WikiLeaks वाले Julian Assange की पूरी कहानी, जिसने सुपरपावर अमेरिका को भी डराकर सीक्रेट डील करने पर मजबूर कर दिया
बताया जा रहा है कि उनका ब्रिटिश जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। आज हम जानेंगे कि जूलियन असांज की पूरी कहानी क्या है? अमेरिका उनको अपने यहां लाने को आतुर क्यों है, विकीलिक्स के खुलासों ने कैसे दुनिया को बदल दिया।
साल था 2012 एक व्यक्ति की तलाश में लंदन पुलिस शहरों की खाक छान रही थी। तभी एक कुरियर ब्वॉय इक्वाडोर के दूतावास के बाहर पहुंचा। बेल बजाई तो गार्ड ने आने की वजह पूछी? उसने कहा मेरी जान को खतरा है और मुझे शरण चाहिए। उसको अंदर ले जाया गया। अंदर जाकर उसने डिलीवरी ब्वॉय वाली वर्दी उतारी और अपना आई कार्ड बढ़ाया जिसमें जूलियन पॉल असांज लिखा था। उम्र 39 साल। असांजे की तलाश में लगी यूनाइटेड किंगडम ने दूतावास पर छापा मारने की धमकी दे डाली। बेशक वे इसके साथ आगे नहीं बढ़े। लेकिन इक्वाडोर ने अपना तुरुप का पत्ता चल दिया था। उन्होंने कहा कि कोई भी छापा अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा जो वियना कन्वेंशन के खिलाफ होगा। सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक करने वाली वेबसाइट विकीलीक्स के फाउंडर असांज के ऊपर इल्जामों की फेहरिस्त काफी लंबी है। उन पर सीक्रेट जानकारी लीक करने, अमेरिकी नागरिकों की जान को खतरे में डालने समेत 18 संगीन आरोप लगे हैं। आरोप साबित होने पर उन्हें 178 बरस की जेल हो सकती है। अब विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को लेकर नई खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि उनका ब्रिटिश जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। आज हम जानेंगे कि जूलियन असांज की पूरी कहानी क्या है? अमेरिका उनको अपने यहां लाने को आतुर क्यों है, विकीलिक्स के खुलासों ने कैसे दुनिया को बदल दिया।
कौन हैं जूलियन असांज
ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्वी छोर पर बसा शहर में जुलाई 1971 में जूलियन असांज का जन्म हुआ। असांज का दावा है कि जब वो एक साल के थे तो मां-पिता का तलाक हो गया। जूलियन का बचपन ऑस्ट्रेलिया के 30 अलग-अलग शहरों में बीता। 1996 में एक केस के दौरान उनके वकील ने दावा किया कि असांज ने 12 स्कूलों में पढ़ाई की है। 2006 के एक इंटरव्यू में असांज ने खुद कहा कि स्कूलों की संख्या 37 है। असांज को शुरुआत से ही कंप्यूटर से बहुत ज्यादा लगाव था। वो कंप्यूटर प्रोग्राम लिखने लगे। दूसरों के प्रोग्राम में सेंधमारी कर लेते थे। हिडेन मैसेज तक पढ़ लेते थे। उन्होंने अपनी पहचान एक काबिल प्रोग्रामर की बना ली थी। हैकिंग में भी वो माहिर थे। फिर उन्होंने दो और हैकर्स के साथ मिलकर अपना एक ग्रुप बनाया और नाम इंटरनेशनल सवर्सेव रखा। ये ग्रुप सरकारी कंप्यूटर में सेंधमारी करता और वहां से जानकारी लेकर दूसरे लोगों के साथ साझा करता। इस ग्रुप का नाम तब चर्चा में आया जब इसने यूरोप के कुछ देशों के सरकारी कंप्यूटर में घुसपैठ की। उसी दौर में ग्रुप ने अमेरिका के रक्षा विभाग का नेटवर्क हैक कर लिया। असांज के कांड की जानकारी ऑस्ट्रेलिया पुलिस को मिल गई। उनके ग्रुप पर जांच बिठाई गई। 20 साल की उम्र में पहली बार गिरफ्तारी हुई। उनके खिलाफ 31 मामले दर्ज किए गए। लेकिन वो किसी तरह सजा से बच गए। असांज ने तर्क दिया कि उनकी हैकिंग से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्हें अपने खिलाफ दर्ज 31 में से 25 आरोप स्वीकार कर लिए। इसके लिए बदले बाकी चार्ज हटा लिए गए। छोटा सा जुर्माना चुकाकर उन्हें केस से मुक्ति मिल गई।
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जूलियन असांजे पर क्या था मामला?
ऑस्ट्रेलियाई संपादक और प्रकाशक असांजे को 2010 में तब सुर्खियां मिली जब उनके संगठन विकीलीक्स ने इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्धों से संबंधित लगभग पांच लाख दस्तावेज जारी किए। अमेरिकी सरकार के अनुसार, उन्होंने सैन्य खुफिया विश्लेषक चेल्सी मैनिंग के साथ मिलकर अपनी विकीलीक्स वेबसाइट का उपयोग करके हजारों रिपोर्टों का खुलासा करने की साजिश रची, जिसने विदेशों में अमेरिकी सैन्य कदाचार को उजागर किया। इसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और रक्षा विभाग के पासवर्ड को क्रैक करने के लिए मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया। न्याय विभाग के तत्कालीन शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी जॉन डेमर्स ने उस समय कहा था: “जूलियन असांजे कोई पत्रकार नहीं हैं। कोई भी जिम्मेदार अभिनेता, पत्रकार या अन्यथा, जानबूझकर उन व्यक्तियों के नाम प्रकाशित नहीं करेगा जिनके बारे में वह जानता था कि वे युद्ध क्षेत्रों में गोपनीय मानव स्रोत हैं, जिससे उन्हें गंभीर खतरों का सामना करना पड़ेगा।'
तो फिर उसे गिरफ्तार कर जेल में क्यों नहीं डाला गया?
अब तक, असांजे पांच साल तक लंदन के बाहरी इलाके में उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में रहे हैं। अटलांटिक पार स्थानांतरित करने के लिए अमेरिकी प्रत्यर्पण प्रयासों से लड़ रहे हैं। इससे पहले, वह लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में यौन दुर्व्यवहार के दावों पर स्वीडिश अधिकारियों की जांच से लड़ रहे थे। बाद में उस जांच को हटा दिया गया। बेलमार्श जेल में, असांजे को दिन में 23 घंटे तक एक कोठरी में कैद रखा जाता था।
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अब क्या डील है?
अब, कई वर्षों तक अमेरिका में प्रत्यर्पित किए जाने और मुकदमा चलाने के प्रयासों को विफल करने के बाद, असांजे अधिकारियों के साथ एक समझौता करने में कामयाब रहे हैं जो उन्हें स्वतंत्रता प्रदान करेगा। लेकिन कैसे? संघीय अदालत में दायर न्याय विभाग के पत्र के अनुसार, 52 वर्षीय विकीलीक्स संस्थापक को संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित वर्गीकृत जानकारी को गैरकानूनी रूप से प्राप्त करने और प्रसारित करने की साजिश रचने के जासूसी अधिनियम के तहत गुंडागर्दी के आरोप में दोषी ठहराया जाएगा। सौदे के हिस्से के रूप में, उसे 62 महीने की सज़ा दी जाएगी, जो कि ब्रिटेन की जेलों में बिताए गए समय के बराबर है।
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