‘एक भारत एक स्वास्थ्य’ की भावना में कर रहे काम, PM मोदी बोले- हेल्थकेयर सिस्टम को रिफॉर्म करने का प्रयास जारी
मोदी ने कहा कि जब हम हेल्थ सेक्टर में समग्रता की बात करते हैं तो इसमें तीन फैक्टर्स का समावेश कर रहे हैं। पहला- आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और ह्यूमेन रिसोर्स का विस्तार। दूसरा- आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में अनुसंधान को प्रोत्साहन करना। तीसरा– आधुनिक और भविष्य की तकनीक के माध्यम से देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से तक बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हम स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे पर काम कर रहे हैं, जो केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, ‘एक भारत एक स्वास्थ्य’ की भावना में काम कर रहे हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार में अपना संबोधन दिया। मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो आप सभी को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन मिशन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन हो, फिट इंडिया मिशन हो, पोषण मिशन हो, मिशन इंद्रधनुष हो, आयुष्मान भारत हो, जल जीवन मिशन हो, ऐसे सभी मिशन को हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लेकर जाना है। उन्होंने कहा कि ये बजट बीते 7 साल से हेल्थकेयर सिस्टम को रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करने के हमारे प्रयासों को विस्तार देता है। हमने अपने हेल्थकेयर सिस्टम में एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाया है। आज हमारा फोकस हेल्थ तो है ही, कल्याण पर भी उतना ही अधिक है।
मोदी ने कहा कि जब हम हेल्थ सेक्टर में समग्रता की बात करते हैं तो इसमें तीन फैक्टर्स का समावेश कर रहे हैं। पहला- आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और ह्यूमेन रिसोर्स का विस्तार। दूसरा- आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में अनुसंधान को प्रोत्साहन करना। तीसरा– आधुनिक और भविष्य की तकनीक के माध्यम से देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से तक बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि क्रिटिकल हेल्थकेयर सुविधाएं ब्लॉक स्तर, ज़िला स्तर और गांवों के नज़दीक हों। इस इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखना और समय-समय पर अपग्रेड करना जरूरी है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर और दूसरे सेक्टर्स को भी ज्यादा ऊर्जा के साथ आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि प्राइमरी हेल्थकेयर नेटवर्क को सशक्त करने के लिए डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के निर्माण का काम भी तेज़ी से चल रहा है। अभी तक 85,000 से अधिक सेंटर्स रुटीन चेकअप, वैक्सीनेशन और टेस्ट की सुविधा दे रहे हैं। इस बार के बजट में इनमें मेन्टल हेल्थकेयर की सुविधा भी जोड़ी गई है।कोरोना वैक्सीनेशन में कोविन जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से हमारी डिजिटल टेक्नोलॉजी का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, कंज्यूमर और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के बीच एक आसान इंटरफेस उपलब्ध कराता है। इससे देश में उपचार पाना और देना, दोनों बहुत आसान हो जाएंगे:PM pic.twitter.com/VxvCfqpsy8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 26, 2022
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मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे हेल्थ सर्विस की डिमांड बढ़ रही है, उसके अनुसार ही हम स्किल्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का भी प्रयास कर रहे हैं इसलिए बजट में हेल्थ एजुकेशन और हेल्थकेयर से जुड़े ह्युमेन रिसोर्स डेवलपमेंट के लिए पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में कोविन जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से हमारी डिजिटल टेक्नोलॉजी का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, कंज्यूमर और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के बीच एक आसान इंटरफेस उपलब्ध कराता है। इससे देश में उपचार पाना और देना, दोनों बहुत आसान हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष की भूमिका तो आज पूरी दुनिया भी मान रही है। हमारे लिए गर्व की बात है कि WHO भारत में अपना विश्व में अकेला ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन शुरू करने जा रहा है।
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मोदी ने कहा कि प्राइमरी हेल्थकेयर नेटवर्क को सशक्त करने के लिए 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के निर्माण का काम भी तेज़ी से चल रहा है। अभी तक 85,000 से अधिक सेंटर्स रुटीन चेकअप, वैक्सीनेशन और टेस्ट्स की सुविधा दे रहे हैं। इस बार के बजट में इनमें मेन्टल हेल्थकेयर की सुविधा भी जोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि बेहतर पॉलिसी के साथ ही उनका इम्प्लीमेंटेशन भी बहुत आवश्यक होता है इसके लिए जरूरी है कि ग्राउंड पर जो लोग पॉलिसी को उतारते हैं, उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाए इसलिए इस बजट में हमनें 2 लाख आंगनवाड़ियों को सक्षम आंगनवाड़ियों में अपग्रेड करके उन्हें और सशक्त बनाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि ये भारत के क्वालिटी और affordable हेल्थकेयर सिस्टम की ग्लोबल access भी आसान बनाएगा। इससे मेडिकल टूरिज्म बढ़ेगा और देशवासियों के लिए income opportunities बढ़ेंगी।
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