2022 बीजिंग खेलों को लेकर इंटरनेशनल ओलंपिक समिति पर लगा ये गंभीर आरोप

BEJING

आईओसी पर 2022 बीजिंग खेलों को लेकर मानवाधिकारों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।आईओसी ने यह कहकर चीन को 2008 के ओलंपिक की मेजबानी दी थी कि इससे वहां मानवाधिकारों की स्थिति बेहतर होगी।

वाशिंगटन। चीन में जातीय अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक गठजोड़ ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति पर 2022 शीतकालीन खेलों की मेजबानी की तैयारी में जुटे बीजिंग में मानवाधिकार उल्लंघन की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। तिब्बतियों और अन्य समूहों का प्रतिनिधित्व कर रहे एक मानवाधिकार समूह ने आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक और आईओसी सदस्य जुआन अंतोनियो समारांच जूनियर को लिखे पत्र में यह आरोप लगाया है।

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पत्र में लिखा है कि आईओसी ने चीनी अधिकारियों द्वारा किये जा रहे व्यापक और सुनियोजित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद रखी है। इस समूह ने तीन महीने पहले एक खुला पत्र लिखकर आईओसी से बीजिंग से मेजबानी वापिस लेने को कहा था। आईओसी ने यह कहकर चीन को 2008 के ओलंपिक की मेजबानी दी थी कि इससे वहां मानवाधिकारों की स्थिति बेहतर होगी। इस समूह ने आईओसी से कहा कि अब वहां मानवाधिकार संबंधी हालात 12 वर्ष पहले से बदतर हैं और चीन में तानाशाही का साम्राज्य है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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