MP पंचायत चुनाव हुए निरस्त,प्रत्याशियों को वापस मिलेगी जमानत राशि

Panchayat elections in mp
सुयश भट्ट । Dec 29 2021 12:19PM

आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 42 में दी गई शक्ति और मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 18 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव कार्यक्रम और इससे संबंधित सभी कार्यवाहियों को निरस्त कर दिया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को निरस्त कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक और बड़ा फैसला लिया है। जिन उम्मीदवारों ने अपनी जमानत राशि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के साथ जमा कर दी है। उन प्रत्याशियों की जमानत राशि भी वापस होगी।

दरअसल पंचायत चुनाव के लिए लगभग 1 लाख 37 हजार उम्मीदवारों की नामांकन फीस वापस होगी। वहीं 2 लाख उम्मीदवारों ने 250 करोड़ रुपये खर्च किए है। 6 जनवरी को प्रथम चरण के चुनाव होने थे। सरकार के पास 54 लाख 80 हजार रुपए जमा कराए गए हैं। 

 

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आपको बता दें कि जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव प्रक्रिया संचालित की जा रही थी जब वो ही समाप्त हो गया तो फिर चुनाव कराने का कोई औचित्य ही नहीं बचा था। अध्यादेश वापस लेने से वह परिसीमन पुन: लागू हो गया। जिसे निरस्त किया गया था। और ऐसी स्थिति में चुनाव कराया जाना संभव ही नहीं था।

वहीं आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 42 में दी गई शक्ति और मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 18 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव कार्यक्रम और इससे संबंधित सभी कार्यवाहियों को निरस्त कर दिया है।

21 नवंबर को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश जारी हुआ। 4 दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया। 13 दिसंबर से चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करना प्रारंभ हुआ।

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17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को सामान्य के लिए पुन: अधिसूचित करने के आदेश दिए। राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी वर्ग के आरक्षित पदों के नामांकन पर रोक लगाई। 20 दिसंबर को नामांकन पत्र जमा करने का अंतिम दिन था। 23 दिसंबर को नामांकन पत्र वापस लेने की प्रक्रिया पूरी हुई और अभ्यर्थियों को प्रतीक चिह्नों का आवंटन कर दिया गया।

23 दिसंबर को विधानसभा में सर्वसम्मति से ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव न कराए जाने को लेकर संकल्प पारित हुआ। 26 दिसंबर को कैबिनेट ने अध्यादेश वापस लिया। राज्यपाल ने दी अनुमति। 28 दिसंबर शाम को राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव निरस्त किए।

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