शूटिंग वर्ल्ड कप में भारत का परचम लहरा चुकीं Mehuli Ghosh अब पेरिस में इतिहास रचने को तैयार

Mehuli Ghosh
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Jul 3 2024 5:29PM

प्रतिभाशाली निशानेबाजों की फेहरिस्त में शुमार मेहुली घोष ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा सुनिश्चित किया है। मेहुली की इस अभूतपूर्व सफलता पर पूरे परिवार के साथ मोहल्ले के लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे।

भारत की सबसे प्रतिभाशाली निशानेबाजों की फेहरिस्त में शुमार मेहुली घोष ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा सुनिश्चित किया है। मेहुली की इस अभूतपूर्व सफलता पर पूरे परिवार के साथ मोहल्ले के लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे। हुगली के बैद्यवाटी की रहने वाली मेहुली घोष के निशानेबाजी में अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी बहुत रोचक है। उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण पदक जीतने के बाद निशानेबाजी में अपना करियर बनाने की ठान ली थी।

मेहुली सिर्फ़ 15 साल की थी जब एक घटना ने उनकी ज़िन्दगी बदल दी। 2015 में पश्चिम बंगाल स्थित सेरामपुर राइफ़ल क्लब में ट्रेनिंग सेशन के दौरान मेहुली घोष ने एक शॉट मिसफ़ायर कर दिया और एक कर्मचारी को पैर में चोट लग गई। मेहुली को फ़ेडरेशन ने सस्पेंड कर दिया और वे कुछ सालों तक प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाई। इस घटना की वजह से वे डिप्रेस्ड हो गईं। उस एक घटना के पहले तक मेहुली के जीवन में सब ठीक था। उनके पास कोई विकल्प नहीं था और उन्होंने अपना राइफ़ल पैक किया और खेल का मैदान छोड़ दिया। इस घटना से मेहुली निकल नहीं पा रही थी। मेहुली मानसिक तौर पर अस्वस्थ हैं ये बात उनकी मां मिताली समझ गई। मिताली ने मेंटल हेल्थ कोच मृणाल चक्रवर्ती से संपर्क किया और मेहुली का इलाज शुरू हुआ।

मेहुली के पिता निमाई घोष ने बताया कि जब उनकी बेटी ने ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा को स्वर्ण पदक जीते हुए देखा तो उन्होंने पिता से एक शूटिंग राइफल खरीद कर लाने की जिद कर डाली। मेहुली के पिता आर्थिक रूप से उतने समर्थ नहीं थे कि वह बेटी के लिए महंगी राइफल खरीद कर लाते। लेकिन बेटी की जिद के आगे पिता को हार माननी पड़ी और उन्होंने रिश्तेदारों विशेष रुप से मेहुली की नानी और अपने दोस्तों से उधार लेकर बेटी के लिए एक राइफल खरीदी। 

मां मिताली घोष कहती हैं कि 13 साल की उम्र में उनकी बेटी को राइफल शूटिंग की पहली ट्रेनिंग हुगली के श्रीरामपुर में राइफल ट्रेनिंग क्लब में मिली। इसके बाद राइफल शूटिंग के जाने-माने प्रशिक्षक जयदीप कर्मकार के सहयोग से कोलकाता के न्यूटाउन राइफल शूटिंग क्लब में वह प्रशिक्षण लेने लगी. बाद में मेहुली ने विभाशन गांगुली की देखरेख में प्रशिक्षण प्राप्त किया। मेहुली की मेहनत रंग लाई और वह नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं।

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