माधा लोकसभा क्षेत्र में एकबार फिर मजबूत हुई NCP (Sharad Pawar), विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें

Sharad Pawar
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Sep 7 2024 4:56PM

माधा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। जहां हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार के गुट वाली एनसीपी ने वापसी करते हुए भारतीय जनता पार्टी को हराकर अपना कब्जा वापस जमा लिया है। फिलहाल पार्टी के नेता धैर्यशील पाटिल यहां से सांसद हैं।

माधा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। जहां हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शरद पवार के गुट वाली एनसीपी ने वापसी करते हुए भारतीय जनता पार्टी को हराकर अपना कब्जा वापस जमा लिया है। फिलहाल पार्टी के नेता धैर्यशील पाटिल यहां से सांसद हैं। यह संसदीय क्षेत्र 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में अस्तित्व में आया। यहां पहली बार 2009 में संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ। इस क्षेत्र में बहने वाली मांकर्णा नदी के पास स्थित माधेश्वरी मंदिर यहां का प्रसिद्ध स्थल है। भगवान विठ्ठल का ऐतिहासिक मंदिर भी यहां पर्यटन का प्रमुख केंद्र है।

माधा लोकसभा क्षेत्र महाराष्ट्र के सोलापुर और सतारा जिलों के अंतर्गत आता है। जिसमें करमाला, माधा, सांगोला, मालशिरस, फलटन और आदमी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन छह विधानसभा सीटों में से दो-दो पर बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में जीती थीं। इसके अलावा एक सीट शिवसेना और एक निर्दलीय उम्मीदवार के पास है। माधा लोकसभा क्षेत्र की करमाला विधानसभा सीट के मतदाताओं का ज्यादातर भरोसा निर्दलीय उम्मीदवार पर ही रहता है। जिसके तहत यहां से 1985 से लेकर 2004 तक अलग-अलग निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे हैं। 

2019 में अंतिम बार हुए विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार संजयमामा विट्ठलराव शिंदे ने जीत हासिल की थी। इसके पहले इस सीट पर शिवसेना का कब्जा था। महाराष्ट्र की माधा लोकसभा क्षेत्र की माला विधानसभा सीट राज्य में एनसीपी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक है। यहां पार्टी के निर्माण के बाद से ही शिंदे बबनराव विट्ठलराव लगातार छह बार से विधायक हैं। वे इस क्षेत्र से 1995 के बाद से चुनाव नहीं हारे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र की सांगोला विधानसभा सीट महाराष्ट्र की राजनीति में कद्दावर मार्क्सवादी नेता रहे गणपतराव देशमुख के कारण जानी जाती है। जिन्होंने इस क्षेत्र का लगभग 50 साल तक प्रतिनिधित्व किया है। फिलहाल शिवसेना के शाहजीबापू पाटिल यहां से विधायक हैं।

माधा लोकसभा क्षेत्र की मालशिरस विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव में बीजेपी के राम सतपुते ने कांग्रेस के लगभग 35 साल के वर्चस्व को समाप्त करते हुए जीत दर्ज की थी। यह क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी आरक्षित है। राज्य में 2008 में हुए परिसीमन के बाद अनुसूचित जनजाति से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई फलटन विधानसभा सीट पर अजित पवार के गुट वाली एनसीपी के दीपक प्रल्हाद चव्हाण का लगातार 15 साल से कब्जा है। मान विधानसभा सीट महाराष्ट्र के सतारा जिले के अंतर्गत आती है। जिस पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के जयकुमार गोरे का कब्जा है। विधायक जयकुमार गोरे पिछले दो विधानसभा चुनाव में भी यहां से विधायक चुने गए थे। वह पहले निर्दलीय उम्मीदवार और उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे।

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