विदेशी कोच के साथ प्रेक्टिस नहीं करना चाहते बजरंग और रवि, जानिए कारण
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग और रवि पेरिस ओलंपिक तक भारतीय कोच के साथ अभ्यास करेंगे।बजरंग ही नहीं बल्कि तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि ने भी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को बता दिया है कि वे विदेश के निजी कोच रखने के बजाय भारतीय प्रशिक्षकों के साथ अभ्यास करना पसंद करेंगे।
नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया विदेशी कोच के साथ विदेश में ज्यादा समय नहीं बिताना चाहते इसलिये उन्होंने 2024 पेरिस खेलों की तैयारी के लिये देश में भारतीय कोच के साथ अभ्यास करने का फैसला किया है। बजरंग ही नहीं बल्कि तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि ने भी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को बता दिया है कि वे विदेश के निजी कोच रखने के बजाय भारतीय प्रशिक्षकों के साथ अभ्यास करना पसंद करेंगे। बजरंग जार्जिया के शाको बेनटिनिडिस के साथ ट्रेनिंग करते थे जबकि रवि के पास रूस के कमाल मालिकोव थे, जिनके साथ भारतीय कोच भी छत्रसाल स्टेडियम में उनकी मदद करते थे। बजरंग बेनटिनिडिस के साथ संबंध खत्म करने के बाद विदेशी कोच ढूंढने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें कोई कोच नहीं मिला। रूस में उनके मौजूदा अभ्यास शिविर के दौरान भी वह कोच ढूंढ रहे थे और 27 वर्षीय पहलवान के अनुसार कोई भी भारत आने को तैयार नहीं हुआ।
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बजरंग ने मास्को से पीटीआई से कहा, ‘‘ये कोच चाहते थे कि मैं सत्र का कम से कम 80 प्रतिशत समय उनके देश में बिताऊं और यह शर्त मुझे स्वीकार नहीं थी। मैं आधा समय बिताने को तैयार था लेकिन कोई भी भारत आने को तैयार नहीं था इसलिये मैंने भारतीय कोच के साथ ट्रेनिंग करने का फैसला किया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि उन्हें भारत आने में क्या परेशानी है। ’’ बजरंग से पूछने पर कि वह किस कोच के साथ अभ्यास करेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी तय करना बाकी है। वह भारतीय रेलवे के साथ जुड़े हुए हैं तो उम्मीद है कि वह रेलवे का कोच रखेंगे। रवि ने हाल में अपने ट्रेनिंग सेंटर में अभ्यास शुरू किया था और उनके ‘स्पारिंग’ जोड़ीदार अरूण कुमार उनकी मदद कर रहे हैं।
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डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, ‘‘रवि और अधिक ट्रेनिंग जोड़ीदार चाहता हैं। हम गोंडा में रैंकिंग सीरीज प्रतियोगिता के दौरान उसके वर्ग में किसी को देखेंगे। ’’ उम्मीद है कि दीपक पूनिया भी अपने लंबे समय के ट्रेनर वीरेंद्र कुमार के साथ ट्रेनिंग जारी रखने को तरजीह देंगे जिन्होंने दिल्ली के बाहरी इलाके मरमूरपुर में नया ट्रेनिंग केंद्र बनाया है। देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आने का खतरा बना हुआ है तो डब्ल्यूएफआई को भी राष्ट्रीय शिविरों के लिये विदेशी कोच नियुक्त करने में मुश्किल हो रही है। तोमर ने कहा, ‘‘कोई भी कोविड-19 के कारण भारत की यात्रा करने का इच्छुक नहीं है इसलिये हमारे भारतीय कोच के साथ ही फरवरी में राष्ट्रीय शिविर शुरू करने की उम्मीद है।
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