बाबा इकबाल सिंह मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित
बाबा इकबाल सिंह 1965 से कलगीधर ट्रस्ट के प्रभारी थे और 1987 में सेवानिवृत्त होने से पहले, बाबा जी ने एक संस्था की स्थापना की, जहां अब 70,000 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकांश पांच ग्रामीण उत्तर भारतीय राज्यों से हैं। बाबा इकबाल सिंह ने अपनी पेंशन राशि से बारू साहिब में अकाल अकादमी नामक एक कमरे के स्कूल में केवल पांच छात्रों के साथ स्कूल शुरू किया और पहले वर्ष में उन्होंने स्कूल भवन का निर्माण और प्रबंधन किया।
शिमला। शिरोमणि पंथ रतन बाबा इकबाल सिंह बडू साहिब को समाज सेवा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान कलगीधर ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. दविंदर सिंह ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर ट्रस्ट के अन्य सदस्य जसबीर सिंह व अमनदीप सिंह भी मौजूद थे। बाबा इकबाल सिंह का कार्यक्षेत्र हिमाचल प्रदेश का जिला सिरमौर रहा है।
बाबा इकबाल सिंह 1965 से कलगीधर ट्रस्ट के प्रभारी थे और 1987 में सेवानिवृत्त होने से पहले, बाबा जी ने एक संस्था की स्थापना की, जहां अब 70,000 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकांश पांच ग्रामीण उत्तर भारतीय राज्यों से हैं। बाबा इकबाल सिंह ने अपनी पेंशन राशि से बारू साहिब में अकाल अकादमी नामक एक कमरे के स्कूल में केवल पांच छात्रों के साथ स्कूल शुरू किया और पहले वर्ष में उन्होंने स्कूल भवन का निर्माण और प्रबंधन किया। उन्होंने हजारों युवाओं को नशे से बचाने का काम किया है। बाबा इकबाल सिंह अंतिम क्षण तक समाज सेवा में लगे रहे। उनकी मृत्यु के बाद डॉ. दविंदर सिंह को सर्वसम्मति से कलगीधर ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया।
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इस सम्मान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये प्रदेश के सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि अकाल अकादमियों के संचालक स्व. बाबा इकबाल सिंह जी को मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार मिलना हिमाचल के लिए हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि बाबा इकबाल सिंह जी ने शिक्षा क्षेत्र में अनुकरणीय भूमिका निभाई। शिक्षा के प्रचार व प्रसार में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।
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