Sunita Williams के धरती पर लौटने के बाद नासा ने उन्हें नौ महीने के अंतरिक्ष में स्टे के लिए किया ये भुगतान

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में आठ दिन के निर्धारित मिशन के लिए आईएसएस गए थे। इस मिशन पर निकलने से पहले उन्हें ये जानकारी नहीं थी कि आठ दिन का मिशन पूरे नौ महीने के लिए आगे बढ़ जाएगा क्योंकि बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल की पहली परीक्षण उड़ान के दौरान उसमें कुछ समस्याएँ आ गई थीं।
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष एजेंसी यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेसएक्स के ड्रैगन पर सवार होकर धरती पर लौट आए है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में नौ महीने से अधिक समय का प्रवास सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद दोनों धरती पर लौटे है।
अंतरिक्ष में उनकी मौजूदगी और सुरक्षित वापसी ने विश्व का ध्यान इस घटना पर आकर्षित किया है। ये मिशन बेहद महत्वपूर्ण इसलिए रहा क्योंकि शुरुआत में ये मिशन महज आठ दिनों का था जो कि अंतरिक्षयान में आई तकनीकी खराबी के बाद नौ महीनों के प्रवास में बदल गया।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में आठ दिन के निर्धारित मिशन के लिए आईएसएस गए थे। इस मिशन पर निकलने से पहले उन्हें ये जानकारी नहीं थी कि आठ दिन का मिशन पूरे नौ महीने के लिए आगे बढ़ जाएगा क्योंकि बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल की पहली परीक्षण उड़ान के दौरान उसमें कुछ समस्याएँ आ गई थीं। तकनीकी समस्याएं आने के बाद ये स्टारलाइनर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस पर छोड़ पिछले सितंबर में पृथ्वी पर वापस आ गया था।
‘बुच और सुनी’ के साथ अंतरिक्ष यात्री निक हेग और अलेक्सांद्र ग्रेब्योनकिन भी थे, जो नासा और स्पेसएक्स द्वारा नियोजित बचाव मिशन के तहत दिसंबर में आईएसएस पहुंचे थे। हालांकि अब जब सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर धरती पर लौट चुके हैं तो दुनिया का ध्यान उनकी वैज्ञानिक खोजों और अंतरिक्ष में उनके द्वारा झेली गई शारीरिक चुनौतियों पर केंद्रित है। नासा के प्रवक्ता चेरिल वार्नर ने कहा कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के दौरान एजेंसी के फ्लाइट सर्जनों द्वारा स्वास्थ्य निगरानी के लिए चालक दल जॉनसन स्पेस सेंटर में रहेगा। उन्होंने कहा कि वहां चालक दल अपने परिवारों से बातचीत कर सकेगा और एक बार मंजूरी मिलने के बाद पृथ्वी पर सामान्य जीवन में लौट सकेगा।
जानें कितना हुआ है भुगतान
आप यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि इन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को सहने के लिए कितना भुगतान किया जाता है। खासतौर से उस स्थिति में जब अंतरिक्ष यात्री बिना किसी गलती के अंतरिक्ष में फंस गए थे। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री कैडी कोलमैन ने washingtonian.com को बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को किसी तरह का ओवरटाइम नहीं मिलता है। यानी अंतरिक्ष यात्री बिना किसी ओवरटाइम के नियमित वेतन ही हासिल करते है। अंतरिक्ष एजेंसी परिवहन, आवास और भोजन का खर्चा उठाती है। इसके अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को आकस्मिक खर्चों के लिए एक छोटा सा दैनिक भत्ता भी दिया जाता है।
कोलमैन ने कहा, "रोजाना आकस्मिक खर्चों के लिए कुछ छोटी राशि होती है, जिसे वे कानूनी तौर पर आपको देने के लिए बाध्य होते हैं। मेरे लिए, यह लगभग 4 डॉलर प्रतिदिन था।" हालांकि प्रभासाक्षी इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं करता है। ये मीडिया रिपोर्ट में छपे आंकड़ों के आधार पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर GS-15 के अंतर्गत आते हैं, जो अमेरिका में जनरल पे शेड्यूल का सबसे ऊंचा पद है। generalschedule.org पर दी गई जानकारी के अनुसार, GS-15 सरकारी कर्मचारियों को $1,25,133 और $1,62,672 (लगभग ₹1.08 करोड़ से ₹1.41 करोड़) के बीच का मूल वेतन मिलता है।
संदर्भ के लिए, 2010-11 में अपने 159-दिवसीय मिशन के दौरान, कोलमैन को अतिरिक्त वेतन के रूप में लगभग $636 (₹55,000 से अधिक) मिले थे। इसके अनुसार सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर - अंतरिक्ष में 287 दिनों से अधिक समय बिताने के बाद - प्रत्येक को अतिरिक्त मुआवजे के रूप में कम से कम लगभग $1,148 (लगभग ₹1 लाख) मिलने की संभावना है। ओवरटाइम वेतन के बिना वास्तविक राशि मुद्रास्फीति और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए नासा द्वारा तय किए गए मानक पर निर्भर करेगी।
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