Rishi Sunak को क्यों झेलनी पड़ी इतनी बड़ी हार? क्या रही इसकी वजह, 5 प्वाइंट में जानें

Rishi Sunak
Creative Common
अभिनय आकाश । Jul 5 2024 7:20PM

बड़ी जीत के बाद कीर स्टारमर ने कहा कि ये एक नई शुरुआत होगी और ब्रिटेन अब दोबारा से पब्लिक सर्विस की राजनीति करेगा। लेबर पार्टी बदलाव की तरफ काम करेगी।

ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 सालों के बाद फिर से सत्ता पर काबिज हो गई है। कीर स्टारमर ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर अपना विजयी भाषण भी दिया। 650 सीटों के हाउस ऑफ कॉमन में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 326 सीट पर जीतना जरूरी है। लेबर पार्टी ने तो अबकी बार 400 पार का नारा लगाने बिना ही इसे पूरा कर दिया। पिछली बार लेबर पार्टी ने 209 सीटें ज्यादा जीती हैं। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी जो पिछले 14 साल से सत्ता में है और जिसने पांच प्रधानमंत्री ब्रिटेन को दिए उसे एक करारी हार का सामना करना पपड़ा है। इस बड़ी जीत के बाद कीर स्टारमर ने कहा कि ये एक नई शुरुआत होगी और ब्रिटेन अब दोबारा से पब्लिक सर्विस की राजनीति करेगा। लेबर पार्टी बदलाव की तरफ काम करेगी। 

इसे भी पढ़ें: देश पहले, पार्टी बाद में...10 डाउनिंग स्ट्रीट से कीर स्टार्मर ने अपने पहले भाषण में कहा- आज से ही शुरू कर रहे काम

1. ओपिनियन पोल्स जता रहे थे अनुमान 

ऋषि सुनक भले ही अपनी सीट से जीत गए हैं, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। यही ओपिनियन पोल्स भी बार बार बता रहे थे। लेकिन एक उम्मीद थी कि हो सकता है कि ये पोल सही न हो। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तीसरे नंबर पर लिबरल डिमोक्रेट पार्टी आई है जिसने 71 सीटें जीती है। उसे पिछली बार के मुकाबले 63 सीटों का फायदा हुआ है। पूर्व पीएम लिज ट्रस भी चुनाव हार गई। वहीं रिर्फॉम यूके पार्टी ने चार सीटें जीती हैं। ऋषि सुनक ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट से बाहर निकलते हुए बर्घिगम पैलेस जाकर किंग चार्ल्स को अपना इस्तीफा सौंप दिया। 

2. सुनक को दीपावली के दिन कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया 

सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को 14 साल के शासन के बाद शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही पार्टी में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शपथ लेने के 20 महीने बाद सुनक प्रधानमंत्री के पद से अपदस्थ हो गए हैं। भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने से पहले सुनक भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश वित्त मंत्री भी थे जिन्होंने घबराई हुई जनता को उसकी आर्थिक स्थिति के बारे में आश्वस्त करने के लिए असंभव कार्य की ओर कदम बढ़ाया। उस दौरान तत्काल प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम पार्टीगेट स्कैंडल में सामने आया था जिससे वह अलोकप्रिय हो गए थे।

 3. पार्टीगेट स्कैंडल 

कोविड रोधी लॉकडाउन के समय संबंधित नियमों का उल्लंघन कर बोरिस जॉनसन के घर पार्टी की गई थी जिसे पार्टीगेट स्कैंडल के नाम से जाना जाता है। सुनक को अक्टूबर 2022 में दीपावली के दिन कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया था। तब उन्होंने 210 साल में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री और देश के पहले अश्वेत नेता के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश किया था।

4. एंटी इनकमबेंसी फैक्टर

प्रधानमंत्री के रूप में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के द्वार पर अपने पहले संबोधन में सुनक ने देश की समस्याओं को करुणा के साथ देखने और आर्थिक स्थिरता एवं विश्वास को अपनी सरकार के प्रमुख एजेंडे के रूप में रखने का संकल्प किया था। उन्होंने पूर्ववर्ती लिज़ ट्रस के नुकसानदेह साबित हुए मिनी-बजट के कारण बढ़ती महंगाई के बीच विशेष रूप से अस्थिर अवधि में कार्यभार संभाला था। हालांकि, वह महंगाई कम करने के अपने उद्देश्य में सफल रहे, लेकिन आतंरिक रूप से अत्यधिक विभाजित उनकी पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की व्यापक भावना और तेज हो गई। 

5. जनता चाहती थी बदलाव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सुनक दोनों ने एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हासिल करने की दिशा में काम किया, लेकिन 14वें दौर में बातचीत रुक गई क्योंकि दोनों नेता अपने-अपने देशों में आम चुनाव की तैयारियों में लग गए। पिछले 14 सालों से लगातार कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता संभाले हुए थी। लोग बदलाव चाहते थे। लोगों को लग रहा था कि कंजर्वेटिव पार्टी अपने वादों को नहीं निभा सकी है। बदलाव का समय आ चुका है। ये परिणाम उसी बदलाव का संकेत हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़