Sambhal Shahi Jama Masjid में जुमे की नमाज के दौरान सुरक्षा कड़ी, सपा सांसद बर्क बोले- मस्जिद को हर हाल में बचाएंगे
जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने बताया कि जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस बल और प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) ने फ्लैग मार्च किया और कुछ लोगों को पाबंद भी किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद पुलिस ने शुक्रवार की जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया और किसी तरह की अराजकता होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की है। संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस ने पैदल मार्च कर लोगों को संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ एसपी ने कहा, ‘‘मौलवी लोग भी यह संदेश दें कि सभी लोग अपनी-अपनी मस्जिद में ही नमाज पढ़ें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। दो लोगों को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के चलते शांति भंग के तहत पाबंद किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी।
इस बीच, जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने बताया कि जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस बल और प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) ने फ्लैग मार्च किया और कुछ लोगों को पाबंद भी किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां निषेधाज्ञा लागू की गयी है, कहीं भी पांच से अधिक लोग इकट्ठा न हों, अन्यथा विधिक कार्रवाई की जाएगी। हम आपको बता दें कि संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है।
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याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए। उन्होंने कहा था, ‘‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि का अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।’’ जैन ने कहा, ‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है।’’ उन्होंने कहा था कि इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है। आज भी उन्होंने कहा कि मंदिर को अतिक्रमण से मुक्त कराना चाहिए।
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संभल की जामा मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद पर सरकार तथा उच्चतम न्यायालय से संज्ञान लेने की अपील की है। बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वेक्षण की खबरें राष्ट्रीय चर्चा तथा मीडिया की सुर्खियों में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किन्तु इस प्रकार से सद्भाव और माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा माननीय उच्चतम न्यायालय को भी जरूर लेना चाहिए।’’ उधर, संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, "संभल की जामा मस्जिद हमें बहुत प्यारी है और हम इसकी रक्षा करेंगे।''
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