निजी हाथों में गया एयर इंडिया फिर भी महाराजा ट्रीटमेंट रहेगा जारी, Bye Bye कहने को तैयार नहीं सरकार

Air India

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पत्र में लिखा कि प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश फिर से जारी किए जा रहे हैं और सभी एयरलाइन्स को इसका अक्षरश: पालन करना चाहिए।

नयी दिल्ली। एयर इंडिया के निजी हाथों में जाने के बाद भी 'महाराजा' जैसा ट्रीटमेंट मिलने वाले प्रोटोकॉल को टाटा कहना शायद संभव नहीं है। तभी तो सरकार ने सभी एयरलाइन्स, हवाईअड्डा ऑपरेटरों और विमानन सुरक्षा नियामक को पत्र लिखकर हवाई अड्डों से उस प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखने के लिए कहा है जिसके माध्यम से हवाई यात्रा के दौरान संसद सदस्यों (सांसदों) को कुछ विशेषाधिकार मिलता है।

अंग्रेजी समाचार पत्र 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, एयर लाइन्स के निजी हाथों में जाने के बावजूद वीआईपी संस्कृति के मजबूती से बने रहने की संभावना है।

लापरवाही के मामले आए सामने 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पत्र में लिखा कि प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश फिर से जारी किए जा रहे हैं और सभी एयरलाइन्स को इसका अक्षरश: पालन करना चाहिए। मंत्रालय ने 21 सितंबर, 2021 के एक पत्र में कहा कि हवाई अड्डों पर सांसदों के संबंध में प्रोटोकॉल के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि, हवाई अड्डों पर माननीय सांसदों के संबंध में प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही के कुछ मुद्दे मंत्रालय के संज्ञान में आए हैं।

आपको बता दें कि प्रोटोफॉल को सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सामान्य यात्रियों की तरह विमान में सवार होते हैं और सुरक्षा जांच के लिए कतार में खड़े होते हैं। इसके बावजूद मंत्रालय को सांसदों की शिकायतें मिलती रहती हैं।

 मुफ्त में चाय की व्यवस्था की जाए 

दरअसल, ड्यूटी मैनेजर और सीनियर स्टाफ माननीय सांसदों को हवाई अड्डे पर चेक-इन औपचारिकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं। उपलब्धता के आधार पर उनकी पसंद की उन्हें सीटें प्रदान करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सामने की सीटें आरक्षित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके अलावा पत्र में हवाईअड्डा संचालकों को यह याद दिलाया गया है कि माननीय सांसदों को मुफ्त चाय, कॉफी, पानी के साथ-साथ आरक्षित लाउंज तक पहुंचाया जाना चाहिए।

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