Prabhasakshi NewsRoom: Hit & Run Law के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों का बवाल, विरोध प्रदर्शन और हड़ताल से आपूर्ति प्रभावित

truck strike
ANI

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत, लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा हो सकती है या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के कारण देशभर में पेट्रोल पंपों पर लंबी लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। फिलहाल तो यह हड़ताल तीन दिन के लिए बुलाई गयी है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि ट्रक ड्राइवरों का विरोध प्रदर्शन ज्यादा दिन चला तो आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ सकता है जिससे महंगाई बढ़ सकती है। हम आपको बता दें कि यह सारा विरोध प्रदर्शन मोटर चालकों से जुड़े हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ किया जा रहा है। देश के विभिन्न शहरों में ट्रकों और टैंकरों सहित वाणिज्यिक वाहनों के चालकों ने सोमवार से काम बंद कर दिया है और कई जगह सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया है। 

जहां तक इस कानून की बात है तो हम आपको बता दें कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत, लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा हो सकती है या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चालकों का कहना है कि नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।

इसे भी पढ़ें: दो बार हड़ताल के बाद Haryana Government ने मानी डॉक्टरों की कुछ मांगे, कुछ पर जताई सहमति, HCMSA ने दी जानकारी

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश किए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में अन्य देशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले उनकी तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

दूसरी ओर, ट्रकों के पहियों के थमने का असर मंडियों पर दिखने लगा है। सब्जियां बाजार तक नहीं पहुंच रही हैं, जिससे सब्जियों के दाम महंगे हो गये हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सब्जी मंडी के चेयरमैन ने बताया कि बाहर से माल मंडियों में नहीं आ रहा है, जिसके कारण सब्जियों के दाम महंगे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थानीय किसान अपने ट्रैक्टरों से सब्जियां मंडियों तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन अगर हड़ताल आगे भी जारी रही तो सब्जियों के दाम आसमान छूने लगेंगे। यही नहीं, फूल विक्रेताओं ने भी बताया कि गाज़ीपुर फूल मंडी में माल नहीं आ रहा है जिसके कारण फूलों के दाम भी महंगे हो गए हैं।

उधर, विरोध प्रदर्शन के बीच, पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने पहुँच रहे लोग अपना अपना टैंक फुल करवाने में लगे हैं। लोगों का कहना है कि आपूर्ति बंद होने से पहले वह अपना टैंक फुल करवा लेना चाहते हैं ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े। कुछ जगहों पर महंगा पेट्रोल-डीजल दिये जाने की बात भी सामने आई है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़