राज्यपाल के आगमन पर अधिकारियों ने घर में दरवाजे और पंखे लगवाए, जाते ही मांगे पैसे
राज्यपाल मंगूभाई पटेल के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी विदिशा जिले के एक ग्रामीण आदिवासी के लिए मुसीबत बन गई है। राज्यपाल पटेल ने 24 अगस्त को ग्रामीण बुद्धराम के घर दोपहर का भोजन किया। ग्रामीण आदिवासी को पीएम आवास योजना के तहत घर मिला था।
भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सरपंच और अफसरों की लालफीताशाही से प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी अछूते नहीं रहे है।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी विदिशा जिले के एक ग्रामीण आदिवासी के लिए मुसीबत बन गई है। राज्यपाल पटेल ने 24 अगस्त को ग्रामीण बुद्धराम के घर दोपहर का भोजन किया। ग्रामीण आदिवासी को पीएम आवास योजना के तहत घर मिला था।
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राज्यपाल के कार्यालय द्वारा विदिशा जिले के घाटखेड़ी के राज्यपाल के दौरे की घोषणा के तुरंत बाद जिला प्रशासन और स्थानीय पंचायत ने उनके दोपहर के भोजन का कार्यक्रम निर्धारित किया। इसके लिए उन्होंने बुद्धराम के घर का चयन किया।
चूंकि बुद्धराम का घर जिसे उन्होंने पीएम आवास योजना के तहत लिया था। जिला प्रशासन के अधिकारियों और ग्राम पंचायत सरपंच बदन सिंह राजपूत ने निर्माण पूरा करने में मदद की पेशकश की। उन्होंने उसे घर के सामने वाले हिस्से की सफाई कराने को कहा।
बुद्धराम के अनुसार उन्होंने नई खिड़कियां, एक गेट, घर की पेंटिंग और घर के सामने के क्षेत्र को साफ करने के लिए 15,000 से अधिक खर्च किए। सरपंच और कुछ अधिकारियों ने मुझे घर में एक नया गेट ठीक करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि 7,000 रुपये से अधिक का नया गेट तय किया गया था। सरपंच ने गेट का खर्च वहन करने का वादा किया था।
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उन्होंने कहा कि घर में एक नया सीलिंग फैन लगाया गया है। उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे राज्यपाल के दोपहर के भोजन की मेजबानी के लिए एक टीवी, एक गैस कनेक्शन और अन्य सामान दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें रिबन काटकर घर सौंप दिया और उनके साथ लंच भी किया। अगले ही दिन 25 अगस्त को ग्राम पंचायत की टीम आई और पंखा व कुछ अन्य सामान ले गई।
वहीं गरीब बुधराम के परिवार का कहना है कि यदि पहले से हमें यह जानकारी होती तो इतनी महंगी गेट नहीं लगाते हमें तो यह लगा कि यह सब सरकार ने दिया है।
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