एनजीटी ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, मांगी एक्शन रिपोर्ट, कांग्रेस विधायक ने लगाई थी याचिका
याचिका के माध्यम से गोविंद सिंह ने चंबल नदी में रेत के अवैध खनन से हो रहे नुकसान को लेकर सवाल उठाए थे। इस याचिका में इस बात पर भी ध्यान दिलाया गया है कि रेत के अवैध खनन के चलते न केवल नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
भोपाल। मध्य प्रदेश से लगातार अवैध रेत खनन के मामले सामने आ रहे है। हाल में ही चंबल नदी में अवैध रेत खनन को लेकर एनजीटी में लगी याचिका पर आज सुनवाई हुई है। इस मामले में एनजीटी ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है। ये याचिका पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने लगाई गई है।
दरअसल याचिका के माध्यम से गोविंद सिंह ने चंबल नदी में रेत के अवैध खनन से हो रहे नुकसान को लेकर सवाल उठाए थे। इस याचिका में इस बात पर भी ध्यान दिलाया गया है कि रेत के अवैध खनन के चलते न केवल नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बल्कि चंबल नदी में क्रोकोडाइल और उसके अंडो को भी नष्ट किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अपराह्न तीन बजे तक पड़े करीब 48 फीसद वोट
वहीं याचिका के माध्यम से एनजीटी को बताया गया कि कैसे चंबल नदी में उत्तर प्रदेश से आकर माफिया रेत का अवैध खनन कर रहे हैें और सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही है।
आपको बात है कि याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई करते हुए न केवल राज्य सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले में कड़े कदम उठाने के निर्देश भी दिए। एनजीटी में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वह मामले में जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जिस पर एनजीटी ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट नहीं बल्कि एक्शन रिपोर्ट चाहिए है। अगली सुनवाई 11 मार्च को तय की गई है।
इसे भी पढ़ें:केजरीवाल सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी पद के लिए आवेदन मांगे
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस हिसाब से लगातार प्रदेश में रेत खनन के मामले सामने आ रहे हैं ऐसा लगता है कि बीजेपी इसी से सोना उड़ा रही है और अपनी पार्टी फंड में इसे इकट्ठा कर रही है।
अन्य न्यूज़