Ghulam Nabi Azad की कांग्रेस में वापसी की अटकलें तेज, खुद की पार्टी की गतिविधियां थमीं
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे गुलाम नबी आजाद को लेकर विभिन्न तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। आजाद को लेकर कहा जा रहा है कि वे एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी में वापसी कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें विधानसभा चुनावों में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
एक समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे गुलाम नबी आजाद को लेकर विभिन्न तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। आजाद को लेकर कहा जा रहा है कि वे एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी में वापसी कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनावों में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। अटकलों के मुताबिक, उनकी पार्टी के कई नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अगले कुछ दिनों में मुलाकात कर सकते हैं। तो वहीं, कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपने पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद की वापसी की इच्छुक है। लेकिन कुछ लोग विरोध कर रहे हैं।
विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि आजाद ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है। हालांकि, ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि अगर आजाद कांग्रेस में लौट आएं या अपनी पार्टी का विलय कर लें तो इससे कांग्रेस को मदद मिल सकती है। इसको लेकर गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी ने इसे पूरी तरह कयासबाजी करार दिया है। पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि आजाद की कांग्रेस में वापसी की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेताओं की ओर से ये अफवाह फैलाई जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया प्रधान तारिक हमीद करा को बनाए जाने के बाद पार्टी में हलचल काफी बढ़ गई है। हाल ही में पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद से त्यागपत्र देने की भी घोषणा कर दी है। कांग्रेस में वापसी करने की घोषणा भी वह पहले ही कर चुके हैं। उनके अलावा आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चिनाब घाटी के जिलों रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और रियासी के कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में बताए जा रहे हैं। इसको लेकर पार्टी सूत्रों ने बताया कि ये नेता अपने प्रधान बदलने का इंतजार कर रहे थे। इन नेताओं में रियासी से पूर्व विधायक जुगल किशोर शर्मा, डोडा से पूर्व विधायक अब्दुल मजीद वानी आदि शामिल हैं।
कांग्रेस पार्टी को छोड़कर जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी में गए एजाज अहमद खान की पुनः वापसी की भी अटकलें चल रही हैं। ये सभी नेता कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं। ताज मोहुउद्दीन, तारिक हमीद करा के श्रीनगर लौटने पर कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। जब आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई थी तो उस समय बलवान सिंह, ताराचंद समेत दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता कांग्रेस को छोड़कर उनके साथ चले गए थे। इसमें कांग्रेस छोड़कर आजाद की पार्टी में शामिल हुए जीएम सरूरी भी है। सरूरी इस उप चेयरमैन हैं। इस समय भाजपा, कांग्रेस, नेकां, पीडीपी आदि पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। लेकिन गुडेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी की गतिविधियां पूरी तरह से थमी हुई हैं। गुलाम नबी आजाद भी इस समय दिल्ली में है। उनके पार्टी के कई नेता पशोपेश है कि क्या करें क्योंकि जिस तरह की तैयारी की जरूरत है, हो नहीं रही। हालांकि चुनाव की घोषणा का आजाद ने स्वागत किया है।
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