वेटलिफ्टर मीराबाई चानू का बयान, कहा- 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ देश को पदक दिलाना मेरा लक्ष्य'

 Mirabai chanu
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वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने अगले महीने शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ देश को एक और पदक दिलाने का लक्ष्य रखा है। मीराबाई पेरिस ओलंपिक का टिकट पक्का करने वाली भारत की इकलौती भारोत्तोलक है।

टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने अगले महीने शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ देश को एक और पदक दिलाने का लक्ष्य रखा है। मीराबाई पेरिस ओलंपिक का टिकट पक्का करने वाली भारत की इकलौती भारोत्तोलक है। 49 किग्रा वजन वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली यह खिलाड़ी पदक के सपने को पूरा करने के लिए चोट से बचने पर ध्यान दे रही है।

तीसरी बार ओलंपिक खेलों में भाग लेने की तैयारी कर रही मीराबाई ने साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण), आईओसी (भारतीय ओलंपिक संघ) और भारतीय भारोत्तोलक महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के सौजन्य से आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में पटियाला से कहा, ‘‘ पेरिस को लेकर रोमांचित हूं लेकिन थोड़ी घबराहट और तनाव भी है। पिछले तीन साल (तोक्यो ओलंपिक के बाद) में मेरे काफी प्रतिद्वंद्वी बदल गये हैं। भारत के लिए पदक जीतने का दबाव है लेकिन अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रही तो देश के लिए पदक जीत सकती हूं।’’

मीराबाई चानू का स्नैच में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा तथा क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा का है। वह चोटों से जूझती रही हैं और पीठ की समस्या तो हमेशा ही रहती है। एशियाई खेलों में वह कूल्हे की चोट से परेशान थीं जिससे वह पांच महीने तक खेल से दूर रहीं। अपने अमेरिकी फिजियो डॉ. आरोन हॉर्शिग और कोच विजय शर्मा के साथ चोटों से उबरना उनकी बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने कहा कि वह धीरे-धीरे वजन उठाने की क्षमता को बढ़ा रही है।

मीराबाई ने कहा,‘‘ मैं धीरे-धीरे वजन उठाने की अपनी क्षमता को बढ़ा रही हूं। अभी मैंने 80-85 प्रतिशत फिटनेस हासिल कर ली है और अभ्यास के दौरान स्नैच में 70 से 80 किग्रा तथा क्लीन एवं जर्क में 100 से 110 किग्रा का भार उठा रही हूं। हम इसे धीरे-धीरे बढ़ायेंगे।’’ उन्होंने अपने भार उठाने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है लेकिन मेरी कोशिश स्नैच में 90 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में पहले से बेहतर करने की होगी।’’

मणिपुर की इस खिलाड़ी ने कहा कि अभी उनका पूरा ध्यान चोट से बचने पर है। उन्होंने हॉर्शिग की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘ उनकी मौजूदगी से काफी मदद मिली है। मैं 2020 से उनके साथ काम कर रही हूं और वह अच्छे से समझते है कि मेरे शरीर में कहां परेशानी है। वह जानते है कि चोट से कैसे जल्दी उबरना है और किस तरह से अभ्यास को आगे बढ़ाना है।’’ मीराबाई ने कहा, ‘‘ मैंने चोटिल होने के बाद काफी कुछ सीखा है। उससे निपटने और उबरने के साथ सही खान-पान और विश्राम पर ध्यान देना काफी जरूरी होता है।‘‘

मीराबाई ओलंपिक की तैयारियों को दुरुस्त करने सात जुलाई को पेरिस जा रही है। वह वहां एक महीने तक अभ्यास करेंगे। ओलंपिक में उनकी स्पर्धा का आयोजन सात अगस्त को होगा। मीराबाई ने कहा, ‘‘ मैं सात जुलाई को पेरिस जा रही हूं। प्रतियोगिता से एक महीने पहले वहां पहुंचने से काफी फायदा मिलेगा।’’   उन्होंने अपना समर्थन करने के लिए साइ, टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और आईडब्ल्यूएलएफ का शुक्रिया करते हुए कहा, ‘‘ किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक के मेजबान शहर में एक महीने तक अभ्यास का मौका मिलना बड़ी बात है। इन सबने मेरी काफी मदद की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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