अब म्यामांर तक जाएगी भारतीय रेल, रेल मंत्रालय ने दी इंडो-म्यांमार रेल लिंक परियोजना को मंजूरी

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इससे पहले भी म्यामांर तक रेल लाइन बिछाने के लिए का प्रपोजल दिय गया था। लेकिन इस प्रपोजल को रेल मंत्रालय ने मंजूरी नहीं दी थी। आपको बता दें अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक रेल लाइन है। रेलवे की इंडो-म्यामांर रेल लिंक योजना के जरिये इंफाल से मोरेह तक ट्रैक बिछाया जाएगा।

अब तक भारतीय रेलवे देश में ही चलती है, लेकिन अब यह म्यामांर तक जाएगी। इसी सिलसिले में पूर्वोत्तर से म्यामांर की सीमा तक भारतीय क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने के लिए रेल मंत्रालय ने फाइनल सर्वे को मंजूरी दे दी है।रेल मंत्रालय के मुताबिक, मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह की मांग पर ये मंजूरी 2 घंटे के भीतर दी गई। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव की मणिपुर यात्रा के दौरान मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने यह मांग की थी कि, म्यांमार तक नई रेल लाइन को एक्सटेंशन दिया जाए। रेल मंत्री ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी दे दी।

 इससे पहले भी म्यामांर तक रेल लाइन बिछाने के लिए का प्रपोजल दिय गया था। लेकिन इस प्रपोजल को रेल मंत्रालय ने मंजूरी नहीं दी थी। आपको बता दें अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक रेल लाइन है। रेलवे की इंडो-म्यामांर रेल लिंक योजना के जरिये इंफाल से मोरेह तक ट्रैक बिछाया जाएगा। मोरेह को  म्यामांर के अंतिम रेल स्टेशन टामू से कनेक्ट किया जाएगा।

इंडो-म्यांमार रेल लिंक परियोजना से दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होंगे।  पड़ोसी देश से व्यापारिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते भी मजबूत होंगे। दोनों देशों के बीच सर्वे के अनुसार 111 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक, सभी पड़ोसी देशों के बीच रेल लिंक बिछाई जाए, ये सरकार का सपना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें बांग्लादेश के चिल्लामारी और  भारत के हल्दीबाड़ी के बीच भी रेल लिंक का काम हो रहा है। इंडो-म्यांमार के बीच इस रेल लिंक परियोजना से दोनों देशों के नागरिक रिश्ते भी बेहतर होंगे।

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