पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खूजरों के बाग में फला, मुगल काल में फूला, ब्रिटिश शासन में मिला खाद-पानी, इतिहास की जुबानी वक्फ की पूरी कहानी

भारत में रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद सबसे बड़ा भू-स्वामित्व वक्फ बोर्ड ही है। सबसे ज्यादा जमीन उन्हीं के पास है। आज हमने पूरे मामले पर रिसर्च करके, कई विद्वानों से बात करके, पुराने रिपोर्ट्स को खंगालते हुए एमआरआई का ये विश्लेषण तैयार किया है।
दुनिया के अलग अलग धर्मों में चैरिटी का कनसेप्ट इतिहास काल से चला आ रहा है। जैसे भगवद गीता के चैप्टर 17 के 20-21 श्लोक में दान को तीन प्रकारों सात्विक, राजसिक और तामसिक में विभाजित किया गया है। ऐसे ही इस्लाम के अंदर चैरिटी को जकात और सदका बोला गया है। कुरान शरीफ के चैप्टर 2 सूरा अल-बक़रा की आयत 215 में अल्लाह ने लोगों को बताया है कि वे अपनी संपत्ति का इस्तेमाल कैसे करें। चैप्टर सूरा अल-इमरान की आयत 134 यह बताती है कि जो लोग सुख-दुख में खर्च करते हैं, लोगों के पापों को क्षमा करते हैं, और अल्लाह नेक लोगों को पसंद करता है। ये सारी चीजें बताने का मतलब है कि वक्फ का जो पूरा सिस्टम है उससे ये कनेक्ट करेगा। लेकिन इस्लाम के अंदर चैरिटी के साथ साथ एक और चीज है सदक़ा ए जारिया जिसके बारे में बहुत बार बात की गई है। हज़रत अबू हुरैरा की हदीस 1631 में नेक काम करने के इरादे को भी महत्व दिया गया है। वक्फ जिसके बारे में इन दिनों चर्चाओं का बाजार गर्म है ये पूरा कनसेप्ट सदका ए जरिया पर आधारित है। वरना कुरान शरीफ के अंदर वक्फ के बारे में सीधे तौर पर कोई उल्लेख नहीं मिलता है। हममें से ज्यादातर लोगों ने वक्फ सुना तो है लेकिन जानते नहीं हैं कि वक्फ होता क्या है? किसी मस्जिद या दूसरे धर्म स्थल के वक्फ होने का मतलब क्या है? क्या वक्फ बोर्ड में तब्दिली का असर मुस्लिम धर्म स्थलों के स्टेटस पर पड़ सकता है। भारत में रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद सबसे बड़ा भू-स्वामित्व वक्फ बोर्ड ही है। सबसे ज्यादा जमीन उन्हीं के पास है। आज हमने पूरे मामले पर रिसर्च करके, कई विद्वानों से बात करके, पुराने रिपोर्ट्स को खंगालते हुए एमआरआई का ये विश्लेषण तैयार किया है। सबसे पहले बेसिक से शुरू करते हैं-
1. What is Waqf - वक्फ क्या है?
वक्फ धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए ईश्वर के नाम पर दी गई संपत्ति है। कानूनी दृष्टि से इस्लाम को मानने वाले व्यक्ति द्वारा किसी भी चल या अचल संपत्ति को मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए स्थायी समर्पण। सरल शब्दों में कहे तो धार्मिक कार्य के लिए किया गया कोई भी दान। ये दान पैसा या संपत्ति हो सकता है। इसके साथ ही अगर किसी संपत्ति को लंबे वक्त तक धर्म के काम में इस्तेमाल किया जा रहा हो, तो उसे भी वक्फ माना जा सकता है। अगर कोई एक बार किसी संपत्ति को वक्फ कर देता है तो उसे फिर वापस नहीं लिया जा सकता है। वक्फ एक सतत इकाई होगी। एक गैर-मुस्लिम भी वक्फ बना सकता है लेकिन व्यक्ति को इस्लाम कबूल करना होगा और वक्फ बनाने का उद्देश्य इस्लामी होना चाहिए।
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2. Waqf Connection with Islam- इस्लाम में वक्फ से जुड़ी पैगंबर मोहम्मद के वक्त की कहानी
वक्फ अरबी भाषा के वकूफा से बना शब्द है जिसका अर्थ ठहरना होता है। वक्फ एक ऐसी संपत्ति होती है जो जनकल्याण को समर्पित हो। इस्लाम के मुताबिक वक्फ दान का ही एक तरीका है। देने वाला चल या अचल दोनों तरह की संपत्ति दान कर सकता है। यानी एक साइकिल से लेकर बहुमंजिला इमारत कुछ भी वक्फ हो सकता है बर्शते वो जनकल्याण के मकसद से दान किया गया हो। ऐसे दान दाताओं को वाकिफ कहा जाता है। वाकिफ ये तय करता है कि जो दान दिया गया है उदाहरण के लिए कोई इमारत तो उससे होने वाली आमदनी का इस्तेमाल कैसे होगा। वाकिफ ये तय करता है कि अमूख वक्फ से होने वाली कमाई गरीबों पर ही खर्च हो। मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खजूरों का एक बाग बनाया गया था जिससे होने वाली आमदनी से मदीना के लोगों की मदद की जाती थी। ये वक्फ के सबसे पहले उदाहरण में से एक है। भारत में इस्लाम के आगमन के साथ ही यहां भी वक्फ के उदाहरण मिलने लगे। दिल्ली सल्तनत के वक्त से वक्फ संपत्तियों का लिखित जिक्र मिलता है। उस जमाने में ज्यादातर संपत्तियां बादशाह के पास होती थी और वही वाकिफ होते थे और वक्फ कायम करते थे।
3. History of Waqf in India- भारत में वक्फ कब आया?
भारत में मुस्लिम शासन के आगमन के साथ, वक्फ की अवधारणा पेश की गई। इस देश में सम्पूर्ण मुग़ल एवं सल्तनत काल में वक्फ प्रबंधन प्रकृति में बहुत ही धार्मिक रूप से केंद्रीकृत रहा। भारत में वक्फ का इतिहास दिल्ली सल्तनत की शुरुआत से है। जब सुल्तान मुइज़ुद्दीन सैम ग़ौर ने जामा के पक्ष में दो गाँव समर्पित किये। मुल्तान की मस्जिद और उसका प्रशासन शेखुल इस्लाम को सौंप दिया गया। दिल्ली के रूप में भारत में सल्तनत और बाद में इस्लामी राजवंशों का विकास हुआ। मुस्लिम काल के दौरान, फ़िरोज़ शाह तुगलक शासन (1351 से 1388) में वक्फ को संगठित करने के प्रयास किये गये। फ़िरोज़ शाह तुगलक के शासनकाल के दौरान था वक्फनामा (बंदोबस्ती कर्म) बनाने की प्रथा भारत में फली-फूली। इस्लामी स्वर्ण युग के दौरान, वक्फ संस्थाओं ने इस्लामी छात्रवृत्ति और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. what is Waqf Act 1995- भारत में वक्फ का कंसेप्ट?
वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 3 (आर), 'वक्फ' को मुस्लिम कानून द्वारा धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति के किसी भी व्यक्ति द्वारा स्थायी समर्पण के रूप में परिभाषित करती है। इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो सरल शब्दों में वक्फ एक संपत्ति है जिसका उपयोग धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस्लामी कानून में एक वक्फ संपत्ति स्थायी रूप से अल्लाह को समर्पित है और एक बार एक संपत्ति को वक्फ के रूप में समर्पित कर दिया जाता है, यह हमेशा के लिए वक्फ रहता है, यह दर्शाता है कि एक वक्फ प्रकृति में स्थायी, अविभाज्य और अपरिवर्तनीय है। मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की साइट के अनुसार, "वक्फ एक स्वैच्छिक, स्थायी, अपरिवर्तनीय समर्पण है जो किसी के धन के एक हिस्से-नकद या अल्लाह को समर्पित है। एक बार वक्फ का हो जाने के बाद, यह कभी उपहार में नहीं मिलता, विरासत में नहीं मिलता या बेचा नहीं जा सकता। यह अल्लाह का है और वक्फ का कोष हमेशा बरकरार रहता है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत स्थापित एक ट्रस्ट के समान है।
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5. Controversy with waqf Board- वक्फ को लेकर विवाद
विवाद का सबसे बड़ा बिंदु वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। उनके बीच तालमेल के लिए केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया गया। यह वक्फ बोर्डो के कामकाज के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देता है। वर्ष 1995 में वक्फ ऐक्ट में बदलाव भी किया गया और हर राज्य केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की मंजूरी दी गई। देश के सभी वक्फ बोर्ड के पास फिलहाल 8 लाख एकड़ जमीन है। साल 2009 में यह संपत्ति 4 लाख एकड़ हुआ करती थी। इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सों में मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान हैं। दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। अचल सपंत्ति के लिहाज से देखा जाए तो वक्फ बोर्ड देश में रेल और सेना के बाद तीसरे सबसे बड़े जमीन के मालिक हैं। संशोधन बिल में प्रावधान है कि वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ अब हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। यह प्रावधान अब तक नहीं था।
6. Efforts to abolish Waqfs- क्या वक्फ को समाप्त करने के प्रयास किये गये हैं?
पीआईबी के एक नोट के अनुसार, 19वीं शताब्दी के अंत में भारत में वक्फ को समाप्त करने का मामला उठाया गया था, जब ब्रिटिश राज के दिनों में एक वक्फ संपत्ति पर विवाद लंदन की प्रिवी काउंसिल में पहुंच गया था। इस मामले की सुनवाई करने वाले चार ब्रिटिश जजों ने वक्फ को "सबसे खराब और सबसे घातक किस्म की शाश्वतता" बताया और वक्फ को अमान्य घोषित कर दिया। हालांकि, चार जजों के फैसले को भारत में स्वीकार नहीं किया गया और 1913 के मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम ने भारत में वक्फ संस्था को बचा लिया।
7. Waqf Bill history- पहली बार कब आया था वक्फ बिल?
1954 में केंद्र सरकार ने वक्फ बिल पारित किया था। फिर 1964 में केंद्रीय वक्फ काउंसिल बनी। 1995 में हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड के गठन की इजाजत देने के लिए कानून में संशोधन किया गया। 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्ड की शक्तियां और बढ़ा दी। इसके अलावा, 1954 और उसके बाद के अधिनियमों के माध्यम से, वक्फ की अवधारणा के माध्यम से वक्फ की परिभाषा में उपयोगकर्ता एवं वक्फ-अलल-औलाद को जोड़ा गया। कौन सी संपत्तियां स्पष्ट रूप से विशेष रूप से इसके लिए समर्पित नहीं की गई हैं धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों को भी वक्फ माना गया है। इस प्रकार, कुछ संपत्तियाँ, जहाँ दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है, एक प्रमाण मात्र से वास्तविक समर्पण को भी वक्फ माना जाता है।
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8. Why amend the law- कानून में संशोधन क्यों?
सरकार का कहना है कि 1995 के कानून में वक्फ संपत्तियों, शीर्षक विवादों और वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे को विनियमित करने से संबंधित कुछ खामियां हैं। सरकार द्वारा उठाए गए अन्य प्रमुख मुद्दे हैं वक्फ बोर्डों के गठन में सीमित विविधता, मुतवल्लियों द्वारा शक्ति का दुरुपयोग, स्थानीय राजस्व अधिकारियों के साथ प्रभावी समन्वय की कमी और वक्फ बोर्डों को संपत्तियों पर दावा करने के लिए व्यापक शक्ति देना, जिसके परिणामस्वरूप विवाद और मुकदमेबाजी होती है, आदि।
9. Amendments in Waqf Bill- वक्फ बिल में क्या संशोधन किए गए
वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका बनी रहेगी। संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर की रैंक से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ नहीं होगी यानी कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। यह सुझाव जेडीयू की ओर से दिया गया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। औकाफ की सूची गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा दो सदस्य गैर मुस्लिम भी होंगे। वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे।
10. What Now- बिल से वक्फ संपत्तियों पर सरकार कर लेगी कब्जा?
तमाम अटकलों, अनुमानों और बयानों के बीच आखिरकार मोदी सरकार ने लोकसभा में 2 अप्रैल को वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 पेश कर दिया। सब तरफ शोर था, जोर से था, कि कानून बनकर रहेगा। यह बिल जिला कलेक्टर को यह समीक्षा करने और सत्यापित करने का अधिकार देता है कि किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ प्रॉपर्टी के रूप में वर्गीकृत तो नहीं किया गया है. खासकर सरकारी संपत्ति के मामले में। लेकिन यह बिल वैध रूप से घोषित वक्फ संपत्तियों को जब्त करने को अधिकृत नहीं करता है।
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