The Kashmir Files | द कश्मीर फाइल्स को फासीवादी फिल्म कहने पर भड़के विवेक अग्निहोत्री, नादव लापिड को दिया करारा जवाब
भारत के 54 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के समापन समारोह में, इजरायली फिल्म निर्माता और जूरी प्रमुख नादव लापिड ने द कश्मीर फाइल्स पर अपनी टिप्पणी से सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म को 'अश्लील (वल्गर) फिल्म' कहा था।
भारत के 54 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के समापन समारोह में, इजरायली फिल्म निर्माता और जूरी प्रमुख नादव लापिड ने द कश्मीर फाइल्स पर अपनी टिप्पणी से सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म को 'अश्लील (वल्गर) फिल्म' कहा था। बाद में एक साक्षात्कार में नादव लापिड ने यह भी कहा कि फिल्म में 'फासीवादी विशेषताएं' थीं। विवेक अग्निहोत्री ने अब एक नए ट्वीट में फिल्म पर उनकी 'फासीवादी' टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
नदव लापिड द कश्मीर फाइल्स को कहा 'फासीवादी'
इज़राइली समाचार वेबसाइट से बात करते हुए नादव लापिड ने कहा फिल्म देखने के बाद मुझे जैसा महसूस हुआ मैंने वहीं कहा। यह जो कुछ भी हो रहा है वह पागलपन हैं। यह एक सरकारी फिल्म समारोह था और यह भारत में सबसे बड़ा है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे भारत सरकार ने बनाया है, भले ही उसने वास्तव में इसे नहीं बनाया हो, लेकिन यह भारत सरकार का प्रॉपेगेंडा थी और उन्हीं के समर्थकों ने बनाया हैं। इस फिल्म को देखने के बाद मैं हैरान था। यह मूल रूप से कश्मीर में भारतीय नीति को सही ठहराता है, और इसमें फासीवादी विशेषताएं हैं।
विवेक अग्निहोत्री ने नदव लापिड की 'फासीवादी विशेषताएं' टिप्पणी के खिलाफ प्रतिक्रिया दी
फिल्म को फासीवादी विशेषताओं वाला कहने पर फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने इस पर कड़ा रिएक्शन दिया हैं। ट्विटर पर विवेक अग्निहोत्री ने इस पर प्रतिक्रिया दी और लिखा, "इनमें क्या समानता है?" भारत एक फासीवादी देश है" "मोदी फासीवादी है" "बीजेपी फासीवादी है" "हिंदू दक्षिणपंथी फासीवादी है" "अनुच्छेद 370 ए का निरस्तीकरण" FASCIST निर्णय" "कश्मीर पर FASCIST भारतीय शासन का कब्जा है" "#TheKashmirFiles एक फासीवादी फिल्म है?" What is common between these?
“India is a FASCIST country”
“Modi is FASCIST”
“BJP is fascist”
“Hindu right wing is FASCIST”
“Abrogation of Art 370 a FASCIST decision”
“Kashmir is occupied by FASCIST Indian regime”
“#TheKashmirFiles is a fascist film”. pic.twitter.com/fMY6UkhDvo
नदव लापिड ने आईएफएफआई में क्या कहा?
लापिद ने सोमवार रात को ‘ द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली‘ और ‘भद्दी’ फिल्म बताया। इस महोत्सव की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार स्पेनिश फिल्म ‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ ने जीता है। कोस्टा रिका के फिल्म निर्माता वेलेंटीना मौरेल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में 16 वर्षीया लड़की ईवा के वयस्क होने का अद्भुत चित्रण किया गया है। इस फिल्म में जीवन की जटिलता के ईमानदार चित्रण की चर्चा करते हुए जूरी ने टिप्पणी की, ‘‘यह चित्रण इतना अद्भुत एवं जीवंत था कि इस फिल्म को देखते समय हमें लगा जैसे कि हम स्वयं कांप रहे हैं।’’ आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स में 16 वर्षीय लड़की ईवा की भूमिका निभाने वाली 19 वर्षीय पहली अभिनेत्री डेनिएला मार्न नवारो को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया है।
द कश्मीर फाइल्स उन 15 फिल्मों में से एक थी, जिन्हें आईएफएफआई, गोवा में प्रदर्शित किया गया था। विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित, इसमें अनुपम खेर, दर्शन कुमार और पल्लवी जोशी ने अभिनय किया। यह फिल्म 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।
द कश्मीर फाइल्स के बारे में
द कश्मीर फाइल्स 1990 में कश्मीर विद्रोह के दौरान कश्मीरी पंडितों द्वारा सहन की गई क्रूर पीड़ा की सच्ची कहानी बताती है। यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार की पहली पीढ़ी के पीड़ितों के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है। यह कश्मीरी पंडितों के दर्द, पीड़ा, संघर्ष और आघात की एक दिल दहला देने वाली कहानी है और लोकतंत्र, धर्म, राजनीति और मानवता के बारे में आंखें खोलने वाले तथ्य हैं।
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