किसान के बेटे Kishore Kumar Jena को मिला पेरिस का टिकट, जेवलिन थ्रो में दिखायेंगे दमखम

Kishore Kumar Jena
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Jun 25 2024 6:58PM

चीन के हांगझोऊ में 86.77 मीटर भाला फेंककर किशोर कुमार जेना ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया। ओडिशा के पुरी जिले के कोठासाही गांव में किशोर जेना का घर है। छह बहनों में सबसे छोटे भाई किशोर जेना के पिता किसान हैं।

किशोर कुमार जेना ने चीन के हांगझोऊ में 86.77 मीटर भाला फेंककर पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया। ओडिशा के पुरी जिले के कोठासाही गांव में किशोर जेना का घर है। छह बहनों में सबसे छोटे भाई किशोर जेना के पिता किसान हैं और अपनी बेटियों की शादी की व्यवस्था करने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास कभी नहीं छोड़ा। जेना के अनुसार, जब वह किशोर थे, तब वह वॉलीबॉल खेलते थे। उन्होंने 2015 में भाला फेंकना शुरू किया।

किशोर जेना का घर ओडिशा के पुरी जिले के कोथासाही गांव में है। छह बहनों के सबसे छोटे भाई किशोर जेना के पिता खेती करते हैं और सभी बेटियों की शादी के लिये आर्थिक अड़चनें झेलने के बावजूद बेटे के सपने पूरे करने में कभी पीछे नहीं हटे। किशोर जेना के मुताबिक, वह पहले वॉलीबॉल खेलते थे। 2015 में उन्होंने भाला फेंक को अपनाया था। उन्होंने भुवनेश्वर के स्पोर्ट्स हॉस्टल से अपनी शुरूआत की थी। अब वह पटियाला साई केंद्र का हिस्सा हैं। परिवार में कोई खेलों से जुड़ा नहीं है। उनका साधारण मध्यमवर्गीय परिवार है। यह भाला फेंक में उनकी प्रतिभा ही थी जिसने उन्हें साल 2018 में भोपाल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में नौकरी दिला दी। 

जेना को अपने परिवार का समर्थन करने के लिए रोजगार की बहुत आवश्यकता थी क्योंकि उनके पिता केशब उसी साल एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे। जिसके कारण वह आंशिक रूप से अपाहिज हो गए और खेती करने में असमर्थ हो गए। इस बीच जेना अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और पुलिस प्रतियोगिताओं में पदक जीत रहे थे। CISF में थ्रोइंग इवेंट के कोच जगबीर सिंह को यकीन था कि किशोर जेना बड़ी और बेहतर चीजों के लिए बने हैं। किशोर ने बताया था कि वह पिछले दो साल से तैयारियों के कारण घर ही नहीं गए हैं। पिछली बार 2021 में जेना घर गए थे। उसके बाद से वह पटियाला में तैयारियों और स्पर्धाओं में जुटे हैं। 

किशोर के मुताबिक, ब्रेक लेने पर लय टूट जाती है। किशोर कई दिनों तक माता-पिता का चेहरा नहीं देख पाते हैं। दोनों को स्मार्टफोन चलाने नहीं आता है। उनकी छोटी बहन जब घर आती हैं तो वह वीडियो कॉल पर बात करवाती हैं। किशोर जेना ने इस साल पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भाग लिया था। तब वह पदक नहीं जीत पाए थे। जेना पांचवें पायदान पर रहे थे। अब उन्होंने एशियाई खेलों में उस कमी को पूरा कर लिया है। जेना का उच्चस्तर के टूर्नामेंट में यह पहला पदक है। उनकी नजर अब पेरिस ओलंपिक पर है। 

साल 2022 में बेंगलुरु में नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अपने आखिरी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में जेना ने 78.05 मीटर के नए व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के साथ कांस्य पदक जीता। साल 2023 में जेना अपने खेल को एक अलग स्तर पर ले गए। उन्होंने बेल्लारी में इंडियन ओपन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक के साथ सीजन की शुरुआत की, इस इवेंट में उन्होंने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 78.93 मीटर का थ्रो किया। तिरुवनंतपुरम में 2023 इंडियन ग्रां प्री में, किशोर जेना ने पहली बार 80 मीटर के बाधा को पार किया। उन्होंने 81.05 मीटर थ्रो के साथ एक और स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने भुवनेश्वर में नेशनल इवेंट में 82.87 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने श्रीलंका नेशनल में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में 84.38 मीटर के थ्रो के साथ आसान जीत हासिल की।

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