Dahi Handi 2024: 27 अगस्त को मनाया जा रहा दही हांडी का पर्व, जानिए कैसे हुई इस उत्सव की शुरूआत

Dahi Handi 2024
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महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में दही हांडी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर ऊंचाई पर टंगी दही, दूध और मक्खन आदि से भरी हांडी को फोड़ते हैं।

हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। वहीं हर बार की तरह इस बार भी जन्माष्टमी के अगले दिन यानी की 27 अगस्त 2024 को दही-हांडी का उत्सव मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में दही हांडी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर ऊंचाई पर टंगी दही, दूध और मक्खन आदि से भरी हांडी को फोड़ते हैं।

दही हांडी उत्सव

इस साल 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया और आज यानी की 27 अगस्त 2024 को दही हांडी का पर्व मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना और महाराष्ट्र व गुजरात में इस पर्व की अलग ही धूम देखने को मिलती है। 

दही हांडी उत्सव की शुरूआत

धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वापर युग से दही हांडी का पर्व मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को दूध, दही और माखन आदि बहुत पसंद था। श्रीकृष्ण ग्वालों के साथ मिलकर घरों से माखन चुराकर खा जाते थे। जिस कारण उनको माखन चोर भी कहा जाता है। इतना ही नहीं वह माखन खाने के लिए गोपियों की मटकियां तोड़ देते थे। जिसकी वजह से गोपियों ने घरों में ऊंचाई पर मटकियां टांगना शुरू कर दिया था। लेकिन नटखट कान्हा अपने सखाओं की मदद से हांडी फोड़कर माखन खा जाते थे। ऐसे में कृष्ण लीलाओं को याद करते हुए दही हांडी का पर्व मनाया जाता है।

दही हांडी पर्व का महत्व

बता दें कि जन्माष्टमी पर दही हांडी पर्व का खास महत्व होता है। भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की झांकियों को दर्शाने के लिए दही-हांडी पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, घर में माखन चोरी के लिए मटकी फोड़ने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-शांति व समृद्धि का वास होता है।

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