Kanwar Yatra Nameplate Controversy पर पाक पत्रकार को सवाल करना पड़ गया भारी, अमेरिका ने सरेआम कर दी बेइज्जती
मिलर ने आगे कहा कि आम तौर पर कहें तो, हम दुनिया में कहीं भी सभी के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कांवर यात्रा में नेमप्लेट के मुद्दे को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश वर्तमान में प्रभावी नहीं है। पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि अमेरिका को इन रिपोर्टों की जानकारी है। हमने उन रिपोर्टों को देखा है। हमने उन रिपोर्टों को भी देखा है कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उन नियमों के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक जारी की थी। एएनआई ने मिलर के हवाले से कहा कि इसलिए वे वास्तव में प्रभावी नहीं हैं।
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मिलर ने आगे कहा कि आम तौर पर कहें तो, हम दुनिया में कहीं भी सभी के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं। और हम सभी धर्मों के सदस्यों के लिए समान व्यवहार के महत्व पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ जुड़े हुए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्य सरकारों को अपने आदेश को लागू करने से रोक दिया था, जिसके तहत कांवर यात्रा मार्गों पर दुकान मालिकों और फेरीवालों को अपने और अपने कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने की आवश्यकता थी।
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कोर्ट ने कहा कि केवल परोसे जाने वाले भोजन के प्रकार का ही उल्लेख किया जाना चाहिए। यूपी, एमपी, उत्तराखंड और दिल्ली की सरकारों को नोटिस जारी कर 26 जुलाई तक उनका जवाब मांगा गया, जब मामले की दोबारा सुनवाई होगी। अदालत ने आदेश देते हुए कहा क िहम विवादित निर्देशों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझते हैं।
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