Britain से 102 टन सोना...दिवाली पर RBI ने क्या बड़ा अपडेट दे दिया, होश उड़ाने वाले ऐलान से कई देश परेशान

102 tonnes of gold
ANI
अभिनय आकाश । Oct 30 2024 4:27PM

आज के टाइम में भारत के खजाने में सैकड़ों टन सोना और अरबों की कीमत का विदेशी मुद्रा भंडार है। अब आरबीआई ने ऐसा काम किया है जिसे सुनकर कापी लोगों को खुशी मिलेगी।

तीन दशक पहले की बात है। मुंबई एयरपोर्ट पर एक चार्टेड विमान खड़ा था। इस प्लेन में भारत सरकार ने सोना रखवाया। इस सोने को लेकर प्लेन इंग्लैंड के लिए उड़ गया और बदले में भारत सरकारो क पैसे मिले। कहानी साल 1991 की है। उस समय भारत की आर्थिक स्थिति चरमा चुकी थी और देश के पास कुछ दिनों का विदेशी मुद्रा भंडार बचा था। हालात ऐसे बन गए थे कि भारत को अपना सोना गिरवी रखकर कर्ज लेना पड़ा। इसके बाद देश के सामने ऐसी नौबत कभी नहीं आई। आज के टाइम में भारत के खजाने में सैकड़ों टन सोना और अरबों की कीमत का विदेशी मुद्रा भंडार है। अब आरबीआई ने ऐसा काम किया है जिसे सुनकर कापी लोगों को खुशी मिलेगी। 

 100 टन सोना वापस लाकर कहां रखा गया

भारत ब्रिटेन से 100 टन सोना वापस ले आया है। धनतेरस पर भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि भारत के भीतर सुविधाओं को सुरक्षित करने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से 102 टन सोना स्थानांतरित किया है। सितंबर के अंत में, आरबीआई के पास मौजूद 855 टन सोने में से 510.5 टन देश में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। अपना सोना लाने के पीछे भारत की मंशा देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना है। जानकारी के मुताबिक आऱबीआई आने वाले समय में और भी गोल्ड वापस ला सकता है। 

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ब्रिटेन में सोना क्यों रखता है आरबीआई?

भारतीय रिजर्व बैंक भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना सोना रखता है। आरबीआई के आधे से ज्यादा गोल्ड भंडार विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट के पास सुरक्षित रखे गए हैं। ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड परंपरागत रूप से सोने का भंडार गृह है। भारत की आजादी से पहले ही कुछ मात्रा में सोना लंदन में जमा है क्योंकि आजादी से पहले ब्रिटेन बैंक ऑफ इंग्लैंड में भारत का सोना रखता था। इसलिए आजादी के बाद भी भारत ने कुछ सोना लंदन में ही रखा हुआ है। आखिरी बार साल 1991 में आरबीआई ने इंग्लैंड से सोना वापस  भारत में मंगवाया था। यही नहीं जब 1991 में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी और उसके पास सामान इंपोर्ट करने के लिए डॉलर नहीं थे तो उसने सोने को गिरवी रख पैसे जुटाए थे और फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आया था। 

दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कस्टोडियन

 दूसरे देशों में सोना रखने के पीछे सुरक्षा, व्यापार जैसे कारणों का भी हवाला दिया जाता रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आज देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में  है। इसलिए आरबीआई धीरे धीरे विदेशों में जमा सोने की मात्रा कम कर रहा है। इसे भारत ला रहा है। माना जा रहा है कि भारत अपना सोना वापस ला रहा है ताकी देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो सके। ब्रिटेन से सोना लाने पर भारतीय रिजर्व बैंक को भंडारन लागत  यानी गोल्ड स्टाक कास्ट बचाने में भी मदद मिलेगी। जानकारी के मुताबिक भारत का ये सोना वापस देश में लाने के लिए रिजर्व बैंक को विशेष इंतजाम करने पड़े हैं। अब, 324 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सेफ कस्टडी में रखा गया है। ये न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व के बाद दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कस्टोडियन है।

  • रैंक
 देश गोल्ड रिजर्व (टन)
 1 अमेरिका 8133.46
 2 जर्मनी 3351.53
 3 इटली  2451.84
 4 फ्रांस 2436.97
 5रशियन फेडरेश  2335.85
 6 चीन 2264.32
 7 जापान 845.97
 8 भारत  840.76
 9 नीदरलैंड्स 612.45
 10 तुर्किए 584.93

1991 में भारत के सोना गिरवी रखने की कहानी

1991 के दशक की शुरुआत में देश की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खरबा थी। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की रेटिंग काफी नीचे कर दी थी। नौबत ऐसी आ गई थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के डिफॉल्टर हो जाने का खतरा पैदा हो गया था। इस मुश्किल घड़ी में वित्त मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी वाईवी रेड्डी ने मौजूदा भारत सरकार को सोने को गिरवी रखने की सलाह दी।  कुल मिलाकर 20 हजार किलो सोने को गिरवी रखने पर सहमति बनी और ये योना स्विजरलैंड की यूबीएस बैंक में गिरवी रखा गया। इससे मिले पैसों से देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई। विदेश से सामान खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका था। कुछ समय बाद 21 जून 1991 को पीवी नरसिम्हा राव भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह थे। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन कैबिनेट सचिव नरेंद्र चंद्रा ने पीवी नरसिम्हा राव को देश की माली हालत समझाते हुए कहा कि देश के पास दो से तीन हफ्ते का इंपोर्ट बिल भरने के बराबर विदेशी मुद्रा बची है। नई सरकार ने 47 टन सोना गिरवी रखा। हालांकि बाद में भारत ने अपना गिरवी रखा सोना कर्ज चुका कर वापस ले लिया था। 

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