IIT-Madras को 2023 में मिले रिकॉर्ड 300 पेटेंट
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए आवेदन की संख्या भी बढ़कर 2023 में 105 हो गई, जो 2022 में 58 थी। इसमें पेटेंट सहयोग संधि के तहत मंजूर पेटेंट भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक 226 पेटेंट को लेकर आवेदन पहले ही जमा किये जा चुके हैं। इनमें 163 भारतीय पेटेंट और 63 अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन शामिल हैं।
नयी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास को 2023 में दिये गये पेंटेंट की संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले दोगुनी होकर 300 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए आवेदन की संख्या भी बढ़कर 2023 में 105 हो गई, जो 2022 में 58 थी। इसमें पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) के तहत मंजूर पेटेंट भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक 226 पेटेंट को लेकर आवेदन पहले ही जमा किये जा चुके हैं। इनमें 163 भारतीय पेटेंट और 63 अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन (पीसीटी सहित) शामिल हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास की स्थापना के बाद से, अबतक बौद्धिक संपदा के लिए 2,550 आवेदन दिये गये। कुल पेटेंट में भारत में 1,800 और विदेश में 750 पेटेंट के लिए आवेदन दिये गये। इनमें से लगभग 1,100 पेटेंट प्राप्त हैं। इसमें लगभग 900 भारतीय और 200 अंतर्राष्ट्रीय हैं। आईआईटी-मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने कहा,‘‘ यह आईआईटी-मद्रास के लिए गर्व की बात है कि उसने जनवरी 1975 से ही पेटेंट आवेदन दाखिल करना शुरू कर दिया था। उसे मई, 1977 में पेटेंट दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दायर किये गये आईपी (बौद्धिक संपदा) आवेदनों की कुल संख्या 2016 में 1,000 थी, जो 2022 में 2,000 और 2023 में 2,500 को पार कर गई।’’
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कामकोटि ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहे हैं, भारत को महाशक्ति बनने के लिए अपने विचारों की रक्षा करना बहुत महत्वपूर्ण है। कामकोटि ने कहा कि आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ता वायरलेस नेटवर्क, अत्याधुनिक उत्पाद, रोबोटिक्स, इंजन, सहायक उपकरण, अत्याधुनिक सेंसर अनुप्रयोग, स्वच्छ ऊर्जा समेत उभरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पेटेंट प्राप्त कर रहे हैं।
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