असम में नाटकीय घटनाक्रमों, आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बनी कांग्रेस की न्याय यात्रा

rahul gandhi
Creative Common

कांग्रेस और प्रदेश सरकार के बीच विवाद उस वक्त और गहरा गया गया जब राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस अवरोध हटा दिए। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इस मामले में राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ने बृहस्पतिवार को असम का अपना पड़ाव पूरा कर लिया। राज्य में आठ दिनों तक चली यह यात्रा नाटकीय घटनाक्रमों से भरी रही तथा राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले। राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत में ही शर्मा को ‘‘भारत का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री’’ करार दिया और फिर शर्मा द्वारा पलटवारा किए जाने के बाद इस यात्रा को लेकर सुर्खियां बनीं। असम में यात्रा के दाखिल होने के साथ ही उस वक्त इसे रुकावटों का सामना करना पड़ा जब जोरहाट और धेमाजी में रात्रि विश्राम के लिए दो सार्वजनिक मैदानों की अनुमति रद्द दी गई। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार पर ‘‘अलोकतांत्रिक रवैया’’ अपनाने का आरोप लगाया। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम को देखने को मिला जब 22 जनवरी को राहुल गांधी को असम के नौगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान की ओर जाने से रोक दिया गया था।

उसी दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ था। धार्मिक स्थल पर जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी वहां धरने पर बैठ गए थे। गत 18 जनवरी को जब यात्रा नागालैंड से असम में दाखिल हुई तो राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में शायद देश की ‘‘सबसे भ्रष्ट सरकार’’ और ‘‘सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री’’ हैं। इसके बाद शर्मा ने पलटवार करते हुए गांधी परिवार को देश का ‘‘सबसे भ्रष्ट परिवार’ बताया। यात्रा के दौरान असम में राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई। ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए कई लोग राहुल गांधी के करीब पहुंच थे। कांग्रेस का कहना था कि ये लोग भाजपा से जुड़े थे और यात्रा को बाधित करना चाहते थे। जोरहाट में यात्रा का मार्ग बदले जाने को लेकर राहुल गांधी की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले केबी बायजू, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा और कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

जोरहाट पुलिस ने नामित आरोपी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर दिया है और उन्हें 31 जनवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि 20 जनवरी को लखीमपुर के जिला मुख्यालय उत्तरी लखीमपुर शहर में उपद्रवियों द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और यात्रा के सभी होर्डिंग्स और पोस्टरों को नष्ट कर दिया गया। बोरा को 21 जनवरी को कुछ अज्ञात लोगों ने मुक्का मारा था, जिससे उनकी नाक से खून बहने लगा था, जबकि एक अन्य घटना में पार्टी के केंद्रीय नेता जयराम रमेश की कार पर भी सोनितपुर जिले में हमला किया गया था। कांग्रेस और प्रदेश सरकार के बीच विवाद उस वक्त और गहरा गया गया जब राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस अवरोध हटा दिए। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इस मामले में राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़