World Homeopathy Day 2025: हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है वर्ल्ड होम्योपैथी डे, जानिए इतिहास और थीम

हर साल 10 अप्रैल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे मनाया जाता है। आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण लोगों के पास अपने लिए समय नहीं बचा है। ऐसे में होम्योपैथी दवाईयों और इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है।
हर साल 10 अप्रैल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे मनाया जाता है। आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण लोगों के पास अपने लिए समय नहीं बचा है। इसकी वजह से लोगों को कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारियां होती जा रही हैं। इन बीमारियों के पनपने का सबसे ज्यादा जिम्मेदार हमारा रहन-सहन और खानपान है। बीमारियों के बढ़ने पर लोग एलोपैथी या अंग्रेजी दवाओं का सेवन करते हैं। वहीं प्राचीन पद्धितियों आयुर्वेद और होम्योपैथी का इलाज नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में होम्योपैथी दवाईयों और इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, चिकित्सा पद्धति और थीम के बारे में...
विश्व होम्योपैथी दिवस की शुरूआत
बता दें कि सबसे पहले 1700 ईवी में जर्मनी में होम्योपैथी चिकित्सा के जरिए इलाज की शुरूआत हुई थी। जर्मन चिकित्सक डॉ. सैमुअल हैनमैन इस चिकित्सा पद्धति को प्रकाश में लाए थे। उन्होंने ऑर्गेनॉन ऑफ द हीलिंग आर्ट बुक में होम्योपैथी से जुड़ी जानकारियों को शेयर किया था। वहीं एलोपैथी दवाओं के जमाने में भी होम्योपैथी दवाओं का सेवन लगातार बढ़ता जा रहा है।
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की बात करें, तो यह वैक्सीन की तरह शरीर के लिए काम करती है। जिस तरह से वैक्सीन में थोड़ी मात्रा में बैक्टीरिया शामिल किया जाता है और बॉडी उसके अगेंस्ट रिएक्ट करता है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम नेचुरली बिल्ड होता है। ठीक इसी तरह से होम्यैपीथी भी अपना काम करती है। आयुर्वेद की तरह होम्योपैथी भी बीमारी को जड़ से मिटाने की बात करती है। यह नॉन कम्यूनिकेबल क्रानिक डिज़ीज़ में बहुत अच्छे तरीके से काम करती है। स्किन संबधी समस्या डर्माटाइटिस, माइग्रेन, एलर्जी, मेंटल प्रॉबल्म, अस्थमा और अर्थराइटिस में होम्योपैथी इलाज काफी कारगर माना गया है।
थीम
हर बार इस दिन को खास बनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। वर्ल्ड होम्योपैथी डे 2025 की थीम 'अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान' है। बता दें कि यह थीम होम्योपैथी की ग्रोथ के तीन फंडामेंटल पिलर्स पर प्रकाश डालती है।
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