चुनावों के बाद ‘पिछले दरवाजे’ से कृषि कानूनों को वापस लाने की ‘साजिश’ कर रही सरकार:कांग्रेस

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सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सरकार सिर्फ इसलिए झुकी क्योंकि उनकी हार उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में साफ दिखाई दे रही थी।पांच राज्यों में चुनाव के बाद वे इस कानून को पिछले दरवाजे से वापस लाएंगे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसलिए हमने कल कहा था कि भाजपा की हार में मजदूरों और किसानों की जीत है।

नयी दिल्ली| कांग्रेस ने रविवार को अपने आरोप को दोहराया कि केंद्र विधानसभा चुनावों के अगले दौर के बाद तीन कृषि कानूनों को ‘‘पिछले दरवाजे’’ से वापस लाने की ‘‘साजिश’’ कर रहा है और लोगों से चुनाव में हराकर सरकार को सबक सिखाने का आग्रह किया।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को स्पष्ट किया कि सरकारकी हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा पैदा किए जा रहे ‘‘भ्रम’’ से सावधान रहने का आग्रह किया।

मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर में एक कृषि कार्यक्रम में दिए संबोधन के दौरान इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया और उनकी मंशा वह नहीं थी, जो दिखाया जा रहा है।

तोमर ने कहा, ‘‘कार्यक्रम में मैंने कहा था कि हमने कृषि कानूनों पर एक कदम पीछे लिया है लेकिन सरकार किसानों की भलाई की दिशा में काम करने के लिए हमेशा आगे बढ़ती रहेगी। अत: इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और सरकार का कृषि कानूनों को फिर से लाने का कोई इरादा नहीं है।’’

कृषि मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तोमर ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर अपना बयान दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के किसानों और खेतिहर मजदूरों के खिलाफ तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए 380 से अधिक दिनों के आंदोलन ने सरकार को झुकाया था और 700 किसानों ने बलिदान दिया।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सरकार सिर्फ इसलिए झुकी क्योंकि उनकी हार उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में साफ दिखाई दे रही थी।पांच राज्यों में चुनाव के बाद वे इस कानून को पिछले दरवाजे से वापस लाएंगे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसलिए हमने कल कहा था कि भाजपा की हार में मजदूरों और किसानों की जीत है।

इन पांच राज्यों में भाजपा को हरा दें, ताकि वे दोबारा ऐसा काला कानून लाने की हिम्मत नहीं कर सकें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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