राम नाम लेकर सत्ता में पहुँची BJP का जन्मदिन रामनवमी पर, रामेश्वरम में मोदी ने एक संयोग और जोड़ा

भाजपा आज अपने स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। पार्टी के नेता अपने भाषणों में कह रहे हें कि भारतीय जनता पार्टी जहां ‘‘राष्ट्र भक्ति’’ को समर्पित है वहीं विरोधी दलों का समर्पण ‘‘परिवार भक्ति’’ के प्रति है।
आज रामनवमी है यानि प्रभु श्रीराम का जन्मदिन। संयोग देखिये कि देश में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी का जन्मदिन भी इस बार प्रभु श्रीराम के जन्मदिवस पर ही पड़ा है। हम आपको बता दें कि आज भाजपा का स्थापना दिवस है। राम नाम लेकर भाजपा ने जिस तरह देशभर में अपना परचम फहराया और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने का संकल्प सिद्ध कर दिखाया, यह उसी की परिणति है कि पार्टी लगातार चुनाव जीतती जा रही है। रामनवमी के पर्व पर पड़े भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामेश्वरम के दौरे पर हैं। रामेश्वरम को वह स्थान माना जाता है, जहाँ भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए लंका तक जाने के लिए पुल का निर्माण किया था। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री रामेश्वरम में श्रीलंका यात्रा के बाद पहुँचे हैं। प्रधानमंत्री ने यहां पंबन पुल का उद्घाटन किया है। रामनवमी यानि रामजी के जन्मदिन के दिन प्रधानमंत्री द्वारा इस पुल का उद्घाटन करने का काफी धार्मिक महत्व माना जा रहा है।
दूसरी ओर, भाजपा आज अपने स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। पार्टी के नेता अपने भाषणों में कह रहे हें कि भारतीय जनता पार्टी जहां ‘‘राष्ट्र भक्ति’’ को समर्पित है वहीं विरोधी दलों का समर्पण ‘‘परिवार भक्ति’’ के प्रति है। भाजपा नेता परिवारवादी पार्टियों को लोकतंत्र का दुश्मन भी करार दे रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी मुख्यालय पर ध्वजारोहण कर पार्टी के विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए उनका मार्गदर्शन भी किया। इसके अलावा सभी राज्यों में पार्टी की ओर से तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं और अब तक के सफर में योगदान देने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को याद किया जा रहा है।
देखा जाये तो देश के राजनीतिक इतिहास में छह अप्रैल का दिन खास अहमियत रखता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में आज ही के दिन हुई थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित भारतीय जन संघ से इस नयी पार्टी का जन्म हुआ था। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने मुंबई में हुए अधिवेशन में भाजपा की नींव रखी थी और वह पार्टी के पहले अध्यक्ष भी चुने गये थे। दो सांसदों वाली पार्टी से तीसरी बार केंद्र में लगातार सरकार बनाने वाली पार्टी बनी भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी सदस्य संख्या वाली राजनीतिक पार्टी भी है। यही नहीं आज देश में भाजपा या भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की डेढ़ दर्जन से ज्यादा राज्यों में सरकार है। इस तरह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की विचारधारा से उपजी भारतीय जनता पार्टी एक तरह से अपने स्वर्णिम काल में है।
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जनता का भाजपा के प्रति आकर्षण इसलिए भी बढ़ता जा रहा है क्योंकि वह चुनाव परिणाम की परवाह किये बिना राष्ट्रहित के मुद्दों पर आगे बढ़ने में संकोच नहीं करती। अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने की बात हो, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने की बात हो, वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने की बात हो, महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की बात हो या फिर समान नागरिक संहिता और 'एक देश एक चुनाव' जैसे बड़े सुधारों पर आगे बढ़ने की बात हो, भाजपा ने बिना संकोच किये अपने नीतिगत मुद्दों पर कदम आगे बढ़ाया और राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले गयी।
हम आपको यह भी बता दें कि भारतीय जनता पार्टी अपनी स्थापना के समय से ही पंच निष्ठाओं को लेकर चली है। यहं पंच निष्ठाएं हैं- 1- राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय एकता, 2- लोकतंत्र, 3- सामाजिक और आर्थिक विषय पर गांधीवादी दृष्टिकोण, 4- सकारात्मक पंथनिरपेक्षता, 5- मूल्यों पर आधारित राजनीति। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तय किये गये संकल्प- 'एक भारत श्रेष्ठ भारत', '2047 तक विकसित भारत' को सिद्ध करने के लिए भाजपा 'सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मूलमंत्र के आधार पर काम करने में जुटी हुई है।
-नीरज कुमार दुबे
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