विवादों में घिरे रहने के बावजूद भी पहलवान Vinesh Phogat ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई

Vinesh Phogat
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Jul 3 2024 8:20PM

विनेश फोगाट ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने जा रहे ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया है। हालिया वर्षों में भारत से उभरे बेहतरीन पहलवानों में से एक के तौर पर विनेश फोगाट ने मैट पर अपना शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए कुश्ती की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है।

लंबे समय से विवादों में घिरीं देश की सुप्रिद्ध पहलवान विनेश फोगाट ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने जा रहे ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया है। हालिया वर्षों में भारत से उभरे बेहतरीन पहलवानों में से एक के तौर पर विनेश फोगाट ने मैट पर अपना शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए कुश्ती की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेल में तीन स्वर्ण, विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियाई खेल में एक स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं। उन्हें 2019 में विश्व चैंपियनशिप कांस्य के अलावा 2021 में एशियाई चैंपियन का ताज पहनाया गया था।

25 अगस्त 194 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ। विनेश का जन्म भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ। विनेश के ताऊ जी महावीर सिंह ने फोगाट बहनों को बहुत कम उम्र से ही इस खेल से परिचय करा दिया था। विनेश भी अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चल पड़ीं। जब फोगाट बहनों ने कुश्ती करना शुरू किया तो हरियाणा के गांव में लड़कियों को कुश्ती सिखाने के बारे में सोचा भी नहीं जाता था। उन्हें और उनके माता पिता को ताने दिए जाते थे। लेकिन जब विनेश केवल छह साल की थीं, तो उनके ताऊजी महावीर फोगाट ने घर की लड़कियों को पहलवानी सिखाने की ठान ली। ये इतना आसान नहीं थी। महज़ नौ साल की उम्र में विनेश के पिता का अचानक निधन हो गया। 

विनेश के ताऊ जी ने अपनी बेटियों विनेश को भी कुश्ती सिखानी शुरू की। पुरुषवादी व रूढ़िवादी सोच के लोगों ने महावीर फोगाट को बहुत बुरा भला कहा। फोगाट बहनों ने छोटे छोटे बाल रखें और निक्कर पहनकर गांव में प्रैक्टिस करने जाने लगीं। लोग कहते कि बेटियों को कम से कम फुल पैंट पहनाओ। जब उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई तो सुबह साढ़े तीन बजे उठ जाना पड़ता था। बचपन से ही बिना ट्रेनिंग के घंटों की गिनती किए बिना लगातार प्रैक्टिस करती थीं। गलती होने पर मार भी पड़ती। ट्रेनिंग के बाद वह स्कूल भी जाती, जहां थकान के कारण वह क्लासरूम में सो जाया करती थीं। बाल लंबे करने की इजाजत उन्हें नहीं थी, क्योंकि विनेश के ताऊ जी को लगता था कि लंबे बार ध्यान भटका सकते हैं। 

2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। उन्होंने स्वर्ण जीता तो ओलंपिक खेलों में कदम रखने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा। फिर 2016 रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। हालांकि उस दौरान वह पदक जीतने से चूक गईं। लेकिन इसके बाहर उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण हासिल किया। नूर सुल्तान में पहला विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल किया और इससे पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। 2021 एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनीं। साथ ही राष्ट्रमंडल खेल 2022 में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। विनेश फोगाट तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।

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