Poorvottar Lok: Assam CM ने राहुल गांधी को दिया तोफहा, Manipur में हालात हो रहे सामान्य, Tripura मंत्रिमंडल अयोध्या में करेगा दर्शन

Himanta Biswa Sarma
ANI

असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मध्य भाग में बुधवार शाम को 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। भूकंप से जानमाल या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है।

असम में इस सप्ताह दो कांग्रेस विधायकों ने राज्य की भाजपा सरकार का समर्थन कर अपनी पार्टी को झटका दिया। असम में इस सप्ताह राज्य सरकार अपना बजट भी लेकर आई जिसमें तमाम लोक लुभावन घोषणाओं की भरमार है। मणिपुर में अब धीरे-धीरे शांति स्थापित हो रही है मगर राज्य सरकार अपना सतर्क रुख अपनाये हुए है। त्रिपुरा का पूरा मंत्रिमंडल जल्द ही अयोध्या जायेगा तो दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने तमाम योजनाएं घोषित की हैं। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत से कई प्रमुख समाचार रहे। आइये सब पर डालते हैं एक नजर और सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मध्य भाग में बुधवार शाम को 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। भूकंप से जानमाल या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप शाम सात बजकर 23 मिनट पर आया और इसका केंद्र ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में 19 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के केंद्र का सटीक स्थान असम-मेघालय सीमा के पास गुवाहाटी से लगभग 24 किलोमीटर दूर पूर्व में रहा। कामरूप, दरांग, उदलगुरी और नलबाड़ी के अलावा पड़ोसी मोरीगांव, नागांव और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों के लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किया। पूर्वोत्तर राज्य उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आते हैं और इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

इसके अलावा, असम के डिब्रूगढ़ जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की एक पाइपलाइन की मरम्मत के दौरान हुए विस्फोट में एक संविदा कर्मचारी की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। कंपनी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना दुलियाजान टाउनशिप में हुई, जहां ओआईएल का 'फील्ड मुख्यालय' स्थित है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह एक नयी पाइपलाइन थी और एक वाल्व की मरम्मत की जा रही थी कि तभी अचानक दबाव के कारण विस्फोट हो गया। हम इसके पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं।’’ प्रवक्ता ने बताया कि इस दुर्घटना में पांच लोग घायल हो गए और उनमें से एक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मृतक की पहचान राबिन ओरंग के रूप में हुई है, जो संविदा कर्मचारी था। प्रवक्ता ने बताया कि चार घायलों में से एक संविदा कर्मचारी है और तीन ऑयल इंडिया के कर्मचारी हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘घायलों में से दो को बेहतर इलाज के लिए डिब्रूगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य लोगों को दुलियाजान के ओआईएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।''

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और पूर्व मंत्री बसंत दास ने अभी अपनी पार्टी को छोड़े बगैर ‘‘सरकार का समर्थन करने’’ का फैसला किया है। पुरकायस्थ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कार्यकारी प्रमुख थे, जबकि दास तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे थे। दास 2021 में मंगलदोई सीट से चुने गए थे। राज्य में भाजपा-नीत सरकार का नेतृत्व कर रहे शर्मा ने बजट सत्र के दौरान दोनों विधायकों का विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में स्वागत किया। शर्मा ने इस घटनाक्रम को उनकी ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक तोहफा बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के ये दोनों विधायक भाजपा में शामिल होंगे, शर्मा ने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले इस बारे में फैसला किया जाएगा। शर्मा ने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी नीत ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ अब ‘कांग्रेस तोड़ो यात्रा’ में तब्दील हो गई है। कांग्रेस नीत ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान, हाल में असम में राहुल और शर्मा के बीच सिलसिलेवार आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला था। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में विश्वास जताते हुए कांग्रेस के दो विधायकों ने सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है। सभी जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और रचनात्मक कार्यों के लिए वे राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों का समर्थन करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे चुके पुरकायस्थ, और दास विपक्षी दल के विधायक बने रहेंगे, लेकिन जनता के लिए काम करने के वास्ते असम सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को समर्थन देने और उसमें शामिल होने का यह एक ‘नया चलन’ है और अन्य राज्य भी इस शैली का अनुसरण कर सकते हैं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पुरकायस्थ ने कहा, ‘‘हम अपने निर्वाचन क्षेत्र और असम में सभी विकास कार्यों के लिए सरकार का समर्थन करेंगे। हालांकि, मैं कांग्रेस विधायक बना रहूंगा और एक समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा।’’ उन्होंने दावा किया कि जनकल्याण के अलावा इस कदम का कोई और मकसद या मतलब नहीं है। पुरकायस्थ, कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) में रहने के समय से ही पार्टी से संबद्ध रहे थे। वह 2021 में करीमगंज उत्तर सीट से विधानसभा के लिए चुने गए थे। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी-नीत केंद्र सरकार में विश्वास जताते हुए, कांग्रेस के दोनों विधायकों ने सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। सभी जन कल्याणकारी कार्यक्रमों और रचनात्मक कार्यों में वे राज्य एवं केंद्र सरकार का समर्थन करेंगे।’’ इन दोनों विधायकों से पहले कांग्रेस विधायक शशिकांत दास और सिदि्दकी अहमद ने भी इसी तरीके से सरकार को अपना समर्थन दिया था, लेकिन अब भी वे विपक्षी दल के ही विधायक हैं। वर्तमान में, 126 सदस्यीय असम विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 61 है, जबकि इसकी सहयोगी यूपीपीएल के सात, असम गण परिषद (एजीपी) के नौ सदस्य हैं। वहीं, विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 27, एआईयूडीएफ के 15, बीपीएफ के तीन और माकपा के एक विधायक हैं। एक निर्दलीय विधायक भी है।’’ शर्मा ने यह भी दावा किया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के असम से गुजरने के दौरान राहुल ने कांग्रेस विधायकों को असम के मुख्यमंत्री पर प्रहार करने को कहा था। शर्मा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने विधायकों से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो आपको 5 या 10 या 15 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। लेकिन असम विधानसभा में इस बार एक भी वॉकआउट नहीं हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधायक अब मेरे साथ हैं। यह राहुल गांधी को मेरा उपहार है...यह भारत जोड़ो न्याय यात्रा नहीं थी, बल्कि भारत तोड़ो अन्याय यात्रा थी। हालांकि, आगे बढ़ने के क्रम में यह कांग्रेस तोड़ो यात्रा बन गई है।’’ शर्मा ने उम्मीद जताई कि उनकी सरकार के विकास कार्यों को देखने के बाद विपक्ष के और भी विधायक उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले दो-चार दिनों में (विपक्ष के) 6-7 विधायकों ने मुझसे मुलाकात की। जब बातचीत पूरी हो जाएगी, तो हम उन्हें आपके सामने पेश करेंगे। वे शारीरिक रूप से अपनी मूल पार्टी के साथ हो सकते हैं, लेकिन मानसिक रूप से हमारे साथ हैं।’’ शर्मा ने दावा किया कि भाजपा नीत गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में असम की 14 सीट में से कम से कम 11 पर जीतेगा और मतों का अंतर 1.5 लाख से 5 लाख के बीच होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले दो वर्षों के लिए ‘मियां’ वोट नहीं मांग रहे हैं क्योंकि बाल विवाह और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जैसे कई कल्याणकारी कार्यों को उससे पहले पूरा करने की जरूरत है। ‘मियां’ मूल रूप से असम में बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है और गैर-बंगाली भाषी लोग आम तौर पर उन्हें बांग्लादेशी अप्रवासी के रूप में जानते हैं।

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इसके अलावा, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को दावा किया कि एक समय पद्म पुरस्कार "सरपरस्ती और कार्यक्रम प्रबंधन" (इवेंट मैनेजमेंट) से प्रेरित थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया में "परिवर्तनकारी बदलाव" देखे गए हैं। धनखड़ ने असम के शीर्ष नागरिक पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि समाज की विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाली 22 हस्तियों को बहुत पारदर्शी तरीके से राज्य का नागरिक सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा, "हमने हाल के दिनों में देखा है कि हमने पद्म पुरस्कारों में परिवर्तनकारी बदलाव किए हैं। एक समय में सरपरस्ती प्रेरक शक्ति थी और ‘इवेंट मैनेजमेंट’ इसके पीछे था।" धनखड़ ने कहा कि सरपरस्ती, मित्रता या यहां तक कि प्रबंधन के कारण प्राप्त पुरस्कार वास्तव में "पुरस्कार नहीं" है। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विभिन्न क्षेत्रों के 22 लोगों को पुरस्कार सौंपे। राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'असम वैभव' राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई को दिया गया। दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार 'असम सौरभ' चार लोगों को दिया गया, जबकि तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार 'असम गौरव' 17 लोगों को मिला।

इसके अलावा, असम सरकार ने तीन स्वायत्त परिषदों में संशोधन लाने के वास्ते मंगलवार को राज्य विधानसभा में तीन विधेयक पेश किए ताकि इन क्षेत्रों में ग्राम परिषद के प्रावधान को समाप्त किया जा सके। जनजातीय मामलों के मंत्री रनोज पेगु ने सभी विधेयक सदन पटल पर रखे। मिसिंग स्वायत्त परिषद (संशोधन) विधेयक, 2024, ग्राम परिषद के प्रावधानों को हटाने के लिए 1995 के मूल अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव करता है। विधेयक के 'उद्देश्यों और कारणों' में कहा गया है, ‘‘जमीनी स्तर पर कार्यशील पंचायती राज प्रणाली मौजूद रहने के कारण इस अधिनियम के तहत ग्राम परिषदों के नाम पर किसी अन्य समान संगठन की आवश्यकता नहीं है।’’ अन्य दो विधेयकों- 'राभा हासोंग स्वायत्त परिषद (संशोधन) विधेयक, 2024' और 'थेंगल कचारी स्वायत्त परिषद (संशोधन) विधेयक, 2024' में भी इसी तरह के बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उच्च जनसंख्या राज्य के लिए एक ‘‘बीमारी’’ है, जो विभिन्न मापदंडों में इसके प्रदर्शन को प्रभावित करती है। शर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रव्यापी स्वच्छता सर्वेक्षण में राज्य का खराब प्रदर्शन "सरकार के बजाय समग्र रूप से लोगों को प्रतिबिंबित करता है"। उन्होंने (इसे लेकर) 'उचित नागरिक आंदोलन' की वकालत की। राज्य के बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए शर्मा ने कहा कि प्रतिशत की दृष्टि से राज्य के प्रदर्शन की तुलना अरुणाचल प्रदेश या मेघालय से नहीं की जा सकती, जिनकी आबादी असम से काफी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिशत के संदर्भ में हमारी जनसंख्या का बोझ हमारे प्रदर्शन को प्रभावित करता है। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस विधायक भरत चंद्र नारा के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘आबादी की तुलना में छात्रों की संख्या’ प्रतिशत का मूल्यांकन करती है। नारा ने कहा था कि असम का सकल दाखिला अनुपात (जीईआर) राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम है। नारा ने यह भी कहा था कि हालिया सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार असम का जीईआर 16.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27.1 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अधिकांश अन्य पूर्वोत्तर राज्यों का प्रतिशत असम से बेहतर है, उनमें से कुछ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। कांग्रेस विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा, 'हमें बीमारी पर हमला करना है, लक्षणों पर नहीं और हमारी बीमारी जनसंख्या है।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि जीईआर पर विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण में महाविद्यालयों की भागीदारी पहले राज्य में कम थी, जिससे राज्य की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, सभी ने उच्च शिक्षा सर्वेक्षण में उचित रूप से भाग लिया और जब अगले वर्ष परिणाम आएंगे, तो हम 23-24 प्रतिशत पर होंगे, जो राष्ट्रीय औसत के करीब है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में खराब प्रदर्शन को लेकर राज्य और उसके शहरों, खासकर सबसे बड़े शहर गुवाहाटी की आलोचना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे निपटने के लिए एक उचित नागरिक आंदोलन की जरूरत है। इस बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्री अजंता निओग ने राज्य विधानसभा में कहा कि पिछले तीन वर्षों में असम में 3,700 से अधिक बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें से 3,400 से अधिक को विभिन्न एजेंसियों ने बचाया भी है। कांग्रेस विधायक भास्कर ज्योति बरुआ के एक सवाल का जवाब देते हुए निओग ने कहा कि 2021 से 2023 तक कुल 3,779 बच्चों के अपने घरों से लापता होने की सूचना मिली है।

इसके अलावा, असम सरकार ने मंगलवार को 'काजी नेमू' (खट्टे नींबू) को राज्य फल घोषित कर दिया। काजी नेमू अपनी अनूठी सुगंध और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है और इसे ‘भौगोलिक संकेत’ (जीआई) टैग प्राप्त है। कृषि मंत्री अतुल बोरा ने राज्य विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, "कल कैबिनेट की बैठक में काजी नेमू को असम के राज्य फल के रूप में मंजूरी दे दी गई है। यह हमारी सरकार का एक प्रशंसनीय निर्णय है।" बोरा ने बताया कि इस फल को 2016 में जीआई टैग मिला था। इसे राज्य में व्यावसायिक रूप से उगाया जाता है, साथ ही इसका निर्यात भी किया जाता है। इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि काजी नेमू को राज्य फल घोषित करने के निर्णय से इस फल पर वैश्विक स्तर पर अधिक ध्यान जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "हमारी सरकार ने काजी नेमू (साइट्रस लिमोन) को असम का राज्य फल घोषित करने का फैसला किया है। अपनी अनूठी सुगंध और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ, असम नींबू ने हमारे स्थानीय व्यंजनों को समृद्ध किया है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घोषणा के साथ, यह वैश्विक फल मानचित्र पर चमकने, आत्म-निर्भरता और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में 1.59 लाख से अधिक लोगों को अब तक ‘विदेशी’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य करीब 97,000 लोगों की ‘संदिग्ध’ मतदाता के रूप में पहचान की गई है। गृह विभाग का भी प्रभार संभालने वाले शर्मा ने कहा कि राज्य में संदिग्ध मतदाताओं की नागरिकता के मुद्दे से निपटने वाले 100 विदेशी (नागरिक) अधिकरण वर्तमान में संचालित हो रहे हैं। वह विधानसभा में विपक्षी एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अधिकरणों ने 31 दिसंबर 2023 तक 1,59,353 लोगों को विदेशी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि विदेशी (नागरिक) अधिकरण ने पिछले साल के अंत तक 3,37,186 मामलों का निपटारा किया है और 96,149 मामले विभिन्न अधिकरणों में लंबित हैं। कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद के एक सवाल का जवाब देते हुए शर्मा ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, आज की तारीख में राज्य में 96,987 संदिग्ध मतदाता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 41,275 संदिग्ध मतदाताओं को विदेशी (नागरिक) अधिकरण का नोटिस मिलना अभी बाकी है।

इसके अलावा, असम सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.9 लाख करोड़ रुपये का बजट सोमवार को पेश किया। बजट में 774.47 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान लगाया गया है। इसमें किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। असम की वित्त मंत्री अजंता नियोग ने अगले वित्त वर्ष के लिए वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करते हुए कहा कि सरकार समाज से बाल विवाह को खत्म करने के लिए स्नातकोत्तर स्तर तक 10 लाख लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, ''2024-25 के बजट अनुमान में राज्य की समेकित निधि के तहत 1,43,605.56 करोड़ रुपये की प्राप्ति दिखाई गई है। सार्वजनिक खाते के तहत 1,44,550.08 करोड़ रुपये और आकस्मिकता निधि के तहत 2,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति को जोड़ने के बाद कुल प्राप्तियां 2,90,155.65 करोड़ रुपये की बैठती है।’’ नियोग ने कहा कि 2024-25 में समेकित निधि से कुल व्यय 1,43,890.62 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खाते के तहत 1,42,670.09 करोड़ रुपये और आकस्मिकता निधि के तहत 2,000 करोड़ रुपये के व्यय को ध्यान में रखते हुए वर्ष के लिए कुल व्यय 2,88,560.71 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। राज्य की अर्थव्यवस्था के आकार के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में असम का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 5.7 लाख करोड़ रुपये था।

मणिपुर

मणिपुर से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि मणिपुर पुलिस ने इंफाल ईस्ट जिले के चिंगारेल में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के शिविर से हथियार लूटने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आईआरबी के शिविर से लूटी गयी चार इंसास राइफल, एक एके घटक, एसएलआर की दो मैगजीन और 9एमएम गोला बारुद के 16 छोटे बक्से भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘13 फरवरी 2024 की रात को एक उग्र भीड़ द्वारा इंफाल ईस्ट, चिंगारेल में आईआरबी की पांचवीं बटालियन के हथियार लूटने की घटना के संबंध में, मणिपुर पुलिस ने बुधवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया और एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया है।’’ बहरहाल, पुलिस ने यह नहीं बताया कि हथियार कहां से बरामद किए गए या आरोपियों को कहां से गिरफ्तार किया गया। चिंगारेल में आईआरबी की पांचवीं बटालियन के शिविर में उग्र भीड़ घुस आयी थी और वह हथियार तथा गोला बारुद लूटकर ले गयी थी। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में ‘‘ग्रामीण स्वयंसेवकों’’ ने भी चिंगारेल से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित इंफाल ईस्ट जिले में पांगेई के मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में घुसने का प्रयास किया। पुलिस के एक बयान में कहा गया है, ‘‘मंगलवार को, एमपीटीसी, पांगेई पर हमला करने की कोशिश कर रहे सशस्त्र उपद्रवियों सहित हिंसक भीड़ को पीछे हटाने के लिए सुरक्षा बलों को कानूनी बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गयी और तीन अन्य लोग घायल हो गए।’’

इसके अलावा, मणिपुर में काकचिंग जिले के सुगनू गांव में हथियारबंद लोगों ने बुधवार की सुबह हमला किया। इस दौरान इलाके में तैनात ग्रामीण स्वयंसेवियों और हमलावरों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस के अनुसार अभी तक इसमें किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन गोलीबारी जारी है। पुलिस ने बताया, ‘‘कई हथियारबंद लोगों ने सुगनू की ओर गोलियां चलाईं, जिसके बाद गांव के स्वयंसेवियों ने जवाबी कार्रवाई की।’’ इसने बताया कि स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को इलाके में भेजा गया है। पिछले साल मई में सुगनू में व्यापक पैमाने पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं जिसमें कई मकानों में आग लगा दी गई थी और पांच से अधिक लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों ग्रामीणों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इंफाल पूर्वी जिले में दो समुदायों के बीच मंगलवार को हुई गोलीबारी में 25 वर्षीय एक ग्रामीण की मौत हो गयी थी जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। मणिपुर में पिछले साल तीन मई से कुकी और मेइती समुदाय के बीच भड़की हिंसा में अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके अलावा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा था कि राज्य में 1961 के बाद आने वाले और बसने वालों की पहचान की जाएगी और निर्वासित किया जाएगा जिसकी व्यवहार्यता पर विशेषज्ञों ने मंगलवार को संशय प्रकट किया। विशेषज्ञों ने कहा कि अवैध प्रवासियों की पहचान करना एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन उनका निर्वासन तब तक मुश्किल होगा जब तक संबंधित अन्य देश उन्हें अपने नागरिक के तौर पर नहीं पहचानें। मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा का माहौल है और सरकार ने पड़ोसी म्यांमा से आये कुछ प्रवासियों पर अशांति पैदा करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ‘प्रोजेक्ट बुनियाद’ के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘राज्य में 1961 के बाद आने वाले और बसने वालों की पहचान की जाएगी और उनका निर्वासन किया जाएगा, चाहे वे किसी भी जाति और समुदाय के हों।’’ इससे पहले मणिपुर सरकार के मंत्रिमंडल ने जून, 2022 में राज्य के नागरिकों का स्थानीय दर्जा तय करने के लिए 1961 को मानक वर्ष बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप फंजौबम ने कहा, ‘‘अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए जरूरी है कि संबंधित देश उन्हें अपने मूल निवासी के रूप में मान्यता दे। अगर दूसरा देश उन्हें अपने नागरिक के रूप में मान्यता नहीं देता तो उनका निर्वासन कैसे किया जाएगा?’’ नगा नेता और फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ पीस के संयोजक आशांग कशार ने कहा कि मणिपुर सरकार अकेले ही निर्वासन नहीं कर सकती।

इसके अलावा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को राज्य की मौजूदा स्थिति को अस्तित्व और पहचान की लड़ाई करार दिया, जो सामने आ रही चुनौतियों की गंभीरता को दर्शाती है। एक कौशल विकास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने राज्य के सामने मौजूद संकट को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम संकट के दौर से गुजर रहे हैं। आज हम जिस संकट का सामना कर रहे हैं वह अस्तित्व और पहचान का संघर्ष है। सदियों से विरासत में मिली संपत्तियां और पहचान अब कुछ राजनेताओं की दूरदर्शिता की कमी के कारण असुरक्षित हो गई हैं। हमारी आज की पीढ़ी असुरक्षित है, इसलिए सरकार आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही है।’’ सिंह ने भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को रद्द करने के संबंध में सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पोस्ट पर भी प्रकाश डाला, जिसमें आंतरिक सुरक्षा और जनसांख्यिकीय चुनौतियों से निपटने में इसके महत्व को रेखांकित किया गया है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को रद्द करने सहित सरकार के उठाए गए कदमों का उद्देश्य एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना है, जिससे व्यापक अवैध अप्रवासन और मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी जैसी गतिविधियों को समाप्त किया जा सके। सिंह ने कहा, ‘‘आज हमारे अंदर जो असुरक्षा है, उसका सामना आने वाली पीढ़ियों को नहीं करना पड़ेगा। यही कारण है कि हम सभी आलोचनाएं सहन कर रहे हैं।’’

मिजोरम

मिजोरम से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि मिजोरम एनजीओ समन्वय समिति (एनजीओसीसी) ने केंद्र से भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और पड़ोसी देश के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) पर रोक लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन में ‘सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन’ (सीवाईएमए) और ‘मिजो जिरलाई पावल’ (एमजेडपी) सहित प्रमुख नागरिक समाज संगठनों और छात्र निकायों के समूह एनजीओसीसी ने इस संबंध में केंद्र के फैसलों पर चिंता व्यक्त की। ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हम एफएमआर को खत्म करने के केंद्र के फैसले के साथ-साथ सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों के बीच संबंधों को बनाए रखने और विकसित करने के बजाय सीमा पर बाड़ लगाने के प्रयास से आश्चर्यचकित हैं।’’ ज्ञापन में दावा किया गया कि एफएमआर सीमा के दोनों ओर रहने वाले मिजो लोगों के बीच जातीय और सांस्कृतिक संबंधों को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण तंत्र रहा है और एफएमआर पर रोक लगाने और सीमा पर बाड़ लगाने से मिजो समुदायों के बीच जातीय और सांस्कृतिक संबंधों पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।

त्रिपुरा

त्रिपुरा से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के समर्थकों का एक समूह बुधवार को अगरतला के लिचुबगन में गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में कथित तौर पर जबरन घुस गया और संस्थान के प्राधिकारियों को देवी सरस्वती की प्रतिमा को साड़ी पहनाने के लिए मजबूर किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बात की जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के सामने आने के बाद यह घटना हुई। वीडियो में देवी सरस्वती की प्रतिमा कथित तौर पर बिना साड़ी के दिखाई दे रही थी। प्रतिमा को कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया था। बजरंग दल की त्रिपुरा इकाई के समन्वयक तूतन दास ने कहा, 'सोशल मीडिया पर बिना पारंपरिक साड़ी के मां सरस्वती की प्रतिमा का वीडियो प्रसारित हो रहा था। हम पूजा शुरू होने से पहले तुरंत कॉलेज पहुंचे और आयोजकों से प्रतिमा को साड़ी पहनाने के लिए मजबूर किया।' उन्होंने विद्यार्थियों के इस कृत्य की निंदा की और कहा कि आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज के विद्यार्थियों से जिन सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों के अनुपालन की उम्मीद की जाती है, यह उससे भटकाव है। विहिप के सहायक संयोजक (अभियान) सौरभ दास ने भी विद्यार्थियों की इस हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा, 'हम गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट के विद्यार्थियों द्वारा देवी सरस्वती के प्रति प्रदर्शित निरादर की कड़ी निंदा करते हैं। विहिप, हिंदू देवी-देवताओं के प्रति किसी भी अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी।' एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया लेकिन कॉलेज, विहिप और बजरंग दल में से किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं करायी।

इसके अलावा, त्रिपुरा के सभी कैबिनेट मंत्री जल्द ही राम लला की पूजा करने के लिए अयोध्या स्थित राम मंदिर जाएंगे। राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बुधवार रात अगरतला से अयोध्या के लिए एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने अयोध्या तक विशेष ट्रेन की व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद दिया। अगरतला रेलवे स्टेशन पर अयोध्या जाने वाली विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद साहा ने कहा "अयोध्या में राम लला की पूजा करने के लिए त्रिपुरा से 400 से अधिक श्रद्धालुओं को ले जाने वाली एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना अच्छा लग रहा है।" मुख्यमंत्री ने कहा "त्रिपुरा कैबिनेट का पांच फरवरी को अयोध्या के राम मंदिर का दौरा करने का कार्यक्रम था, लेकिन भारी भीड़ के कारण इसे रद्द कर दिया गया। पूरी त्रिपुरा कैबिनेट जल्द ही अयोध्या का दौरा करेगी और राम लला की पूजा करेगी।"

इसके अलावा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 फरवरी को दिल्ली से त्रिपुरा के लोगों को 'विकसित भारत, विकसित त्रिपुरा' के तहत संबोधित करेंगे। साहा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संचार व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राज्य के लोगों को 'हीरा' (हाईवे, आई-वे, रोडवेज, एयरवेज) मॉडल दिया है। साहा ने कहा, "प्रधानमंत्री से हम जो भी मांगते हैं, वह मिलता रहा है। वह 24 फरवरी को दिल्ली से विकसित भारत, विकसित त्रिपुरा कार्यक्रम में त्रिपुरा के लोगों को वर्चुअल तौर पर संबोधित करेंगे।" उन्होंने कहा कि मोदी 'राम राज्य' लाने की कोशिश कर रहे हैं जहां लोग शांति और समृद्धि से रहते थे।

इसके अलावा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की त्रिपुरा इकाई ने आगामी संसदीय चुनावों में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के खिलाफ गठजोड़ बनाने के लिए कांग्रेस के साथ चर्चा शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी। माकपा ने पिछले साल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने पार्टी की राज्य समिति की बैठक के बाद कहा, “हमने आज माकपा राज्य समिति की बैठक में आगामी संसदीय चुनाव के मद्देनजर राज्य के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की है। हम ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत पहले ही कांग्रेस के साथ प्रथम दौर की बातचीत कर चुके हैं और उससे संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया है।''

नगालैंड

नगालैंड से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि सिडबी ने नगालैंड सरकार के साथ एक समझौता किया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य में उद्यमिता परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिबद्धता जतायी गई है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) भारत में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम वित्त कंपनियों के समग्र लाइसेंसिंग और विनियमन के लिए शीर्ष नियामक निकाय है। यह वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है। एसआईबीडीआई के मुख्य महाप्रबंधक शुभ्रांसु एस. आचार्य ने मंगलवार रात एक कार्यक्रम में कहा कि निकाय चार परियोजनाओं को वित्त पोषित करेगा। इसमें उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी 16 जिलों के वास्ते क्लस्टर विकास निधि एवं स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र (एससीके) के तहत एमएसएमई के लिए औद्योगिक बुनियादी ढांचे की स्थापना शामिल है। सिडबी ने पांच होनहार खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक को पांच-पांच लाख रुपये की खेल छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा की। वह उद्यमियों को उनके स्टार्टअप के लिए समर्थन देने के वास्ते प्रारंभिक निधि भी प्रदान करेगा। इस अवसर पर नगालैंड उद्योग एवं वाणिज्य की सलाहकार हेकानी जखालू केन्से और सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस. रमन भी उपस्थित थे। केन्से ने कहा, ''मुख्यमंत्री नेफियू रियो इसको लेकर बेहद स्पष्ट रहे हैं कि यदि राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है, तो स्थानीय उद्यमियों को पहले बढ़ना होगा।’’ रमन ने उम्मीद जतायी कि नगालैंड सरकार के सहयोगात्मक प्रयासों से राज्य में जल्द ही स्टार्टअप बढ़ते दिखेंगे।

इसके अलावा, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नगालैंड के अवर सचिव (कृषि) जितेंद्र गुप्ता और खेती से जुड़ी ‘फोकस’ परियोजना के दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से दो करोड़ रुपये से अधिक रिश्वत लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई ने आयकर विभाग की ‘हवाई खुफिया इकाई’ की एक शिकायत पर कार्रवाई शुरू की है, जिसने 2013-बैच के आईएएस अधिकारी गुप्ता और उनके साथ यात्रा कर रहे दो लोगों- तत्कालीन उप वन संरक्षक रामपौकाई और पशु धन विकास विभाग में पशु चिकित्सा सहायक सर्जन ऑटो विहोई को रोका था, जो कथित तौर पर भारी नकदी के साथ 17 दिसंबर, 2023 को दिमापुर से नई दिल्ली की उड़ान में यात्रा कर रहे थे। सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कोहिमा में ‘फोकस’ के दफ्तर में आठ फरवरी को तलाशी ली थी। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने कार्यवाही के दौरान विहोई के चैक-इन बैग से 34.50 लाख रुपये, रामपौकाई के चैक-इन बैग से 21 लाख रुपये और गुप्ता के केबिन बैग से 16 लाख रुपये समेत कुल 71.50 लाख रुपये जब्त किए थे। आयकर विभाग की पूछताछ में विहोई ने आरोप लगाया कि नकदी गुप्ता की है जिन्होंने इसे ‘फोकस’ परियोजना लागू करने से जुड़े अनेक लोगों से रिश्वत के रूप में वसूला था। फोकस परियोजना का पूरा नाम फोस्टरिंग क्लाइमेट रेजीलिएंट उपलैण्ड फार्मिंग सिस्टम है। उन्होंने कहा कि गुप्ता ने यह नकदी अगले दिन दिल्ली ले जाने के लिए 16 दिसंबर, 2023 को उनके आवास पर उन्हें सौंप दी थी। रामपौकाई ने भी कहा कि पैसा गुप्ता का है जिन्होंने इसे अनेक लोगों के बिल मंजूर करने के लिए उनसे लिया था। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आयकर विभाग को पता चला कि रामपौकाई परियोजना में शामिल लोगों से नियमित रिश्वत वसूल रहा है और पिछले कुछ महीने में उसने 1.5 करोड़ रुपये गुप्ता को दिये थे।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में सीमांत राजमार्ग (फ्रंटियर हाईवे) के 93 किलोमीटर लंबे दो खंडों के निर्माण के लिए 2378.72 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। उन्होंने कहा कि सड़क अवसंरचना के विकास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क को बढ़ाना और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को तेज करना है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सूचना को साझा करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में 78.3 किलोमीटर लंबे बोमडिला-नफरा-लाडा खंड के निर्माण के लिए 2,098.81 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय राजमार्ग -913 (सीमांत राजमार्ग) के 15.4 किलोमीटर लंबे लाडा-सरली खंड (पैकेज सात) के लिए ईपीसी मोड के तहत 279.91 करोड़ रुपये का आवंटन मंजूर किया गया है।’’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सीमांत राजमार्ग के हिस्से के उन्नयन से अहम सड़क अवसंरचना की स्थापना होगी जो महत्पपूर्ण नदी घाटियों को जोड़ेगा। इससे राज्य कई पनबिजली परियोजना को विकसित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गडकरी का आभार जताया है। खांडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ऊपरी अरुणाचल प्रदेश में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए उनके निरंतर समर्थन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी का आभार।’’ अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘‘पश्चिम कामेंग-बिचोम-पूर्वी कामेंग और कुरुंग कुमेय जिलों के ‘फ्रंटियर हाईवे’ नफरा-लाडा-सरली खंडों के लिए एक और बड़ी राशि स्वीकृत की गई है। यह अरुणाचल प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा स्वीकृत किये गये सबसे कठिन और महत्वाकांक्षी राजमार्गों में से एक है। मेरा सपना हकीकत बन रहा है।’’ राज्य के उत्तर-पश्चिम भाग के बोमडिला को राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित विजयनगर से जोड़ने वाले ‘अरुणाचल सीमांत राजमार्ग’ में 800 किलोमीटर का ग्रीनफील्ड खंड और नई सुरंगों और पुलों का एक नेटवर्क शामिल है। राजमार्ग की कुल लंबाई 1,748 किलोमीटर होगी।

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