Prabhasakshi NewsRoom: Nikhil Gupta ने आरोप स्वीकारे! Pannun की हत्या के षड्यंत्र को लेकर भारत-अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव

Gurpatwant Singh Pannun
Prabhasakshi

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली थी। आरोपों के अनुसार, 'नौ जून 2023 या उसके आसपास निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए सुपारी दी थी।

सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले को लेकर भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की खबर है। बताया जा रहा है कि एक भारतीय अधिकारी की इस मामले में संलिप्तता सामने आई है जिसको लेकर कुछ लोग भारत सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच यह भी खबर है कि नाराज अमेरिका ने इस मामले को उठाने के लिए अपने दो खुफिया अधिकारियों को भारत भी भेजा था। भारत सरकार ने भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति गठित कर दी है। इस बीच, कुछ विदेशी मीडिया संस्थान इस मामले की जांच होने से पहले ही जिस तरह भारत के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चला रहे हैं उसको देखते हुए लगता है कि पहले से ही तय कर लिया गया है कि दोषी कौन है।

हम आपको बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे दिन हुआ जब भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर सिख चरमपंथी को मारने की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस बीच, एक और बड़ी खबर सामने आई है कि अमेरिका ने पन्नू की हत्या की कथित साजिश की जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के वास्ते दबाव डालने के उद्देश्य से अपने दो शीर्ष खुफिया अधिकारियों को भारत भेजा था। यह जानकारी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक प्रमुख अमेरिकी समाचारपत्र की एक खबर से मिली।

इसे भी पढ़ें: US Indian Ambassador Incident | भारतीय राजदूत के साथ गुरुद्वारे में हुई बदसलूकी, भड़क गया अमेरिकी सिख संगठन

अभ्यारोपण में अमेरिकी नागरिक का नाम नहीं दिया गया है लेकिन ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल करने की बात कही गई थी। साथ ही खबर में हत्या की साजिश में संदिग्ध रूप से शामिल होने को लेकर अमेरिकी प्राधिकारियों द्वारा भारत सरकार को चेतावनी भी जारी करने की बात कही गई थी।

हम आपको बता दें कि न्यूयॉर्क दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने एक बयान में कहा, ‘‘जैसा कि आरोप लगाया गया है, प्रतिवादी ने भारत से यहां न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जिसने भारत में एक अल्पसंख्यक समूह, सिखों के लिए एक संप्रभु देश बनाने की सार्वजनिक रूप से वकालत की है।’’ विलियम्स ने कहा कि उनके कार्यालय और कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों ने इस "घातक खतरे" को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिकी धरती पर अमेरिकी नागरिकों की हत्या के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यहां या विदेश में अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच करने, उसकी साजिश को विफल करने और मुकदमा चलाने के लिए तैयार हैं।’’ न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत में दायर अभियोग में अन्य सार्वजनिक अदालत के दस्तावेजों में उस कथित साजिश का विवरण दिया गया है जिसमें निखिल गुप्ता शामिल था। आरोप के मुताबिक मई 2023 में, निखिल गुप्ता को अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए एक व्यक्ति ने भर्ती किया था। अभियोग में कहा गया है कि यह साजिश एक भारतीय सरकारी कर्मचारी द्वारा निर्देशित थी, जिसने खुद को "वरिष्ठ क्षेत्रीय अधिकारी" बताया है जिसके पास "सुरक्षा प्रबंधन" और "खुफिया" की जिम्मेदारी थी। इसके अनुसार उसने यह भी दावा किया है कि उसने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सेवा की है और वह हथियार आदि में प्रशिक्षित है।

रिपोर्टों के मुताबिक, अभियोजकों ने कहा है कि चेक गणराज्य के अधिकारियों ने अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत 30 जून, 2023 को निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया था और हिरासत में लिया था। निखिल गुप्ता को एक व्यक्ति की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के सिलसिले में अमेरिका के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि निखिल गुप्ता को कब अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। 

हम आपको बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे दिन हुआ जब भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर सिख चरमपंथी को मारने की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस बीच, एक और बड़ी खबर सामने आई है कि अमेरिका ने देश में इस साल एक सिख चरमपंथी नेता की हत्या की कथित साजिश की जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के वास्ते दबाव डालने के उद्देश्य से अपने दो शीर्ष खुफिया अधिकारियों को भारत भेजा है। यह जानकारी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक प्रमुख अमेरिकी समाचारपत्र की एक खबर से मिली। हम आपको बता दें कि ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, अलगाववादी खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के संबंध में बुधवार को संघीय अभियोजकों द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में भारतीय नागरिक, निखिल गुप्ता के खिलाफ एक अभ्यारोपण दायर किया गया है। हम आपको बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक है।

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर के अनुसार, अमेरिका को अमेरिकी धरती पर एक अलगाववादी सिख नेता की हत्या की नाकाम साजिश का पता चला। इसमें कहा गया है कि इस मुद्दे को राष्ट्रपति जो बाइडन और सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स सहित शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाया गया है और उन्होंने भारत से इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने बाइडन प्रशासन के अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए बताया, "निखिल गुप्ता ने कथित तौर पर कई अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची, जिनमें से कम से कम एक को भारत में अधिकारी माना जाता है।" जून में ‘ड्रग इन्फोर्समेंट एडमिंस्ट्रेशन’ ने साजिश को, कनाडा में एक सिख अलगाववादी की हत्या के तुरंत बाद नाकाम कर दिया गया था। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस साल की शुरुआत में अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश का पता चलने से बाइडन प्रशासन इतना चिंतित हो गया कि उसने भारत सरकार से जांच करने और जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की मांग करने के लिए अपने शीर्ष दो खुफिया अधिकारियों को नयी दिल्ली भेजा।’’ ये दो अधिकारी सीआईए निदेशक विलियम जे. बर्न्स और नेशनल इंटैलिजेंस के निदेशक एवरिल हेन्स हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़