ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत बना Apple का मददगार, बचाए 5000 करोड़ रुपये

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Kusum । Apr 11 2025 5:11PM

अगर एप्पल चीन से अपना 1599 डॉलर वाला आईफोन 16 प्रो मैक्स अमेरिका भेजता, उसकी कीमत टैरिफ के कारण 2300 डॉलर तक चली जाती। लेकिन एप्पल ने दिमाग लगाया और भारत सरकार से मदद मांगी। अब उसका नतीजा ये रहा कि मार्च से अब तक 6 कार्गो फ्लाइट्स भारत से रवाना हो चुकी हैं हर कार्गो की क्षमता भी 100 टन बताई जा रही है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद दुनिया भर की चिंता बढ़ गई है। वहीं जब चीन पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया तो पूरी दुनिया की चिंता फिर से बढ़ गई। इसके साथ-साथ एप्पल कंपनी ने भी अपना दिमाग लगाया। एप्पल को इस बात का अहसास हो गया कि अगर समय रहतेसही कदम नहीं उठाया गया तो सीधे-सीधे 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो सकता है। उस मुश्किल समय में भारत से मदद मांगी गई, एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार हुआ और देखते देखते अमेरिका में 600 टन आईफोन भेज दिए गए। 

इस बीच चीन पर अभी 125 फीसदी का टैरिफ अमेरिका ने लगा रहा है। ऐसे में चीन से आईफोन की सप्लाई होती तो 125 फीसदी टैरिफ की सीधी चोट कंपनी को लगती। ऐसे में एप्पल ने फैसला किया कि वो भारत में अपनी सप्लाई को तेज करेगा। वो भी इसलिए क्योंकि ट्रंप ने इस समय भारत पर सिर्फ 26 फीसदी का ही टैरिफ लगाया है। उस पर भी फिलहाल 90 दिनों की रोक चल रही है। ऐसे में अगर एप्पल भारत से अमेरिका अपने आईफोन भेजेगा, उसे कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। 

दूसरे शब्दों में बोलें तो अगर एप्पल चीन से अपना 1599 डॉलर वाला आईफोन 16 प्रो मैक्स अमेरिका भेजता, उसकी कीमत टैरिफ के कारण 2300 डॉलर तक चली जाती। लेकिन एप्पल ने दिमाग लगाया और भारत सरकार से मदद मांगी। अब उसका नतीजा ये रहा कि मार्च से अब तक 6 कार्गो फ्लाइट्स भारत से रवाना हो चुकी हैं हर कार्गो की क्षमता भी 100 टन बताई जा रही है। इसके ऊपर चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम क्लियरेंस का टाइम भी 30 घंटे से कम कर 6 घंटे करवाया गया। इसी को ग्रीन कॉरिडोर सिस्टम कहते हैं। 

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