Prabhasakshi NewsRoom I Lakhimpur Kheri Violence Live Updates I अखिलेश-प्रियंका हिरासत में, विपक्ष को मिला वरूण गांधी का साथ
न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने लखीमपुर जाने से रोक दिया जिसका विरोध करते हुए वह लखनऊ में अपने घर के बाहर धरने पर बैठ गये और सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की हिंसा मामले ने बड़ा राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। सवाल उठता है कि क्या केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों ने अब हंगामे का रास्ता अख्तियार कर लिया है? जिस तरह हरियाणा में जगह-जगह भाजपा के कार्यक्रमों में विघ्न डाला जाता है क्या अब उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में बवाल मचाने की योजना बनाई गयी है? आखिर क्यों किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे लोग कथित रूप से भिंडरावाले की तस्वीर वाली टीशर्ट पहने हुए थे? क्या उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश है? आज की इस रिपोर्ट में इन सब मुद्दों पर आपको विस्तृत जानकारी देंगे।
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धरने पर बैठे अखिलेश यादव
नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को लखीमपुर खीरी जाने से रोके जाने के विरोध में धरने पर बैठ गए और उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। सपा प्रमुख को सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी के लिए निकलना था लेकिन तड़के ही उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अखिलेश जब लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन से मुलाकात के लिए जाने के वास्ते घर से बाहर निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस की एक गाड़ी में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि पुलिस ने खुद अपनी गाड़ी जलाई है। बाद में अखिलेश और सपा के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव को हिरासत में ले लिया गया। इसके विरोध में सपा कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए।
धरने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में सपा अध्यक्ष ने कहा, "किसानों पर इतना अन्याय, इतना जुल्म अंग्रेजों ने भी नहीं किया जितना भाजपा की सरकार कर रही है।" उन्होंने कहा,‘‘ आखिरकार सरकार विपक्ष के किसी भी नेता को लखीमपुर खीरी क्यों नहीं जाने देना चाहती। सरकार आखिर क्या छुपाना चाहती है। यह सरकार इस बात से घबराती है कि जनता कहीं सच्चाई न जान जाए।’’ अखिलेश ने कहा, "भाजपा की सरकार पूरी तरह असफल हुई है। सबसे पहले गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। इसके साथ-साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी इस्तीफा देना चाहिए जिन्हें कानून व्यवस्था बिगड़ने की पूरी सूचना थी।" उन्होंने मांग की कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिजन को दो-दो करोड़ रुपए की मदद दी जाए, हर परिवार के एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी और किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए। अखिलेश ने यह भी कहा कि ‘‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में जिस तरह किसानों को धमकाया वह सरकार के किसी मंत्री की भाषा नहीं हो सकती, वह पहले से ही किसानों को धमका रहे थे। ऐसा तो हिटलर शाही में भी नहीं हुआ होगा।’’
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने लखीमपुर जाने से रोक दिया जिसका विरोध करते हुए वह लखनऊ में अपने घर के बाहर धरने पर बैठ गये और सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच कुछ लोगों ने वहां खड़ी एक पुलिस जीप को आग लगा दी। धरने पर बैठे अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर किसानों के साथ अमानवीय बर्ताव करने का आरोप लगाया। कुछ देर बाद पुलिस ने अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया और वहां से चली गयी। लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है खासकर लखीमपुर खीरी जाने वाले मार्गों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि वहां माहौल किसी भी प्रकार से तनावपूर्ण नहीं होने पाये। बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या किये जाने से लोगों में काफी गुस्सा है।
प्रियंका गांधी वाड्रा हिरासत में
वहीं आज तड़के मौके पर जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रास्ते में सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि वाद्रा तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे। तभी तड़के करीब पांच बजे रास्ते में उन्हें सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर वाड्रा से धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस महासचिव किसानों का दुख-दर्द बांटने जा रही थीं और उन्हें इस तरह से रोका जाना अलोकतांत्रिक है। इस बीच, राहुल गांधी ने प्रियंका को हिरासत में लिये जाने का विरोध करते हुए कहा कि प्रियंका पीछे नहीं हटने वाली हैं और “हम इस अहिंसक लड़ाई में अन्नदाताओं को जिताकर रहेंगे।” उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रियंका, मैं जानता हूं तुम पीछे नहीं हटोगी- तुम्हारी हिम्मत से वे डर गए हैं। न्याय की इस अहिंसक लड़ाई में हम देश के अन्नदाता को जिता कर रहेंगे।’’
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सतीश चंद्र मिश्र रोके गये
उधर, बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने पुलिस प्रशासन पर उन्हें लखीमपुर खीरी जाने से रोकने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासन ने उन्हें नोटिस थमाया है जिसमें कहा गया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर वह लखीमपुर खीरी नहीं जा सकते। लिहाजा उन्होंने वहां जाने का इरादा छोड़ दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को भी देर रात लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया गया है।
बघेल, रंधावा को उतरने नहीं दिया
इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ आ रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा को स्थानीय चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने प्राधिकरण को रविवार देर रात लिखे पत्र में कहा है कि लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को हुए संघर्ष की घटना के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘इसके दृष्टिगत अनुरोध है कि कृपया छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री और पंजाब के उपमुख्यमंत्री को चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा लखनऊ पर आगमन की अनुमति न प्रदान करें।’’
दिनेश शर्मा का वार
उधर, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा है कि ‘किसानों का भेष धरकर आंदोलन करने वाले, विपक्ष से हाथ मिला कर उसकी तरह काम करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे।’’ दिनेश शर्मा ने कहा, ‘‘जो असली किसान है वह देश का नागरिक है और देश हित में, राष्ट्रहित में सीमा से लेकर हर जगह कुर्बानी के लिए तैयार रहता है। लेकिन जो विपक्ष में बैठकर किसान का ठप्पा लगाकर आंदोलन करने पर उतारू है वह कभी कामयाब नहीं होंगे।'
राकेश टिकैत क्या बोले?
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और उनके बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की है। टिकैत ने सोमवार तड़के संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार से उनकी मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या करने के आरोप में मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने सरकार से इस घटना में मारे गए किसानों के परिजन को अनुग्रह राशि के तौर पर एक-एक करोड़ रुपये तथा आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की। टिकैत ने कहा कि ये मांगे पूरी होने के बाद ही मृत किसानों का दाह संस्कार किया जाएगा।
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दो एफआईआर दर्ज
दूसरी ओर, लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र सहित कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि लखीमपुर हिंसा मामले में दो एफआईआर हुई हैं। उधर लखीमपुर खीरी में मौजूद अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, “मैं घटनास्थल पर ही हूं। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर हुई हैं। अभी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नही है क्योंकि यहां इंटरनेट व्यवस्था काम नहीं कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मीडिया को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जायेंगी।
वरूण गांधी बागी हुए?
उधर, इस मामले में विपक्ष तो राज्य सरकार पर हमलावर है ही भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने भी लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है।
पूरा मामला क्या है?
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया। हालांकि अजय कुमार मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने रविवार को एक चैनल से कहा था कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकोनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया जिससे वह गाड़ी पलट गई। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि 'बब्बर खालसा जैसे संगठन किसानों के विरोध में शामिल हो गए हैं।' मिश्रा ने यह भी कहा, "भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं और हमारे एक ड्राइवर की भी मौत हो गई है, दो वाहन जल गए हैं और 6-7 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पार्टी के 10 से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" अजय मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या उनका बेटा उन वाहनों में से एक में था, जिसे कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, तो उन्होंने कहा, "नहीं। अगर वह उस कार में होता, तो वह जिंदा नहीं होता।" उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है।
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