Karnataka Rajyotsava: आज ही के दिन हुई थी कर्नाटक राज्य की स्थापना, जानिए इतिहास
हर साल 01 नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव या कन्नड़ राज्योत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने राज्य के गठन होने और देश के अभिन्न राज्य के रूप में पहचान पाने का जश्न मनाते हैं।
हर साल 01 नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव या कन्नड़ राज्योत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने राज्य के गठन होने और देश के अभिन्न राज्य के रूप में पहचान पाने का जश्न मनाते हैं। बता दें कि 01 नवंबर को कर्नाटक का गठन हुआ था। ऐसे में यह दिन अत्यंत गौरव, सांस्कृतिक उत्सव और कर्नाटक की विशिष्ट पहचान पाने का दिन होता है। बता दें कि कर्नाटर राज्य भारत की समृद्ध विरासत का प्रमाण है। तो आइए जानते हैं कर्नाटक दिवस का इसिहात और महत्व के बारे में...
इतिहास
दक्षिणी भारत के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर 10 नवंबर 1956 को कर्नाटक राज्य बनाया गया था। इसलिए हर साल 01 नवंबर को कर्नाटक स्थापना दिवस के रूप में नाया जाता है। यह दिन एक ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन राज्य में रह रहे विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के एकीकरण का भी प्रतीक है।
कर्नाटक राज्य
हर साल 01 नवंबर को राज्य विविधता का जश्न मनाया जाता है। इसको देश के विकसित राज्यों में से एक माना जाता है। यह राज्योत्सव सिर्फ कन्नड़ भाषियों द्वारा ही नहीं बल्कि अन्य भाषा-भाषियों और अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह राज्य के तुलु, कोंकणी, कोडवा और बेरी जैसी विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोगों के बीच एकता को दर्शाता है।
महत्व
कर्नाटक स्थापना दिवस के मौके पर कई विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा परेड, जुलूस आदि निकाली जाती है। कर्नाटक स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश की कलात्मक समृद्धि को प्रदर्शित किया जाता है।
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