J&K राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फेंट्री, सेना की वो 3 यूनिट जिसने तवांग में चीनियों को मार भगाया
सेना के सूत्रों के मुताबिक यांगत्से में भारतीय सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट्स और सिख लाइट इन्फेंट्री के जवानों ने चीन के सैनिकों को अच्छा सबक सिखाया। करीब 500चीनी सैनिक यांगत्से में भारतीय पोस्ट हटाने को पहुंचे थे।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में बीती 9 दिसंबर की रात 3 बजे के करीब 500 से अधिक चीनी सैनिकों को भारतीय सेना के जाबांजों ने खदेड़ दिया। चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना की पोस्ट पर कब्जा करने की नियत से हमला बोला था। लेकिन 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय योद्धाओं ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया। भारतीय जाबांजों से मार खाने के बाद चीनी सैनिक उल्टे पांव भागते नजर आए। लेकिन इन सब के बीच के बीच ये भी चर्चा हो रही है कि चीनियों को भगाने वाले भारतीय सेना के जवान किस रेजीमेंट के थे। ऐसे में आपको बताते हैं कि तवांग में अदम्य साहस का परिचय देने वाले भारतीय सेना के जवान किस रेजीमेंट के थे।
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रेजीमेंट होती क्या है
भारतीय सेना में रेजीमेंट की व्यवस्था है। जबकि वायु सेना और नौ सेना में ऐसा नहीं है। ये एक तरह का सैन्य दल होता है और ये थल सेना का एक हिस्सा होता है। कई रेजीमेंट मिलकर पूरी थल सेना बनाती है। भारतीय सेना में जाति आधारित रेजिमेंट की स्थापना काफी पुरानी है। इसकी शुरुआत उस दौर में हुई जब हमारे देश पर अंग्रोजों का शासन था और 'फूट डालो राज करो' उनका एक मात्र एजेंडा था। इस दौर में भारत की शासन व्यवस्था संभालने और युद्ध जीतने के लिए अंग्रेजों ने कई अलग-अलग जातियों के आधार पर सेना में भर्ती की। अंग्रेजों ने इन जातियों को लड़ाकू और गैर-लड़ाकू वर्ग के आधार पर बांटा था।
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सेना की 3 यूनिट के जवान तैनात
सेना के सूत्रों के मुताबिक यांगत्से में भारतीय सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट्स और सिख लाइट इन्फेंट्री के जवानों ने चीन के सैनिकों को अच्छा सबक सिखाया। करीब 500चीनी सैनिक यांगत्से में भारतीय पोस्ट हटाने को पहुंचे थे। लेकिन इन तीनों टुकड़ियों के जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। इतना ही नहीं एलएसी पार कर उनके इलाके में काफी देर तक रही। इसके साथ ही चीन के सैनिकों को चेतावनी देते रहे कि किसी भी सूरत में एलएसी पार करने की कोशिश न करें। चीन के सैनिक पिटाई से इतने डर गए थे कि वे अपने पोस्ट से बाहर आने तक की हिम्मत नहीं दिखा सके।
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