Monsoon Fury | मानसून के दौरान बाढ़, बिजली गिरने और भूस्खलन से 2038 लोगों की मौत, गृह मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
देश में इस मानसून के दौरान बाढ़, बिजली गिरने और भूस्खलन के कारण कम से कम 2,038 लोगों की मौत हो गई। बिहार में सबसे अधिक 518 और हिमाचल प्रदेश में 330 लोगों की मौत हुई।
नयी दिल्ली। देश में इस मानसून के दौरान बाढ़, बिजली गिरने और भूस्खलन के कारण कम से कम 2,038 लोगों की मौत हो गई। बिहार में सबसे अधिक 518 और हिमाचल प्रदेश में 330 लोगों की मौत हुई। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल एक अप्रैल से 17 अगस्त के बीच बारिश और बाढ़ के कारण 101 लोग लापता हो गए जबकि 1,584 लोग घायल हो गए। बारिश, भूस्खलन और बिजली गिरने से 335 जिले प्रभावित हुए हैं जिनमें 40 जिले मध्य प्रदेश में हैं जबकि असम में 30 और उत्तर प्रदेश में 27 जिले प्रभावित हुए हैं।
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मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश के 12 जिले और उत्तराखंड के सात जिले भी प्रभावित हुए हैं। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में बाढ़ के कारण 892 लोग डूब गए जबकि बिजली गिरने से 506 लोगों की मौत हो गई वहीं भूस्खलन से 186 लोगों की मौत हो गई। मानसून के दौरान अन्य वजहों से कुल 454 लोगों की मौत भी हुई। बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से गुजरात में 165 लोगों की मौत हो गई जबकि मध्य प्रदेश में 138; कर्नाटक और महाराष्ट्र में 107-107; छत्तीसगढ़ में 90 और उत्तराखंड में 75 लोगों की मौत हो गई।
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विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की कुल 160 टीमें तैनात की गई हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में एनडीआरएफ की 17 टीमें तैनात की गई हैं जबकि महाराष्ट्र में 14; उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 12-12;असम और पश्चिम बंगाल में 10-10 और उत्तराखंड में नौ टीमें तैनात की गई हैं।
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