवीन गन्ना किस्मों का प्रदर्शन स्थापित कर नवीन किस्मों के गन्ने का आच्छादन बढ़ाया गया। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर रोजगार के विकल्प उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण महिला उद्यमियों के मनोबल में अभिवृद्धि हुयी है तथा आय सृजन होने से इस वर्ग के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
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वर्ष 2021-21 में निगम का शुद्ध लाभ बढ़कर 118.34 करोड़ हो गया
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, इस वर्ष के सहकारी सप्ताह का मुख्य विषय उद्यमिता विकास एवं सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागीदारी का सशक्तिीकरण है। सप्ताह के सातों दिवसों को उद्देश्यवार मनाये जाने के कार्यक्रम के अर्न्तगत आज उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम के प्रांगण में सहकारिता विभाग की संस्थाआंे में से एक उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम एवं उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहाकरी संघ लि0 द्वारा संयुक्त रूप से गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता बी0 एल0 मीना, प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग द्वारा की गयी। गोष्ठी में कान्त गोस्वामी प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 राज्य भण्डारण, धीरेन्द्र सिंह, प्रबन्धक निदेशक उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0, राजीव यादव प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहाकरी संघ लि0, के0 एल0 पाठक डी0जी0एम0 भारतीय खाद्य निगम, सहकारिता विभाग व निबन्धक कार्यालय के अधिकारीगण एवं निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस अवसर प्रमुख सचिव, सहकारिता बी0 एल0 मीणा ने कहा कि सहकारिता विभाग की सहकारी संस्थाओं को सुदृढ. बनाये जाने पर व भण्डारण क्षमता के विस्तार हेतु लक्षित योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता विकास एवं सार्वजनिक-निजी- सहकारी भागीदारी का सशक्तिीकरण पर विशेष बल दिया। निगम के प्रबन्ध निदेशक कान्त गोस्वामी द्वारा बताया गया कि निगम की भण्डारण क्षमता बढ़कर वर्ष 2020-2021 में 43.50 लाख मै0टन हो गयी है वर्ष 2020-21 में निगम द्वारा कुल 54.78 लाख मै0टन स्टाक का भण्डारण किया गया है। वर्ष 2021-21 में निगम का शुद्ध लाभ बढ़कर 118.34 करोड़ (अनुमानित) हो गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी संस्थाओं तथा किसानों को भण्डारण शुल्क में क्रमशः 10 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत की छूट दी जाती है साथ ही कृषकों हेतु कृषक प्रसार सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है जिसके तहत कृषकांे को उनके अनाज के भण्डारण एवं उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से निगम में कार्यरत कुशल तकनीकी कार्मिकों द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षित किया जाता है। वर्ष 2020-21 में 41973 कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है। कीट परिनाशकसेवा का संचालन जिसके तहत निगम द्वारा किसानों, व्यापारियों, संस्थाओं आदि के घरांे, गोदामों आदि में भण्डारित जिंसो आदि की व्यवस्था मामूली शुल्क लेकर की जाती है। निगम द्वारा कीट परिनाशकसेवा योजना का विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत सरकारी/सहकारी एवं प्राइवेट संस्थओं को भी उक्त सेवा का लाभ दिया जायेगा। निगम के समस्त स्वनिर्मित भण्डारगृहों को डब्ल्यू0डी0आर0ए0 में पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रक्रिया में है जिनमे से 51 भण्डारगृहों की पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त कृषकों का भण्डारण प्रारम्भ हो चुका है तथा उक्त भण्डारगृहों में कृषकों द्वारा भण्डारण कराने पर बैंक से 90 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त किया जा सकता है। वर्ष 2017 में मण्डी स्थलों पर निगम की क्षमता 5.60 लाख मै0टन थी जो वर्ष 2021 में 7.40 लाख मै0टन तथा पी0ई0जी0 गोदामों की क्षमता वर्ष 2017 में 10.02 लाख मै0टन के सापेक्ष वर्ष 2021 में बढ़कर 20.45 लाख मै0टन हो गयी है। साथ ही वर्ष 2021 में 1.50 लाख मै0टन साइलो निर्माण की कार्यवाही भी प्रक्रियाधीन है। निगम के कार्याे को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने, हेतु समस्त प्रक्रियायें टेण्डर/खरीद ई-टेण्डरिंग अथवा जेम के माध्यम से सम्पन्न कराया जा रहा है। निगम द्वारा अपने भण्डारगृहों को आनलाईन किया गया है। इस अवसर पर उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लि0 के प्रबन्ध निदेशक राजीव यादव ने बताया कि उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लि0 द्वारा उपभोक्ता के क्षेत्र में प्रदेश के किसानों के लिये मूल्य समर्थन योजना के अर्न्तगत गेहॅू/धान की खरीद का कार्य किया जाता है तथा संस्था द्वारा व्यवसाय वृद्धि के उद्देश्य से अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
अब तक 5.42 लाख मीट्रिक टन से अधिक की गयी धान की खरीद
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 542537.65 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आज 56521.65 मीट्रिक टन खरीद हुई है। इस योजना से अब तक 79441 किसान लाभान्वित हुए हैं और करीब 523.121 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा इस खरीफ क्रय वर्ष के तहत 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
खाद्यान्न का नियमित वितरण 20 नवम्बर से 30 नवम्बर तक
प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत जनपदों में वितरण के दूसरे चक्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत आच्छादित अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण कराया जाएगा। आवश्यक वस्तुओं का नियमित वितरण 20 नवम्बर, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 के मध्य होगा। अन्त्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड 35 किग्रा0 खाद्यान्न (20 किग्रा0 गेहूँ व 15 किग्रा0 चावल) तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों से सम्बद्ध यूनिटों पर 05 किग्रा0 खाद्यान्न प्रति यूनिट (03 किग्रा0 गेहूँ व 02 किग्रा0 चावल) वितरित किया जायेगा। दोनों प्रकार के राशन कार्डधारकों को देय गेहूँ का मूल्य 02 रूपये प्रति कि0ग्रा0 तथा चावल का मूल्य 03 रूपये प्रति कि0ग्रा0 होगा। यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त, अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि राशन कार्डधारकों को पोर्टेबिलिटी के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा अनुमन्य रहेगी। उन्होंने बताया कि वितरण की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 होगी, इस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा। दुबे ने बताया कि मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से सम्पन्न होने वाले वितरण के समय कार्डधारक से आधार प्रमाणीकरण न होने का कारण तथा उसका/परिवार के किसी अन्य सदस्य का मोबाइल नम्बर संरक्षित किया जाएगा तथा पूर्ति निरीक्षक द्वारा उस मोबाइल नम्बर की पुष्टि सुनिश्चित करते हुए कार्डधारक के उस मोबाइल नम्बर को राशनकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम में लाभार्थी के डाटाबेस में फीड कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस मोबाइल नम्बर का प्रयोग मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन हेतु किया जाएगा तथा प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पात्र लाभार्थी खाद्यान्न प्राप्ति से वंचित न रहें।
लोक निर्माण विभाग का निर्माण कार्य प्रगति पर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में लोक निर्माण विभाग द्वारा रू0 50 करोड़ से कम लागत के अन्य विभागों के 452 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। लोक निर्माण विभाग द्वारा जहां रू0 50 करोड़ से अधिक धनराशि के कार्यों को ई0पी0सी0 मोड पर 94 शासकीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं रू0 50 करोड़ से कम लागत के विभिन्न विभागों के भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा रू0 993 करोड़ 86 लाख 23 हजार की लागत से गृह विभाग के भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसमें सभी कार्य प्रगति पर हैं। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के 32 भवनों का निर्माण कार्य रू0 371 करोड़ 97 लाख 69 हजार की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें से 22 कार्य पूर्ण हो गये हैं, शेष कार्य प्रगति पर हैं। न्याय विभाग के 14 भवनों का निर्माण कार्य रू0 13 करोड़ 84 लाख 89 हजार की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें से 10 कार्य पूर्ण हो गये हैं, शेष प्रगति पर हैं। राजस्व विभाग के 93 भवन कार्यों को रू0 9275.80 लाख की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें से 40 कार्य पूर्ण हो गये हैं और 53 कार्य प्रगति पर हैं। परिवहन विभाग के 05 निर्माण कार्य हैं, जिनकी लागत रू0 2238.89 लाख है, जिसमें से 03 कार्य पूर्ण हो गये हैं और 02 प्रगति पर हैं तथा रू0 93.90 लाख की लागत से पर्यटन विभाग के 01 भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो प्रगति पर है।
पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट)
मुख्यमंत्री, द्वारा ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ बनाने एवं जनसामान्य को बेहतर सुविधाएं सहज एवं त्वरित गति से उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना कर पंचायत सहायक/ एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इंट्री आपरेटर को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों का चयन किया गया है। पंचायती राज विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त नव चयनित पंचायत सहायकों को शीघ्र प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है जिससे उनको उनसे संबंधित कार्यों की उपयोगी जानकारी प्राप्त हो सके। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत नव चयनित पंचायत सहायक एक सुलभ सहयोगी कर्मी के रूप में जन-सामान्य की सहायता हेतु हमेशा उपलब्ध रहेंगे। अनुज कुमार झा, निदेशक, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में पंचायत सहायकों का दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) एवं बी0एम0जी0एफ0 द्वारा वित्तपोषित संस्था सेन्टर फॉर कैटेलाइजिंग चेन्ज (ब्3) के सहयोग से दिनांक 27 अक्टूबर, 2021 से राज्य स्तर पर प्रारम्भ किया गया है, जो कि माह दिसम्बर, 2021 तक चलेगा। पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) द्वारा 04 मण्डलों का प्रशिक्षण राज्य स्तर पर किया जा रहा है। राज्य स्तर पर 04 मण्डलों यथा-बरेली, झांसी, आजमगढ़ एवं बस्ती के 12048 नवचयनित पंचायत सहायकों को प्रशिक्षित किया जाना है, जिसके सापेक्ष अब तक प्रिट द्वारा 1292 पंचायत सहायकों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। राज्य स्तर पर विभागीय रिसोर्स पर्सन के माध्यम से सामान्य एवं तकनीकी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा रहे हैं। निदेशक, प्रिट द्वारा शेष 14 अन्य मण्डलों में 46141 नवचयनित पंचायत सहायकों को दिनांक 22 नवम्बर 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक मण्डल स्तर पर मण्डलीय उपनिदेशक(पंचायत) की देख-रेख में प्रशिक्षण आयोजन के सम्बंध में विस्तृत मार्गनिर्देश दिया गया है। मण्डल स्तर पर 48 सामान्य एवं 28 तकनीकी सत्र हेतु प्रशिक्षकों का रिसोर्स पूल तैयार किया गया है, जिनके माध्यम से मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण सत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। प्रशिक्षक को प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु रू0 1250/- प्रति दिवस मानदेय के रूप में दिया जायेगा। प्रिट द्वारा 14 मण्डलों को नवचयनित पंचायत सहायकों के दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के आयोजन हेतु रू0 8.53 करोड़ की धनराशि ऑनलाइन हस्तान्तरित की गयी है। प्रदेश के समस्त नव चयनित 58189 पंचायत सहायकों का प्रशिक्षण माह दिसम्बर, 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। ग्राम पंचायत को बेहतर बना कर आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में स्थापित करने में निश्चित रूप से पंचायत सहायकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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