Anand Mohan को रिहा कर फंस गए नीतीश कुमार? बिहार सरकार को SC का नोटिस
राज्य सरकार द्वारा हाल ही में उनके सहित 27 दोषियों की जल्द रिहाई की अनुमति देने वाले जेल नियमों में संशोधन के बाद सिंह की रिहाई को जेल की सजा में छूट के आदेश के तहत अनुमति दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की पत्नी उमा कृष्णय्या की उस याचिका पर बिहार सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया, जिसमें बिहार के राजनेता आनंद मोहन सिंह की जेल से समयपूर्व रिहाई को चुनौती दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में उनके सहित 27 दोषियों की जल्द रिहाई की अनुमति देने वाले जेल नियमों में संशोधन के बाद सिंह की रिहाई को जेल की सजा में छूट के आदेश के तहत अनुमति दी गई थी।
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आनंद 1994 में मुजफ्फरपुर के गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस के दौरान तत्कालीन गोपालगंज कलेक्टर जी कृष्णैया की हत्या में कथित भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले 15 साल से जेल में बंद आनंद 27 अप्रैल को जेल से बाहर आए। बता दें कि बिहार सरकार पर 10 अप्रैल को मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए नियम 481 में बदलाव करते हुए जेल नियमावली, 2012 में बदलाव करने के आरोप लगे हैं। राज्य सरकार की आधिकारिक अधिसूचना ने 26 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्होंने 14 से 20 साल के बीच जेल में सेवा की थी।
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पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए मारे गए आईएएस अधिकारी की पत्नी उमा कृष्णैया ने कहा था कि राजनीतिक कारणों से ऐसे निर्णय नहीं लिए जाने चाहिए और राजनीति में अपराधियों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बिहार के मुख्यमंत्री का बेहद गलत फैसला है।
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