मेरठ में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हॉकी में ओलंपिक पदक नहीं जीत पाने के लिये पिछली सरकारें दोषी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हॉकी में ओलंपिक पदक नहीं जीत पाने के लिये पिछली सरकारें दोषी है।यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि खेलों के प्रति समाज का नजरिया बदले लेकिन इसका उलटा हुआ और खेलों के प्रति रवैया उदासीन हो गया।
मेरठ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक में हॉकी में लंबे समय तक पदक नहीं जीत पाने के लिये पिछली सरकारों को दोषी ठहराते हुए कहा कि देश को खेलों के प्रति उदासीन रवैये के कारण दशकों तक इसके लिये इंतजार करना पड़ा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। इससे पहले भारत ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के शिलान्यास के बाद एक जनसभा में मोदी ने कहा ,‘‘ पिछली सरकारों ने युवाओं की क्षमता को महत्व नहीं दिया।
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यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि खेलों के प्रति समाज का नजरिया बदले लेकिन इसका उलटा हुआ और खेलों के प्रति रवैया उदासीन हो गया।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ इसका नतीजा यह हुआ कि हॉकी में हमें पदक के लिये दशकों तक इंतजार करना पड़ा जबकि गुलामी के दौर में मेजर ध्यानचंद जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने देश का परचम लहराया था।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ विश्व हॉकी आम मैदानों की बजाय एस्ट्रो टर्फ पर होने लगी है। हम जब तक जागे, बहुत देर हो चुकी थी। अभ्यास से लेकर टीम चयन तक , हर स्तर पर भाई भतीजावाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार था। पक्षपात था और पारदर्शिता जरा भी नहीं थी। हर खेल की यही कहानी थी। पिछली सरकारें नयी तकनीकों, बदलती मांगी और निखरते हुनर के लिये उत्कृष्ट ढांचा नहीं बना सकी।
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