गालों की तुलना सड़कों से किए जाने से नाराज हुईं हेमा मालिनी, बोलीं- ऐसे बयान अच्छे नहीं लगते
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, गुलाबराव पाटिल ने कहा था कि जो 30 सालों से विधायक रहे हैं उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र में आना चाहिए और सड़कें देखनी चाहिए।
भारतीय राजनीति और देश की सियासत में गाहे-बगाहे यहां मंत्री और नेता उल्टे सीधे बयान दे ही देते हैं। यहां की राजनीति में यह आम बात हो गई है, अब इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री और शिवसेना के नेता है गुलाबराव पाटिल यह महाशय अपने एक यान की वजह से सुर्खियों में हैं। इन्होंने हाल ही में अपने विधानसभा क्षेत्र जलगांव जिलों की सड़कों की तुलना बॉलीवुड अदाकारा और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के गालों से कर दी। इस बयान के बाद बवाल मचना तो तय था और बवाल मचा भी खूब, हालांकि इसके बाद मंत्री जी ने अपने बयान पर माफी मांग ली है। लेकिन उनके इस बयान से हेमा मालिनी काफी खफा है, और उन्होंने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है।
क्या कहा हेमा मालिनी ने
हेमा मालिनी ने सड़कों की तुलना अपने गालों से किए जाने पर एएनआई कहा, बेहतर रहेगा मैं अपने गालों को सुरक्षित रखूं। मैं मजाक कर रही हूं लेकिन उन्हें कुछ लगा होगा यह ट्रेंड कुछ साल पहले लालू यादव जी ने शुरू किया था। उसके बाद हर किसी के लिए ये कहना आम बात हो गई है। सब लोग वही बोलते हैं। यह करना नहीं चाहिए। हेमा मालिनी ने आगे कहा कि अगर आम नागरिक इस तरह की बात बोलें तो समझ में आता है, लेकिन अगर सरकार के मंत्री इस तरह की बात कहेंगे तो यह ठीक नहीं माना जाएगा।
संजय रावत ने भी दिया बयान
इस विवाद में पाटिल के पार्टी के सांसद संजय राउत भी कूद पड़े, राउत ने कहा इस तरह की तुलना पहले भी हुई है, इसे हेमा जी के प्रति सम्मान के रूप में देखा जाना चाहिए। हम उनकी बहुत इज्जत करते हैं इसे नकारात्मक रूप में नहीं देखें। पहले लालू यादव भी ऐसा उदाहरण दे चुके हैं। आपको बता दें कि जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल ने भी विवाद बढ़ता देख अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने कहा, मेरा उद्देश्य सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र की अच्छी सड़कों की स्थिति को बयान करना था। किसी को मेरे बयान से कष्ट हुआ हो तो वह माफी मांगते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, गुलाबराव पाटिल ने कहा था कि जो 30 सालों से विधायक रहे हैं उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र में आना चाहिए और सड़कें देखनी चाहिए। उन्होंने कहा था, अगर सड़कें हेमा मालिनी के गालों जैसी नहीं हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
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